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चावल में कितना Protein होता है? जवाब जान हो जाएंगे हैरान!

100 Gram Rice Protein Quantity : तो अगली बार जब आप चावल की प्लेट देखें, तो उसे सिर्फ फैट बढ़ाने वाला न समझें. इसे दाल या सब्जी के साथ खाएं. इस तरह, आप बहुत कम खर्च में एक सस्ता, आसान और असरदार प्रोटीन सोर्स हासिल कर सकते हैं.

चावल में कितना Protein होता है? जवाब जान हो जाएंगे हैरान!
जब आप चावल और दाल को एक साथ खाते हैं, तो यह एक 'कम्पलीट प्रोटीन' मील बन जाता है.

How much protein is in rice : हमारे देश में रोटी-चावल मेन खाना है. हममें से ज्यादातर लोग चावल को बस पेट भरने वाला, सस्ता और अच्छा 'कार्बोहाइड्रेट' मानते हैं. जब बात प्रोटीन की आती है, तो हम सीधे चिकन, अंडा, या दाल की तरफ देखते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जिस चावल को आप कार्बोहाइड्रेट समझकर खा रहे हैं, उसमें प्रोटीन भी हो सकता है? हां और यह जानकारी खासकर शाकाहारी लोगों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है. आज के इस आर्टिकल में हम चावल में प्रोटीन कितना होता है, इसके बारे में बताने जा रहे हैं, ताकि आप इसे प्रोटान सोर्स के रूप में भी चुन सकें...

100 ग्राम चावल में कितना प्रोटीन? How much protein is there in 100 grams of rice?

अब आते हैं सीधे काम की बात पर. 100 ग्राम पके हुए सफेद चावल (White Rice) में आपको करीब 2 से 3 ग्राम प्रोटीन मिलता है. बता दें कि आप एक बार के खाने में 150 से 200 ग्राम तक चावल तो आराम से खा लेते हैं. इसका मतलब है कि सिर्फ चावल से ही आपको 4 से 6 ग्राम प्रोटीन मिल गया.

यह उन लोगों के लिए बड़ी बात है, जो अपनी रोज की प्रोटीन की जरूरत को पूरा करने के लिए संघर्ष करते हैं. चावल बेशक प्रोटीन का 'सुपरस्टार' नहीं है, लेकिन यह एक आसान और सस्ता जरिया तो जरूर है.

सफेद चावल vs  ब्राउन राइस किसमें है ज्यादा प्रोटीन

अगर आपको चावल से और ज्यादा प्रोटीन चाहिए, तो आपको अपनी प्लेट में ब्राउन राइस (Brown Rice) शामिल करना चाहिए. ब्राउन राइस में सफेद चावल की तुलना में प्रोटीन और फाइबर, दोनों ज्यादा होते हैं. 100 ग्राम पके ब्राउन राइस में लगभग 3.5 ग्राम तक प्रोटीन मिल जाता है. बेशक, इसे पकाने में थोड़ा अधिक टाइम लगता है और स्वाद में थोड़ा फर्क होता है, लेकिन सेहत के मामले में यह बेस्ट है.

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अब एक सबसे जरूरी बात. चावल में जो प्रोटीन होता है, वह थोड़ा अधूरा होता है. इसे साइंस की भाषा में 'इनकम्प्लीट प्रोटीन' कहते हैं. इसका मतलब इसमें कुछ जरूरी एमिनो एसिड्स (amino acids) की कमी होती है, जो हमारे शरीर को चाहिए.

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यही वजह है कि हमारे बड़े-बुजुर्गों ने हमें दाल-चावल, राजमा-चावल या छोले-चावल खाने को कहा है. दालों या फलियों (Pulses/Legumes) में वे एमिनो एसिड्स होते हैं, जिनकी कमी चावल में होती है. जब आप चावल और दाल को एक साथ खाते हैं, तो यह एक 'कम्पलीट प्रोटीन' मील बन जाता है.

तो अगली बार जब आप चावल की प्लेट देखें, तो उसे सिर्फ  फैट बढ़ाने वाला न समझें. इसे दाल या सब्जी के साथ खाएं. इस तरह, आप बहुत कम खर्च में एक सस्ता, आसान और असरदार प्रोटीन सोर्स हासिल कर सकते हैं.
 

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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