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How to Safely Buy Medicine: बाजार में एक बार फिर निम्न क्वालिटी की दवाइयों का बोल बाला, जानिए सब-स्टैंडर्ड दवाइयां खरीदने से कैसे बचें

सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) ने अपनी हालिया मासिक रिपोर्ट में पैन डी, पेरासिटामोल और  ग्लाइसीमेट एसआर 500 जैसी 48 दवाओं को सब-स्टैंडर्ड बताया है.

How to Safely Buy Medicine: बाजार में एक बार फिर निम्न क्वालिटी की दवाइयों का बोल बाला, जानिए सब-स्टैंडर्ड दवाइयां खरीदने से कैसे बचें
दुकान से दवा खरीदते वक्त इन बातों का रखे ख्याल

How to Safely Buy Medicine: आजकल की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में सिर दर्द, पेट संबंधी दिक्कत और सर्दी-बुखार जैसी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां काफी आम हो गई है. इन छोटी-मोटी परेशानियों से पीछा छुड़ाने के लिए हम खुद मेडिकल स्टोर से या डॉक्टर की सलाह पर दवाइयां खरीद लाते हैं. हालांकि, सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) ने अपनी हालिया मासिक रिपोर्ट में पैन डी, पेरासिटामोल और  ग्लाइसीमेट एसआर 500 जैसी 48 दवाओं को सब-स्टैंडर्ड बताया है. दवाओं के सब-स्टैंडर्ड होने का मतलब यह है कि ये दवाएं ठीक तरह से काम नहीं करती है. सीडीएससीओ की लेटेस्ट रिपोर्ट से कई लोग परेशान हो गए हैं कि आखिर किस दवा पर भरोसा करें और किस पर नहीं.

सीडीएससीओ की रिपोर्ट

सीडीएससीओ की लेटेस्ट रिपोर्ट ने कई लोगों को चिंता में डाल दिया है. रिपोर्ट में पैन डी, पेरासिटामोल और  ग्लाइसीमेट एसआर 500 सहित 48 दवाओं को सब-स्टैंडर्ड बताया गया है. सीडीएससीओ के अधिकारियों और दवा डीलर्स ने कहा है कि घबराने की कोई बात नहीं है और नियमित तौर पर ऐसी जांचें होती रहती हैं. सब-स्टैंडर्ड दवाएं जान के लिए खतरा नहीं होती है बल्कि ठीक ढंग से काम नहीं करती है.

सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन का कहना है कि दवाओं की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए ऐसे जांच बेहद जरूरी है. लेकिन सवाल यह उठता है कि दवाइयां खरीदते वक्त यह कैसे पता करें कि कोई दवा सही है या नहीं, तो कुछ बातों को ध्यान में रखकर आप सही दवा खरीद पाएंगे.

दवा खरीदते वक्त इन बातों का रखें ध्यान (Keep these things in mind while buying medicine)

दवा खरीदते वक्त कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें ताकि सब-स्टैंडर्ड दवाओं के बजाए आप सिर्फ अच्छी क्वालिटी की दवाइयां ही खरीदें.

सर्टिफिकेट देखें

किसी भी मेडिकल स्टोर से दवा खरीदने से पहले इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर स्टैंडर्डाइजेशन (आईएसओ) या वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिसेज (डब्ल्यूएचओ-जीएमपी) का सर्टिफिकेट जरूर देखें.

इंजेक्शन और इंसुलिन

इंसुलिन को 6 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर रखना जरूरी है तभी यह असरदार होती है. इसी तरह कई इंजेक्शन्स को भी एक निश्चित तापमान पर रखना जरूरी होता है. इसीलिए इंजेक्शन या इंसुलिन खरीदने से पहले इस बात पर जरूर ध्यान दें कि मेडिकल स्टोर में इस तरह की दवाओं को स्टोर करने की सुविधा है या नहीं.

एक्सपायरी डेट

कई बार दवाएं थोक में खरीद ली जाती है और जब एक्सपायरी डेट नजदीक आता है तो भारी डिस्काउंट के साथ बेच दी जाती है. सही तरह से स्टोर नहीं करने पर दवाइयां एक्सपायरी डेट के नजदीक आते ही बेअसर हो जाती है. इसलिए दवा खरीदने से पहले एक्सपायरी डेट जरूर चेक करें. एक्सपायरी डेट नजदीक आने पर कई दवाओं के सब-स्टैंडर्ड होने का चांस कई गुना बढ़ जाता है.

नियमित जांच कराएं

अगर आपको ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हैं और आप नियमित तौर पर बीपी और शुगर लेवल मेंटेन करने के लिए दवाइयां लेते हैं तो जांच जरूर कराएं. नियमित तौर पर बीपी और शुगर लेवल जांच करवाने से आपको यह पता चल पाएगा की दवाइयां असर कर रही है या सब-स्टैंडर्ड है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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