
Hip Replacement Surgery: हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी को लेकर आमतौर पर लोगों के मन में डर और सवाल होते हैं क्या ये सफल होगी? क्या सर्जरी के बाद चलना आसान होगा? क्या दर्द खत्म होगा? लेकिन हाल ही में एक वीडियो ने इस सर्जरी की बारीकियों को बेहद सरल और रोचक तरीके से समझाया है. ऑर्थो सर्जन डॉक्टर कोरी कैलेंडाइन एमडी ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें बताया गया है कि हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी के दौरान सिर्फ 30 सेकंड ऐसे होते हैं जो तय करते हैं कि मरीज की आगे की जिंदगी कितनी आरामदायक होगी. ये 30 सेकंड सर्जरी का सबसे नाजुक और तकनीकी हिस्सा होते हैं, जिसे कहते हैं फेमोरल ब्रॉचिंग.
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हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी क्या होती है?
यह एक ऑपरेशन है जिसमें किसी चोट के कारण या खराब हो चुके हिप जॉइंट को हटाकर उसकी जगह आर्टिफिशियल जॉइंट लगाया जाता है. यह सर्जरी उन लोगों के लिए होती है जिन्हें चलने-फिरने में दर्द या परेशानी होती है, खासकर गठिया या चोट के कारण.
फेमोरल ब्रॉचिंग: वो 30 सेकंड जो सब बदल देते हैं?
फेमोरल ब्रॉचिंग वह प्रक्रिया है जिसमें सर्जन मरीज की जांघ की हड्डी (फेमर) के अंदर एक सटीक आकार की जगह बनाते हैं ताकि उसमें नया इम्प्लांट फिट हो सके.
इसमें क्या होता है?
- सर्जन सबसे पहले फेमोरल कैनाल खोलते हैं.
- फिर छोटे आकार के ब्रॉच (कटिंग टूल्स) से शुरुआत करते हैं.
- धीरे-धीरे बड़े आकार के ब्रॉच से जगह को बढ़ाते हैं.
- हर ब्रॉच को एक हथौड़े से सटीक तरीके से फिट किया जाता है.
लास्ट ब्रॉच एक ट्रायल इम्प्लांट की तरह काम करता है जिससे स्थिरता, मूवमेंट और टांग की लंबाई जांची जाती है.
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क्यों है ये प्रक्रिया इतनी अहम?
- अगर ब्रॉचिंग सही न हो तो इम्प्लांट ढीला हो सकता है.
- गलत अलाइनमेंट से चलने में दिक्कत, दर्द या री-सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है.
- सही ब्रॉचिंग से इम्प्लांट स्थिर रहता है और मरीज बिना दर्द के चल सकता है.
- यह प्रक्रिया टांग की लंबाई को भी बैलेंस करती है.
डॉक्टर की सलाह
डॉ. कैलेंडाइन कहते हैं कि इस प्रक्रिया में प्रिसिजन यानी सटीकता सबसे जरूरी है. सर्जन को हर ब्रॉच को सही दिशा, गहराई और कोण पर लगाना होता है ताकि इम्प्लांट पूरी तरह फिट हो और मरीज को लंबे समय तक आराम मिले.
हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी का भविष्य उन 30 सेकंड पर निर्भर करता है जब सर्जन फेमोरल ब्रॉचिंग करते हैं. यह एक तकनीकी और सेंसिटिविट प्रक्रिया है, लेकिन अगर सही तरीके से की जाए तो मरीज की जिंदगी पूरी तरह बदल सकती है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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