Aalas Aane Ka Karan: आजकल बहुत से लोग हर समय सुस्ती और आलस महसूस करते हैं. काम करने का मन नहीं करता, शरीर भारी लगता है और हर बात में थकावट महसूस होती है. धार्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने इस समस्या के पीछे के कुछ आसान लेकिन जरूरी कारण बताए हैं. उनके अनुसार, आलस सिर्फ मन का नहीं, बल्कि शरीर से जुड़ी एक समस्या है.
शरीर में आलस आने के क्या कारण हैं?
शरीर में विटामिन की कमी बन सकती है आलस की वजह
श्री श्री रविशंकर के अनुसार, अगर शरीर में विटामिन डी और विटामिन बी12 की कमी होती है, तो व्यक्ति को हर समय थकावट और सुस्ती महसूस होती है. विटामिन डी की कमी से शरीर कमजोर लगता है और Vitamin B12 की कमी से दिमाग भारी और नींद-सी आती रहती है. इसके लिए धूप में कुछ समय बैठना और सही पोषण लेना बहुत जरूरी है.
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ज्यादा खाना और ज्यादा कार्ब्स भी बढ़ाते हैं सुस्ती
अगर आप बहुत ज्यादा खाना खाते हैं, खासकर कार्बोहाइड्रेट से भरपूर चीजें जैसे चावल, मैदा, मिठाइयां, फास्ट फूड, तो शरीर उसे पचाने में बहुत ऊर्जा लगा देता है. इससे शरीर सुस्त हो जाता है और तुरंत आराम करने का मन करता है. इसलिए हल्का और संतुलित भोजन बहुत जरूरी है.
ताजे फल और हल्का खाना है सबसे बड़ा इलाज
आलस से बचने के लिए रोजाना ताज़े फल खाना बहुत फायदेमंद है. फल शरीर को तुरंत एनर्जी देते हैं और पेट को भी हल्का रखते हैं. हरी सब्जियां, दालें और हल्का खाना लेने से शरीर एक्टिव रहता है और दिनभर काम करने का मन करता है.
एक्सरसाइज से दूर होगा आलस
श्री श्री रविशंकर के अनुसार, रोजाना हल्की एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी है. वॉक, योग या हल्की स्ट्रेचिंग करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहता है और एनर्जी बनी रहती है.
प्राणायाम और सांस लेने की तकनीक का असर
प्राणायाम और गहरी सांस लेने की तकनीक दिमाग को शांत करती है और शरीर में नई एनर्जी भरती है. रोज़ सुबह 10–15 मिनट गहरी सांस लेने की प्रैक्टिस करने से आलस धीरे-धीरे दूर हो जाता है और मन भी फ्रेश रहता है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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