2017 में मिशेल रोकाती का एक मोटरबाइक से एक्सीडेंट हो गया था, जिससे उनका निचला शरीर पूरी तरह से लकवाग्रस्त हो गया था. 2020 में एक नई रीढ़ की हड्डी के ट्रासप्लांट के बाद वह फिर से चल पा रहे हैं. इम्प्लांट मसल्स को इलेक्ट्रिक पल्स भेजता है, मस्तिष्क की क्रिया की नकल करता है और एक दिन रीढ़ की गंभीर चोटों वाले लोगों को खड़े होने, चलने और व्यायाम करने में मदद कर सकता है. यह रीढ़ की हड्डी की चोटों वाले लोगों के लिए इलेक्ट्रिकल पल्स का उपयोग करके लंबे समय से चल रहे शोध पर आधारित है, जिसमें उसी टीम द्वारा 2018 का अध्ययन भी शामिल है जिसने लोअर बॉडी के पैरालाइसिस वाले लोगों को फिर से चलने में मदद की.
"यह एक बहुत ही भावनात्मक अनुभव था," रोकाती ने पत्रकारों से कहा कि पहली बार इलेक्ट्रकल पल्स को एक्टिव किया गया था. वह अध्ययन में शामिल तीन रोगियों में से एक थे, जो नेचर मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित हुए, वे सभी दुर्घटनाओं के बाद अपने निचले शरीर को मूव करने में असमर्थ थे. छह-सेंटीमीटर इम्प्लांट डालने के तुरंत बाद तीनों चलने में सक्षम हो गए और उनकी पल्स को ठीक कर दिया गया.
स्किन हेल्थ को बर्बाद कर सकते हैं ये 7 फूड्स, जानें कौन सी चीजें खाने से चमक उठेगी आपकी स्किन
लॉजेन यूनिवर्सिटी अस्पताल के एक न्यूरोसर्जन जोसेलीन ब्लोच ने टेस्ट का नेतृत्व करने में मदद की, "ये इलेक्ट्रोड पहले से लगाए गए लोगों की तुलना में लंबे और बड़े थे और हम इस नई तकनीक के लिए अधिक मांसपेशियों तक पहुंच सकते हैं." चार महीने के भीतर रोकाती बैलेंस के लिए केवल एक फ्रेम के साथ चल सकते थे.
Good News of the Week:
— ian bremmer (@ianbremmer) February 8, 2022
For the first time ever, a person with a severed spinal cord is able to walk again thanks to implanted electrodes pic.twitter.com/ZkqhQJP6TL
"ऐसा नहीं है कि यह तुरंत एक चमत्कार है" स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के एक न्यूरोसाइंटिस्ट ग्रेगोइरे कोर्टाइन ने चेतावनी दी, जिन्होंने बलोच के साथ शोध का नेतृत्व किया, लेकिन अभ्यास के साथ रोकाती अब कई घंटों तक खड़े रह सकते हैं और लगभग एक किलोमीटर चल सकते हैं. दूसरे परीक्षण में अन्य लोग भी सीढ़ियां चढ़ने, तैरने में सक्षम थे.
'मैं सुधार देखता हूं'
सुधार इलेक्ट्रिकल स्टिमुलेशन पर निर्भर करते हैं, जो रोगी द्वारा किए गए कंप्यूटर के माध्यम से ट्रिगर होता है जो पल्सेस के पैटर्न को सक्रिय करता है. दो रोगी अब अपनी मांसपेशियों को बिना इलेक्ट्रिकल पल्स के थोड़ा सक्रिय कर सकते हैं, लेकिन केवल न्यूनतम रूप से. तुलनात्मक रूप से पिछले अध्ययन में इलाज किए गए लोअर बॉडी पैरालाइसिस वाले कुछ रोगी अपने पहले के स्थिर पैरों को मूव करने और उत्तेजना के बिना खड़े होने में सक्षम हैं. नए परीक्षण में तीन लोग इम्प्लांट से कम से कम एक साल पहले घायल हो गए थे और बलोच को उम्मीद है कि दुर्घटना के तुरंत बाद तकनीक का परीक्षण किया जाएगा.
मुलेठी का सेवन किस मौसम में है सबसे ज्यादा फायदेमंद? जानें इस औषधीय जड़ी-बूटी के जबरदस्त फायदे
"हम सभी क्या सोचते हैं कि अगर आप पहले कोशिश करते हैं तो इसका अधिक प्रभाव होगा," उन्होंने कहा. चुनौतियां हैं: जल्दी ठीक होने में, एक मरीज की क्षमता अभी भी प्रवाह में है, जिससे प्रगति को मापने के लिए एक आधार रेखा निर्धारित करना कठिन हो जाता है और चल रहे चिकित्सा उपचार और दर्द रिहेबिटेशन में बाधा डाल सकते हैं. अब तक ट्रांसप्लांट केवल उन लोगों के लिए उपयुक्त हैं जिन्हें लोअर थोरासिस स्पाइन के ऊपर की चोट हो.
दर्द को कंट्रोल करने, पैराइलाइसिस को एड्रेस करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक से उत्पन्न इलेक्ट्रिक पल्स का उपयोग करने का विचार मददगार है शोधकर्ताओं ने कहा कि वे आगे के अनुप्रयोगों के लिए गुंजाइश देखते हैं. उन्होंने यह भी दिखाया है कि यह रीढ़ की हड्डी की चोट के रोगियों में लो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल कर सकता है और जल्द ही गंभीर पार्किंसंस रोग के लिए इसके उपयोग पर एक अध्ययन जारी करने की योजना बना रहे हैं.
वे उम्मीद करते हैं कि यह इस साल संभव होगा और संयुक्त राज्य अमेरिका और फिर यूरोप में 50-100 रोगियों को शामिल करने वाले बड़े पैमाने पर परीक्षणों की योजना है. रोकाती ने कहा कि वह घर पर रोजाना इम्प्लांट को एक्टिव करते हैं और मजबूत होते रहते हैं. "मैं हर दिन सुधार देखता हूं," उन्होंने कहा. "जब मैं इसका इस्तेमाल करता हूं तो मुझे अच्छा लगता है."
जानें क्या है बच्चे पैदा करने की सही उम्र, 30 के बाद बेबी प्लानिंग और रिस्क
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं