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कहीं आप भी तो नहीं खा रहे हैं जहरीली हल्दी, रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, जानिए सेहत को कैसे पहुंचा रही नुकसान

Toxic turmeric: भारतीय मसालों की प्रसिद्धि की बात करें तो ये पूरी दुनिया में ही अपने अनूठे स्वाद के लिए जाने जाते हैं. सिर्फ स्वाद ही नहीं बल्कि इन मसालों में पाए जाने वाले तत्व सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होते हैं. जिनमें से बात करें हल्दी की तो इसका इस्तेमाल खाने में रंगत और स्वाद बढ़ाने के साथ ही अपने स्वास्थ्य लाभों के लिए भी जानी जाती है.

कहीं आप भी तो नहीं खा रहे हैं जहरीली हल्दी, रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, जानिए सेहत को कैसे पहुंचा रही नुकसान
हल्दी में हो रही भारी मिलावट सेहत को पहुंचा रही नुकसान.

Toxic turmeric: भारतीय मसालों की प्रसिद्धि की बात करें तो ये पूरी दुनिया में ही अपने अनूठे स्वाद के लिए जाने जाते हैं. सिर्फ स्वाद ही नहीं बल्कि इन मसालों में पाए जाने वाले तत्व सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होते हैं. जिनमें से बात करें हल्दी की तो इसका इस्तेमाल खाने में रंगत और स्वाद बढ़ाने के साथ ही अपने स्वास्थ्य लाभों के लिए भी जानी जाती है. इसके औषधीय और एंटीबैक्टीरियल गुण इसे और खास बनाते हैं. लेकिन इसके फायदों का लाभ उठाने के लिए इसका शुद्ध होना जरूरी है. दरअसल आजकल मुनाफे के चलते खाने-पीने की चीजों में चल रही मिलावट से हल्दी भी नहीं बची है. हाल ही में अमेरिका में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक सर्वेक्षण किया जिसमें 23 शहरों पटना, गुवाहाटी, चेन्नई, इस्लामाबाद, कराची, पेशावर और काठमांडू से लिए गए 356 हल्दी के नमूनों में से 24 (7 प्रतिशत) में सीसे की मात्रा भारत की मानक सीमा 10 माइक्रोग्राम प्रति ग्राम से ज्यादा थी. भारत के 17 शहरों से लिए गए सैंपल्स में से पटना में 12 में से 11 सैंपल में, गुवाहाटी में 18 में से 2 सैंपल में और चेन्नई में 19 में से एक सैंपल में सीसे की मात्रा FSSAI की तय की हई सीमा से ज्यादा थी.

हल्दी में कैसे की जाती है मिलावट

लेड क्रोमेट 

हल्दी में रंग को चमकदार बनाने के लिए लेड क्रोमेट नामक जहरीले रसायन का इस्तेमाल किया जाता है. यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है और इसमें न्यूरोलॉजिकल समस्याओं और किडनी के बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है.

कास्टिक सोडा और दूसरे केमिकल्स

कुछ व्यापारी हल्दी को ज्यादा समय तक सुरक्षित रखने के लिए कास्टिक सोडा और दूसरे हानिकारक रसायनों का उपयोग करते हैं, जो शरीर के लिए हानिकारक हो सकते हैं.

फंगस और माइक्रोटॉक्सिन्स

गलत तरीके से स्टोर की गई  हल्दी में फंगस और माइक्रोटॉक्सिन्स विकसित हो सकते हैं. जो पाचन तंत्र को नुकसान पहुँचा सकते हैं और आगे चलकर कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं.

कीटनाशकों का उपयोग

हल्दी की खेती में ज्यादा मात्रा में कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है, जो कि फसल के साथ-साथ कंजयूमर्स की सेहत को भी नुकसान पहुंचा सकता है.

