Dairy Product: दूध और दही का इस्तेमाल बरसों से भारतीय रसोई में होता आ रहा है. घर में चाय बननी है तो दूध चाहिए. कॉफी बननी है तो भी दूध चाहिए. इसके अलावा खिचड़ी बने या सलाद बने, सब में दही की जरूरत भी होती है. इस हिसाब से दूध से लेकर दही तक के डेयरी प्रोडक्ट हमारे खाने की थाली का अहम हिस्सा हैं. लेकिन अब वीगन के दौर में, मिलावट के डर या सेहत के लिहाज से बहुत से लोग डेयरी प्रोडक्ट से बचने लगे हैं. दूध, दही और इस जैसे डेयरी प्रोडक्ट से दूरी बनाने से शरीर में कई तरह के बदलाव देखे जा सकते हैं. आपको बताते हैं कि करीब एक महीने तक अगर आप डेयरी प्रोडक्ट नहीं लेंगे तो क्या क्या बदलाव महसूस कर सकते हैं.
डेयरी प्रोडक्ट न खाने का असर | Effects Of Not Having Dairy Product
बैड फैट से छुटकारा
अगर आप रोज जरूरत से ज्यादा डेयरी प्रोडक्ट ले रहे हैं तो बैड फैट बढ़ने और शुगर बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है. डेयरी प्रोडक्ट न लेकर आप सैचुरेटेड फैट्स और शुगर के सेवन से खुद को बचा सकते हैं.
वजन घटाने में मददगार
डेयरी प्रोडक्ट की ओवरईटिंग करने वालों का वजन भी ज्यादा बढ़ता है. हर तरह के डेयरी प्रोडक्ट में अच्छी खासी कैलोरी होती है. इसलिए डेयरी प्रोडक्ट लेने से कैलोरी और फैट दोनों बढ़ते हैं. जबकि इनसे दूरी बना कर वजन घटाने की प्रोसेस में तेजी लाई जा सकती है.
हार्ट की बीमारियों से बचाव
कुछ एक्सपर्ट की राय है कि आप तीन या उससे ज्यादा हफ्तों तक डेयरी प्रोडक्ट से दूरी बनाकर रखते हैं तो दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है. खासतौर से फुल फैट मिल्क जैसे प्रोडक्ट हार्ट डिसीज के साथ साथ डायबिटीज का खतरा भी बढ़ाते हैं.
डाइजेशन में सुधार
जो लोग गैस की समस्या, ब्लोटिंग या एसिडिटी के मरीज होते हैं उन्हें भी डेयरी प्रोडक्ट से दूरी बनाए रखनी चाहिए. दूध के अंदर लेक्टोज नाम का तत्व होता है जो कुछ मामलों में डाइजेशन को वीक बनाता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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