Reasons Behind Poor Sleep: हम सबके बीच शायद ही ऐसा कोई हो जिसे नींद की अहमियत (importance of sleep) मालूम नहीं होगा. मेडिकल साइंस में अच्छी और गहरी नींद को शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए सबसे ज्यादा जरूरी बताया जाता है. अगर आप ठीक से नींद (Good Sleep) नहीं ले पाते तो फौरन इस परेशानी को दूर करने के उपाय के बारे में सोचें, नहीं तो ये सेहत पर बेहद खराब असर डाल सकता है और बीमारियों के जोखिम को बढ़ा सकता है. आजकल देश और दुनिया भर में नींद नहीं (Less Sleep) आने की बीमारी लगातार बढ़ती जा रही है. अनिद्रा (insomnia) के मरीजों की संख्या को रोकने और नींद को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए दुनिया भर में वर्ल्ड स्लीप डे मनाया जाता है. इस दिन सेहत के लिए नींद की अहमियत और जरूरत को लेकर जागरूकता फैलाने पर जोर दिया जाता है.
नींद न आने के कारण (Reasons Behind Poor Sleep)
उम्र बढ़ने के साथ सोने और जागने के पैटर्न में स्वाभाविक बदलाव के चलते अच्छी क्वालिटी नींद की कमी हो सकती है. हालांकि, अच्छी नींद की कमी के कई और कारण भी हैं. अगर यंग एज में ही आपको नींद से जुड़ी परेशानियां होती हैं तो इसके कई कारण हो सकते हैं. आइए, लगातार खराब नींद के कुछ बेहद अहम कारणों के बारे में जानते हैं. यह भी पढ़ें : नींद की गोली से ज्यादा असरदार हैं ये, बच्चों जैसी नींद पाने के लिए अपनाएं गहरी नींद आने के उपाय, फॉलो करें 5 आसान हेल्दी स्लीप रुटीन
गलत भोजन करना : मसालेदार भोजन से सीने में जलन बढ़ सकती है. असुविधाजनक ढंग से भोजन करने से मोटापा बढ़ सकता है. यह स्लीप एपनिया के लिए एक सबसे बड़ा जोखिम है. समय के साथ आपको पेट भरने में दिक्कत महसूस हो सकती है. बहुत अधिक कैफीन आपको पूरी रात जगाए रख सकता है. आपकी बॉडी में मौजूद कैफीन की आधी मात्रा को आपके सिस्टम से बाहर निकलने में छह घंटे तक का समय लग सकता है.
रात को वर्कआउट करना : हमारी फिजिकल एक्टिविटी से ही एक हेल्दी लाइफ स्टाइल बनती है. अफसोस की बात है कि जब रात को आराम करने का समय होता है, तब कई लोग देर रात तक वर्कआउट करने लगते हैं. इससे हार्ट रेट बढ़ सकती है. पर्याप्त नींद पाने के लिए अपने वर्कआउट को कुछ घंटे और पहले शेड्यूल करने के बारे में जरूर सोचें.
सोने से पहले स्क्रीन देखना : अपने मोबाइल, लैपटॉप या टीवी पर बहुत अधिक समय बिताना आपको पर्याप्त नींद लेने से रोक देता है. हाल के रिसर्च ने नींद की समस्याओं को बैकलिट गैजेट्स से निकलने वाली ब्लू रेज से जोड़ा है. ज्यादा स्क्रीन टाइम से आपकी सर्कैडियन रिदम पर असर पर सकता है.
तनाव और दबाव : एक मुश्किल से भरा दिन आपकी रातों को भी बेचैन कर सकता है. ऐसे बेचैन रात का नतीजा सुबह नींद से भरी आंखों में दिखता है. एक थकी हुई सुबह आपके तनाव को और ज्यादा बढ़ा देती है. तनाव और खराब नींद के बीच के रिश्ते को समझकर ही तोड़ा जा सकता है.
सोने से ठीक पहले भोजन करना : सोने से पहले हल्का-फुल्का कुछ खाया जा सकता है, लेकिन अगर आप बहुत अधिक खा लेते हैं, तो सोते समय आप शारीरिक रूप से असहज महसूस कर सकते हैं. सीने में जलन, खाने के बाद एसिडिटी और बदहजमी के कारण भी आप देर तक जगे रह सकते हैं.
निकोटीन या अल्कोहल का इस्तेमाल : अगर आप दोपहर बाद या देर शाम को कॉफी, चाय, कोला जैसा कैफीन वाला कुछ सामान सेवन करते हैं तो आपको रात में सोने में परेशानी हो सकती है. शुरुआत में निकोटीन और अल्कोहल भले सोने में आपकी मदद करे, लेकिन बाद में यह क्वालिटी नींद को डिस्टर्ब करती है. यह सब अक्सर रात में आपको जागने पर मजबूर कर सकती है.
अस्थमा के दौरे और सांस संबंधी समस्याएं : रात में अस्थमा के दौरे भी सोते हुए शख्स को अचानक जगा देती है. रेस्पिरेटरी सिस्टम के आसपास की मांसपेशियों में सर्कैडियन बदलावों के कारण रात में सोने की दिक्कत और बढ़ जाती है. अगर आपको सांस लेने में समस्या है, अस्थमा के दौरे पड़ने का डर है, स्टेरॉयड का इस्तेमाल करते हैं या कैफीन जैसे उत्तेजक असर वाली कोई चीज लेते हैं, तो फिर ठीक से सो पाना काफी मुश्किल हो सकता है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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