Causes Of Eye Weakness: इन दो विटामिन की कमी से लग जाता है चश्मा, इन फूड्स का सेवन कर बढ़ाएं आंखों की रोशनी

Reason Of Low Eyesight: कुछ विटामिन और जरूरी पोषक तत्वों की कमी हमारी आंखों की रोशनी को भी प्रभावित करती है. अगर आप इस पर ध्यान नहीं देते हैं तो धीर-धीरे आंखें बहुत ज्यादा कमजोर हो जाती हैं.

Causes Of Eye Weakness: इन दो विटामिन की कमी से लग जाता है चश्मा, इन फूड्स का सेवन कर बढ़ाएं आंखों की रोशनी

Causes Of Eye Weakness: विटामिन्स की की से धीर-धीरे आंखें बहुत ज्यादा कमजोर हो जाती हैं.

खास बातें

  • आपके शरीर को 13 आवश्यक विटामिन की जरूरत होती है.
  • विटामिन्स की कमी से धीर-धीरे आंखें बहुत ज्यादा कमजोर हो जाती हैं.
  • कुछ जरूरी पोषक तत्वों की कमी आंखों की रोशनी को भी प्रभावित करती है.

Vitamin That Cause Low Eyesight: विटामिन और खनिज दो जरूरी पोषक तत्व हैं जो शरीर के हेल्दी कामकाज में मदद करते हैं. संक्रमण से लड़ने में मदद करने से लेकर, हमारी हड्डियों की ताकत बढ़ाने, हार्मोनल कार्यों और आंखों की रोशनी (Eyesight) को रेगुलेट करने तक, पोषक तत्व हमारे समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने में बहुत जरूरी होते हैं. कुछ विटामिन और जरूरी पोषक तत्वों की कमी (Nutritional Deficiencies) हमारी आंखों की रोशनी को भी प्रभावित करती है. अगर आप इस पर ध्यान नहीं देते हैं तो धीर-धीरे आंखें बहुत ज्यादा कमजोर हो जाती हैं.

विटामिन की कमी और अनेक स्वास्थ्य समस्याएं | Vitamin Deficiency And Health Problems

आपके शरीर को 13 आवश्यक विटामिन की जरूरत होती है, जो आप कई फूड्स से प्राप्त कर सकते हैं. प्रत्येक विटामिन की एक अलग भूमिका होती है, यही वजह है कि विटामिन की कमी कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है और कई लक्षण पैदा कर सकती है.

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सामान्य रूप से विटामिन की कमी का अर्थ है शरीर में विटामिन का लो लेवल या अपर्याप्त मात्रा. यह थकान, कमजोरी, चक्कर आना, चिड़चिड़ापन से लेकर हड्डियों की कमजोरी, त्वचा के रंग में बदलाव या बार-बार चोट लगने से लेकर कई लक्षण पैदा कर सकता है. इसके अलावा, कुछ विटामिनों की कमी होने से आप अवसाद सहित कई संक्रमणों और बीमारियों के शिकार हो जाते हैं.

दो विटामिन जिनकी कमी से आंखों की रोशनी कमजोर होती है:

माना जाता है कि विटामिन ए और बी12 की कमी से आंखों की रोशनी प्रभावित हो सकती है. अगर इलाज न किया जाए तो दृष्टि हानि हो सकती है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, विटामिन ए की कमी कॉर्निया को बहुत शुष्क बनाकर अंधेपन में योगदान करती है, जिससे रेटिना और कॉर्निया को नुकसान पहुंचता है.

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इसी तरह विटामिन बी12 की कमी से भी आंखों की रोशनी कम हो सकती है. विटामिन बी 12 मस्तिष्क और तंत्रिका कोशिकाओं के कार्य और विकास के लिए जरूरी पोषक तत्व है. इसकी अपर्याप्तता से ऑप्टिक न्यूरोपैथी हो सकती है. इसके साथ ही आंखों की रोशनी कम होने का भी खतरा रहता है.

कैसे पहचानें कि शरीर में विटामिन ए की कमी है?

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, रतौंधी विटामिन ए की कमी के पहले लक्षणों में से एक है, जो बच्चों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है. अन्य लक्षणों में संक्रमण, जेरोफथाल्मिया - एक ऐसी स्थिति जिसमें आंखें बहुत ड्राई हो जाती हैं - त्वचा में जलन, प्रजनन समस्याएं और बहुत कुछ शामिल हैं.

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विटामिन ए की कमी का प्राइमरी कारण शरीर में पर्याप्त विटामिन ए नहीं मिल रहा है या शरीर में विटामिन ए प्रभावी ढंग से अवशोषित नहीं हो रहा है.

विटामिन बी12 की कमी से होने वाली अन्य समस्याए:

- आपकी त्वचा पर हल्का पीला रंग

- एक पीड़ादायक और लाल जीभ (ग्लोसाइटिस)

- मुंह के छालें

- पेरेस्टेसिया

- आपके चलने और घूमने के तरीके में बदलाव

- कमजोर आंखों की रोशनी

- चिड़चिड़ापन और अवसाद

- आपके सोचने, महसूस करने और व्यवहार करने के तरीके में बदलाव.

- आपकी मानसिक क्षमताओं में गिरावट, जैसे स्मृति, समझ और निर्णय (मनोभ्रंश).

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शरीर में विटामिन ए और बी12 का लेवल कैसे बढ़ाएं? | How To Increase Vitamin A And B12 Level In The Body?

पनीर, अंडे, ऑयली फिश, फोर्टिफाइड लो-फैट स्प्रेड, दूध और दही विटामिन ए के कुछ बेहतरीन फूड सोर्सेज हैं. आप अपने आहार में बीटा-कैरोटीन के अच्छे स्रोतों को शामिल करके भी विटामिन ए प्राप्त कर सकते हैं, क्योंकि शरीर इसे रेटिनॉल में बदल सकता है.

पीली, लाल और हरी (पत्तेदार) सब्जियां, जैसे पालक, गाजर, शकरकंद और लाल मिर्च और पीले फल, जैसे आम, पपीता और खुबानी बीटा-कैरोटीन के अच्छे स्रोत हैं.

आप इनकी पर्याप्त मात्रा पोर्क, हैम, पोल्ट्री, लेम्ब, मछली (टूना और हैडॉक), सी फूड जैसे शेलफिश और केकड़ा, डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे पनीर, दही, अंडे, दूध, के जरिए से प्राप्त कर सकते हैं.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.