Intermittent Fasting Benefits: आजकल वजन घटाने के लिए लोग डाइटिंग, एक्सरसाइज, सप्लीमेंट्स और कई तरह के उपाय अपनाते हैं. लेकिन, एक तरीका ऐसा है जो न सिर्फ आसान है बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी असरदार माना गया है वह है इंटरमिटेंट फास्टिंग. यह कोई डाइट नहीं, बल्कि खाने का एक तरीका है जिसमें आप दिन के कुछ घंटों में खाना खाते हैं और बाकी समय उपवास करते हैं. इसका मकसद शरीर को फैट बर्निंग मोड में लाना और मेटाबॉलिज्म को सुधारना है.
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इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या है?
यह एक खाने का शेड्यूल है, जिसमें आप दिन के 24 घंटों में से कुछ घंटों में खाना खाते हैं और बाकी समय उपवास करते हैं. सबसे लोकप्रिय फॉर्मेट है 16:8, यानी 16 घंटे उपवास और 8 घंटे खाने का समय.
उदाहरण: सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक खाना, बाकी समय सिर्फ पानी, हर्बल टी या ब्लैक कॉफी लेना.
इंटरमिटेंट फास्टिंग से फैट कैसे घटता है? (How Does Intermittent Fasting Reduce Fat?)
1. इंसुलिन लेवल कम होता है: उपवास के दौरान शरीर में इंसुलिन लेवल कम होता है, जिससे फैट स्टोरेज घटता है और फैट बर्निंग बढ़ती है.
2. मेटाबॉलिज्म तेज होता है: शरीर को एनर्जी के लिए फैट बर्न करना पड़ता है, जिससे मेटाबॉलिक रेट बढ़ता है.
3. कैलोरी इनटेक कम होता है: सीमित समय में खाने से ओवरईटिंग नहीं होती और कैलोरी कंट्रोल में रहती है.
4. हॉर्मोन बैलेंस होता है: ग्रोथ हॉर्मोन और नॉरएड्रेनालिन जैसे हॉर्मोन फैट लॉस में मदद करते हैं.
किसे नहीं करनी चाहिए इंटरमिटेंट फास्टिंग? (Who Should Not do Intermittent Fasting?)
1. गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं: उन्हें नियमित पोषण की जरूरत होती है, उपवास से कमजोरी हो सकती है.
2. डायबिटीज के मरीज: ब्लड शुगर लेवल गिर सकता है, जिससे चक्कर या बेहोशी की आशंका रहती है.
3. कमजोर मेटाबॉलिज्म वाले लोग: उन्हें बार-बार खाने की जरूरत होती है, उपवास से थकान और कमजोरी हो सकती है.
4. ईटिंग डिसऑर्डर वाले लोग: इंटरमिटेंट फास्टिंग से मानसिक तनाव और खाने की आदतें बिगड़ सकती हैं.
वेट लॉस का रामबाण तरीका क्या है? (What is the Best Way to Lose Weight?)
1. सही खाना खाएं: उपवास के बाद हेल्दी फूड जैसे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, प्रोटीन लें. तला-भुना, मीठा और प्रोसेस्ड फूड से बचें.
2. हाइड्रेटेड रहें: उपवास के दौरान पानी, नींबू पानी, हर्बल टी लेते रहें.
3. नींद और व्यायाम जरूरी है: अच्छी नींद और हल्का व्यायाम जैसे वॉक या योग वेट लॉस को तेज करते हैं.
4. धीरे-धीरे शुरू करें: शुरुआत में 12:12 फॉर्मेट अपनाएं, फिर धीरे-धीरे 16:8 पर जाएं.
इंटरमिटेंट फास्टिंग के अन्य फायदे
- ब्लड शुगर कंट्रोल होता है.
- दिल की सेहत सुधरती है.
- मानसिक स्पष्टता बढ़ती है.
- एंटी-एजिंग प्रभाव दिखता है.
- पाचन तंत्र बेहतर होता है.
इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन घटाने का एक आसान, असरदार और वैज्ञानिक तरीका है. यह शरीर को फैट बर्निंग मोड में लाकर मेटाबॉलिज्म को तेज करता है. लेकिन, यह हर किसी के लिए नहीं है कुछ लोगों को इसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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