
क्या आपको कभी ऐसा महसूस हुआ है कि गले के अंदर कुछ फंसा हुआ है, या फिर अच्छी तरह से ब्रश और कुल्ला करने के बावजूद मुंह से बदबू आ रही है? हो सकता है कि इसकी वजह टॉन्सिल स्टोन (Tonsil Stones) हो. इसका मेडिकल टर्म टॉन्सिलोलिथ्स (Tonsilloliths) है. ये अक्सर हानिकारक नहीं होते, लेकिन परेशानी और शर्मिंदगी की वजह बन सकते हैं.
टॉन्सिल स्टोन क्या होते हैं? (What are Tonsil Stones?)
टॉन्सिल स्टोन छोटे, कठोर और सफेद या पीले रंग के दाने जैसे होते हैं, जो टॉन्सिल की सतह पर बनी गहरी जगहों (क्रिप्ट्स) में फंसे खाने के कण, मृत कोशिकाओं (dead cells), बलगम (mucus) और बैक्टीरिया के कारण बनते हैं. समय के साथ ये पदार्थ जमा होकर सख्त हो जाते हैं और स्टोन का रूप ले लेते हैं. कुछ स्टोन छोटे होते हैं, जो आसानी से दिखाई भी नहीं देते, जबकि कुछ बड़े आकार के हो सकते हैं और गले में खराश या निगलने में दिक्कत पैदा कर सकते हैं.
टॉन्सिल स्टोन के आम लक्षण क्या हैं?
- मुंह से बदबू (Bad Breath): यह सबसे सामान्य लक्षण है. बैक्टीरिया की वजह से सल्फर गैस बनती है, जिससे लगातार बदबू आती रहती है.
- गले में खराश या दर्द (Sore Throat): स्टोन की वजह से गले की आसपास की जगह में जलन और दर्द हो सकता है, भले ही इंफेक्शन न हो.
- निगलने में परेशानी : बड़े स्टोन खाने-पीने के समय गले में फंसे होने का एहसास दिलाते हैं.
- कान में दर्द: भले ही कान में इंफेक्शन न हो, लेकिन गले और कान की नसें जुड़ी होने के चलते कान में दर्द महसूस हो सकता है.
- सूजन और जलन : बड़े या ज्यादा स्टोन होने पर टॉन्सिल सूज सकते हैं. ऐसे में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
- लगातार खांसी : गले में जलन की वजह से सूखी खांसी या बार-बार गला साफ करने की आदत भी हो सकती है.
टॉन्सिल स्टोन घरेलू उपाय क्या हैं? (Home Remedies):
- गुनगुने नमक के पानी से गरारे करें: दिन में 2–3 बार गरारे करने से स्टोन ढीले हो सकते हैं और बैक्टीरिया भी कम होंगे.
- जोर से खांसी करना: कई बार हल्का-सा जोर लगाकर खांसने से छोटे स्टोन खुद ही बाहर आ जाते हैं.
- वॉटर फ्लॉसर का इस्तेमाल: हल्के प्रेशर पर वॉटर फ्लॉसर से टॉन्सिल धोने से स्टोन निकल सकते हैं.
- कॉटन स्वैब से निकालना: साफ कॉटन स्वैब से धीरे-धीरे स्टोन को बाहर निकाला जा सकता है, लेकिन ध्यान रखें कि चोट न लगे.
टॉन्सिल स्टोन का इलाज क्या है?
- एंटीबायोटिक: बैक्टीरिया और सूजन कम करने के लिए डॉक्टर दवा दे सकते हैं, लेकिन ये स्टोन रिमूव नहीं करते हैं.
- लेजर टॉन्सिल क्रिप्टोलाइसिस: इसमें लेजर से टॉन्सिल की सतह को चिकना किया जाता है ताकि क्रिप्ट्स न बनें.
- कोब्लेशन क्रिप्टोलाइसिस (Coblation Cryptolysis): इसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी से टॉन्सिल की सतह को ठीक किया जाता है, यह तरीका ज्यादा सुरक्षित माना जाता है.
- टॉन्सिलेक्टॉमी (Tonsillectomy): बार-बार होने वाले गंभीर मामलों में टॉन्सिल को पूरी तरह निकालने के लिए ये सर्जरी की जाती है.
टॉन्सिल स्टोन आमतौर पर खतरनाक नहीं होते, लेकिन ये आपको दिक्कत दे सकते हैं. अगर लक्षण हल्के हैं, तो घरेलू उपाय काफी होते हैं. लेकिन लगातार गले में दर्द, बदबू या निगलने में दिक्कत हो रही हो, तो ENT एक्सपर्ट से सलाह लेना जरूरी है. सही समय पर इलाज और सावधानी से आप इस समस्या से राहत पा सकते हैं.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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