Vitamin D Normal Range According To Age: विटामिन डी हमारे शरीर के लिए एक बहुत ही ज़रूरी पोषक तत्व है, जिसे अक्सर 'सनशाइन विटामिन' भी कहा जाता है. यह न सिर्फ हमारी हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है, बल्कि हमारे इम्यून सिस्टम (रोग प्रतिरोधक क्षमता) और मानसिक स्वास्थ्य को भी ठीक रखने में मदद करता है. यह जानना ज़रूरी है कि हमारे शरीर में विटामिन डी का सही स्तर (Level) कितना होना चाहिए. इस बारे में हमने बात की ऑर्थोपेडिक सर्जन: डॉ. ईश्वर बोहरा से. जानें उन्होंंने क्या बताया-
ज़्यादातर लोगों को लगता है कि विटामिन डी का स्तर सभी उम्र के लोगों के लिए एक जैसा होता है, जबकि सच्चाई यह है कि कुछ बातों को ध्यान में रखना पड़ता है. हम बात करेंगे कि डॉक्टर सामान्य तौर पर विटामिन डी के किस स्तर को सही मानते हैं, और उम्र के हिसाब से इसमें क्या अंतर आ सकता है.
सबसे पहले, विटामिन डी का स्तर किसमें मापा जाता है?
जब आप विटामिन डी का ब्लड टेस्ट कराते हैं, तो इसका स्तर नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर (ng/mL) या नैनोमोल्स प्रति लीटर (nmol/L) में मापा जाता है. भारत में आमतौर पर ng/mL यूनिट का इस्तेमाल होता है.
विटामिन डी के सामान्य स्तर की रेंज क्या है? (Standard Ranges)
डॉक्टरों और स्वास्थ्य संगठनों (Health Organizations) के बीच विटामिन डी के स्तर को लेकर मोटे तौर पर तीन मुख्य श्रेणियाँ (Categories) तय की गई हैं:
- कमी (Deficient): अगर स्तर 20 ng/mL से कम है. इस स्थिति में आपको सप्लीमेंट्स लेने की सख्त ज़रूरत होती है.
- अपर्याप्तता (Insufficient): अगर स्तर 20 ng/mL से 30 ng/mL के बीच है. इसका मतलब है कि आप कमी की तरफ बढ़ रहे हैं और आपको खुराक (Dose) बढ़ाने की ज़रूरत है.
- पर्याप्तता/सामान्य (Sufficient/Normal): अगर स्तर 30 ng/mL से 50 ng/mL के बीच है. यह ज़्यादातर स्वस्थ लोगों के लिए सही रेंज मानी जाती है.
- उच्च (High/Potentially Toxic): अगर स्तर 100 ng/mL से ज़्यादा है, तो यह विषाक्त (Toxic) हो सकता है और आपको तुरंत डॉक्टर से बात करनी चाहिए.
- सबसे सुरक्षित और आदर्श स्तर: ज़्यादातर डॉक्टर 30 ng/mL से 60 ng/mL के बीच के स्तर को स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा मानते हैं.
क्या विटामिन डी का स्तर उम्र के हिसाब से बदलता है? (Vitamin D Levels by Age)
आमतौर पर, स्वस्थ रहने के लिए विटामिन डी की 'पर्याप्तता' की रेंज सभी उम्र के वयस्कों (Adults) के लिए 30 ng/mL से ऊपर ही रहती है, लेकिन कुछ उम्र समूहों में खास बातों का ध्यान रखना पड़ता है:
1.नवजात और बच्चे (0-18 वर्ष):
इस उम्र में हड्डियों का तेज़ी से विकास होता है. बच्चों को रिकेट्स (Rickets) जैसी बीमारी से बचाने के लिए पर्याप्त विटामिन डी ज़रूरी है.
सामान्य लक्ष्य: 30 ng/mL से ऊपर.
ध्यान दें: छोटे बच्चों को सीधे धूप में नहीं रखना चाहिए, इसलिए उन्हें अक्सर डॉक्टर की सलाह पर ड्रॉप्स (Drops) दिए जाते हैं.
2.वयस्क (19-50 वर्ष) :
इस आयु वर्ग के लोगों को अपनी जीवनशैली के आधार पर स्तर बनाए रखना होता है. जो लोग ज़्यादा समय घर के अंदर (Indoors) रहते हैं, उन्हें कमी होने का खतरा ज़्यादा होता है.
सामान्य लक्ष्य: 30 ng/mL से 60 ng/mL के बीच.
3.गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं :
गर्भावस्था (Pregnancy) के दौरान विटामिन डी की ज़रूरत बढ़ जाती है, क्योंकि यह बच्चे के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
सामान्य लक्ष्य: 30 ng/mL से ऊपर, ताकि बच्चे में भी कमी न हो. डॉक्टर अक्सर गर्भावस्था के दौरान सप्लीमेंट की खुराक बढ़ाते हैं.
4.बुजुर्ग (50 वर्ष से अधिक) :
यह वह उम्र है जब विटामिन डी की कमी का खतरा सबसे ज़्यादा होता है.
कारण: जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारी त्वचा सूरज की रोशनी से विटामिन डी बनाने की क्षमता खो देती है. साथ ही, हड्डियों के कमज़ोर होने (Osteoporosis) का खतरा भी बढ़ जाता है.
सामान्य लक्ष्य: 40 ng/mL से 60 ng/mL के ऊपरी रेंज में स्तर बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि हड्डियां स्वस्थ रहें और गिरने पर फ्रैक्चर का खतरा कम हो.
अगर विटामिन डी का स्तर कम हो तो क्या होता है? (Deficiency Symptoms)
विटामिन डी की कमी होने पर आपको ये लक्षण दिख सकते हैं:
- बार-बार बीमार पड़ना (कमज़ोर इम्यूनिटी)
- लगातार थकान महसूस होना
- हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द
- मूड स्विंग्स या डिप्रेशन
विटामिन डी कैसे बढ़ाएं?
विटामिन डी बढ़ाने के तीन मुख्य तरीके हैं:
- धूप: रोज़ाना सुबह 10 बजे से 3 बजे के बीच 15-20 मिनट हल्की धूप लेना.
- आहार: फैटी फिश (जैसे सैल्मन), अंडे की ज़र्दी, और फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ खाएं.
- सप्लीमेंट्स: डॉक्टर की सलाह पर विटामिन डी सप्लीमेंट्स (Tablets or Capsules) लेना. यह कमी दूर करने का सबसे असरदार तरीका है.
विटामिन डी का सामान्य स्तर सभी उम्र के स्वस्थ वयस्कों के लिए 30 ng/mL से 60 ng/mL के बीच होना चाहिए. हालाँकि, बच्चों और बुज़ुर्गों के लिए इस स्तर को बनाए रखना और भी महत्वपूर्ण है. अगर आप थकावट या हड्डियों में दर्द महसूस करते हैं, तो तुरंत ब्लड टेस्ट कराएं और अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार सप्लीमेंट्स लेना शुरू करें. अपने विटामिन डी के स्तर को पर्याप्त रखना अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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