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क्या आप भी स्किप कर देते हैं सुबह का नाश्ता? तो जान लें इससे होने वाले नुकसान

Breakfast Benefits: अक्सर कई लोग सुबह का ब्रेकफास्ट करना स्किप कर देते हैं. अगर आप भी उन्हीं में से एक हैं तो जान लें इससे होने वाले नुकसान.

क्या आप भी स्किप कर देते हैं सुबह का नाश्ता? तो जान लें इससे होने वाले नुकसान
Breakfast Benefits: सुबह के नाश्ते से छुट्टी पड़ सकती है महंगी.

Breakfast Benefits: ब्रेकफास्ट हमारे दिन का सबसे जरूरी मील होता है. इसलिए तो कहते हैं कि नाश्ता हमेशा हेल्दी करना चाहिए ताकि शरीर को सेहतमंद रखा जा सके. कुछ लोग सुबह के नाश्ते को उतना महत्वपूर्ण नहीं मानते हैं. वे अक्सर जल्दबाजी में नाश्ता छोड़ देते हैं. लेकिन सुबह का नाश्ता छोड़ना काफी खतरनाक साबित हो सकता है और व्यक्ति डिमेंशिया का शिकार भी हो सकता है. डिमेंशिया मस्तिष्क से जुड़ी हुई एक बीमारी है. इसमें दिमाग की कोशिकाओं को नुकसान होता है और संज्ञानात्मक क्षमता में कमी आती है. डिमेंशिया में याददाश्त, सोच, भाषा, निर्णय लेने और सीखने की क्षमता में कमी आती है. सुबह का नाश्ता छोड़ना इसका एक महत्वपूर्ण कारण है.

अमेरिकी रोग नियंत्रण केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, साल 2015 से 2018 तक 20 वर्ष से अधिक उम्र के 15 प्रतिशत अमेरिकियों ने नियमित रूप से नाश्ता छोड़ दिया. सुबह के समय व्यस्तता, उपवास या वजन कम करने के कारण इसका प्रचलन बढ़ा है. वहीं, कई लोग रोजाना दिन की शुरुआत भोजन के साथ नहीं करना चाहते.

नाश्ता ना करने के नुकसान- Nashta Na Karne Ke Nuksan:

'जर्नल ऑफ न्यूरो रेस्टोरेटोलॉजी' के एक अध्ययन के अनुसार, सुबह के समय नाश्ता छोड़ना काफी नकारात्मक प्रभाव डालता है. इससे शरीर में तनाव पैदा होता है, जो कोर्टिसोल के स्राव को बढ़ाता है. इससे समय के साथ पेट की चर्बी बढ़ती है. ब्रेकफास्ट नहीं करना लो ब्लड शुगर को भी बढ़ाता है. ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि मस्तिष्क को खाने की आवश्यकता होती है, जब तक मस्तिष्क को यह नहीं मिलता, वह स्पष्ट रूप से नहीं सोच सकता. ग्लूकोज को मस्तिष्क का प्राथमिक ईंधन कहा जाता है.

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Photo Credit: iStock

एक अध्ययन के अनुसार, नाश्ता छोड़ने से मस्तिष्क के स्वास्थ्य पर लंबे समय के लिए कुछ नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं. शोधकर्ताओं ने कुछ विशेष परिस्थिति बनाकर शोध में शामिल होने वाले लोगों को दो भागों में बांटा, ताकि नाश्ता छोड़ने वालों की तुलना नाश्ता करने वालों से की जा सके.

शोध का हिस्सा रहे प्रतिभागियों का एमआरआई करवाया गया, जिसमें नाश्ता नहीं करने वाले लोगों का मस्तिष्क सिकुड़ता हुआ नजर आया, जो डिमेंशिया के लक्षण से जुड़ा है. इसके अलावा खून की जांच कराई, उनमें कुछ न्यूरो डीजेनरेशन बायोमार्कर का स्तर उन लोगों की तुलना में अधिक था जो नाश्ता नहीं छोड़ते थे. ऐसे में डिमेंशिया से बचने के लिए नियमित रूप से नाश्ता करना आवश्यक है. हालांकि, सुबह के समय का नाश्ता बहुत अधिक नहीं होना चाहिए.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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