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मिलावटी हल्दी खाने के नुकसान

डाइजेशन

ज्यादा मात्रा में इस तरह की मिलावटी हल्दी का सेवन करने से पेट में जलन, अपच, और दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

किडनी और लिवर 

लंबे समय तक ज्यादा मात्रा में मिलावटी हल्दी का सेवन किडनी और लिवर पर भी असर डाल सकता है.

ब्रेन फंक्शन

मिलावटी हल्दी में पाया जाने वाले लेड का असर ब्रेन फंक्शिंग पर भी पड़ता है. बता दें कि शोधकर्ताओं ने मॉडलिंग गणनाओं का उपयोग करके अनुमान लगाया है कि बिहार में हल्दी के नमूनों में पाए जाने वाले लेड स्तर के संपर्क में आने वाले बच्चों का आईक्यू स्तर नॉन-कॉनटेक्ट बच्चों की तुलना में 7 अंक कम होगा. बता दें कि लेड के ज्यादा सेवन का असर सिर्फ बच्चों पर ही नहीं बल्कि व्यस्कों पर भी बराबर पड़ता है. 

घर पर कैसे करें असली और नकली हल्दी की पहचान

हल्दी में लेड क्रोमेट मिले हैं कि नहीं इसका पता लगाने के लिए FSSAI की तरफ से वीडियो शेयर किया गया है. जिसमें हल्दी की पहचान कैसे करें बताया गया है. इसमें आपको दो गिलास में पानी लेना है. अब उसमें खड़ी यानि की साबुत हल्दी को डालकर रखना है. अगर आपकी हल्दी का रंग छूटता है और पानी पीले रंग का हो जाता है तो समझ जाइए कि आपकी हल्दी में मिलावट है. वहीं अगर आपके गिलास का पानी बिल्कुल साफ रहता है तो आपकी हल्दी शुद्ध है.

हल्दी की न्यूट्रिशनल वैल्यू

हल्दी में 100 से भी ज्यादा घटक पाए जाते हैं. इसकी जड़ में मौजूद प्रमुख घटक एक वाष्पशील तेल होता है जिसमें हल्दी होती है. इसके साथ ही इसमें करक्यूमिनोइड्स भी मौजूद रहते हैं. करक्यूमिनोइड्स में करक्यूमिन डेमेथॉक्सीकरक्यूमिन, डायहाइड्रो करक्यूमिन, और मेथोक्सी करक्यूमिन होते हैं, जो नेचुरल एंटीऑक्सीडेंट हैं. हल्दी की सुगंध के लिए टर्मेरोन, आर्टुरमेरोन और जिंजिबेरेन ज़िम्मेदार घटक पाए जाते हैं.

हल्दी का सेवन करने के फायदे

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हल्दी में पाए जाने वाली औषधीय गुण इसे और खास बनाते हैं. खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ ही ये कई बीमारियों से भी बचाने में आपकी मदद कर सकती है. हल्दी में कैंसर रोधी गुण भी पाये जाते है. इसके अलावा दर्द, सूजन, कटा हुआ या जलना इन सभी चीजों में हल्दी का उपयोग होता है. इसके साथ ही स्किन केयर के लिए भी हल्दी का उपयोग किया जाता है. 

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हल्दी के गुण

  1. यह एक एंटीऑक्सीडेंट हो सकती है.
  2. यह ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में मदद कर सकती है.
  3. यह हाइपोलिपिडेमिक (कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली) हो सकती है.
  4. यह सूजन को कम करने में मदद कर सकती है.
  5. यह सूक्ष्मजीवों के विरुद्ध प्रभावी हो सकती है.
  6. इसमें हेपेटोप्रोटेक्टिव (लीवर को सुरक्षित रखने वाले) गुण हो सकते हैं.
  7. इसमें नेफ्रोप्रोटेक्टिव (किडनी को सुरक्षित रखने वाले) गुण हो सकते हैं.
  8. यह थक्कारोधी के रूप में कम कर सकती है (खून के थक्के जमने को रोकता है).

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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