Gehu ka Aata Khane ke Nuksan: हमारे रोज के खाने में अगर कोई चीज सबसे ज़्यादा अहमियत रखती है, तो वो है आटा (Flour). सुबह, दोपहर और रात-दिन में तीन बार हम इसे खाते हैं. लेकिन हैरानी की बात यह है कि जितना यह ज़रूरी है, उतना ही इग्नोर भी किया जाता है. हम फल, सब्ज़ियों और हेल्दी डाइट की बातें करते हैं, लेकिन शायद ही कोई “आटे” पर ध्यान देता है. डॉ. सलीम के अनुसार, अगर आप अपने रोज़मर्रा के आटे में कुछ खास चीज़ें मिला लें, तो यह आपके लिए एक सुपरफूड बन सकता है. इससे न केवल आपकी इम्यूनिटी मजबूत होगी, बल्कि डायबिटीज, मोटापा, आर्थराइटिस, यूरिनरी इंफेक्शन, हार्ट डिजीज जैसी कई बीमारियों से भी आप बचे रह सकते हैं.
सिर्फ गेहूं का आटा क्यों नहीं?
भारत में ज़्यादातर लोग केवल गेहूं का ही आटा इस्तेमाल करते हैं. लेकिन सिर्फ एक ही तरह के अनाज का सेवन करने से शरीर को दूसरे ग्रेन्स (grains) में मिलने वाले न्यूट्रिएंट्स नहीं मिल पाते.
गेहूं खाने के नुकसान
भारत में जो गेहूं अधिकतर उपलब्ध है, वह हाइब्रिड फॉर्म में होता है — यानी इसके बीजों को क्रॉस-ब्रीड किया गया है. इस प्रोसेस में कई बार गामा रेज़, एक्स-रे और केमिकल्स का इस्तेमाल होता है, जिससे अनाज का जेनेटिक ढांचा बदल जाता है. ऐसा गेहूं लंबे समय तक खाने से शरीर पर धीरे-धीरे असर होता है, जैसे मोटापा बढ़ना, डायबिटीज की संभावना, ब्लड शुगर लेवल बढ़ना, ग्लूटेन एलर्जी, थायराइड की समस्या बढ़ना.
हमारे दादा-दादी के जमाने में गेहूं नैचुरल होता था, जिसमें पेस्टिसाइड्स या जेनेटिक बदलाव नहीं होते थे. साथ ही, वे एक ही तरह का आटा नहीं, बल्कि मौसमी अनाज (जैसे बाजरा, ज्वार, रागी) का भी सेवन करते थे. यही कारण था कि वे बुज़ुर्ग होकर भी फिट और एक्टिव रहते थे.
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आटे को हेल्दी बनाने का आसान तरीका
अगर आप गेहूं का आटा खाते हुए भी उसकी कमियों को दूर करना चाहते हैं, तो आपको इसमें सिर्फ चार चीजें मिलानी हैं.
1. चना (Chickpeas)
• प्रोटीन और फाइबर का बेहतरीन स्रोत
• वजन कम करने में मददगार
• ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करता है
• खून की कमी (Anemia) को दूर करने में सहायक
2. जौ (Barley)
• किडनी और यूरिनरी ट्रैक्ट के लिए फायदेमंद
• बार-बार होने वाले यूटीआई और किडनी स्टोन में राहत
• शरीर को ठंडक देता है और डिटॉक्स करता है
3. रागी (Finger Millet)
• कैल्शियम और प्रोटीन से भरपूर
• हड्डियों को मज़बूत बनाता है
• डायबिटीज और मोटापा नियंत्रित करने में सहायक
• स्किन और बालों की सेहत को बेहतर करता है
• एंटी-एजिंग गुणों से त्वचा को झुर्रियों और ढीलापन से बचाता है
4. बाजरा (Pearl Millet)
• आयरन से भरपूर, विशेष रूप से महिलाओं के लिए फायदेमंद
• खून की कमी (Iron Deficiency) को दूर करता है
• शरीर से टॉक्सिन्स निकालकर डिटॉक्सिफिकेशन करता है
• पाचन और एनर्जी लेवल को बेहतर बनाता है
सही अनुपात (Proportion)
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आटा बनाने का सही रेश्यो-
सामग्री अनुपात (भाग)
- गेहूं - 10 हिस्से
- चना - 2.5 हिस्से
- जौ - 2 हिस्से
- रागी - 1 हिस्सा
- बाजरा - 1 हिस्सा
बनाने और स्टोर करने का तरीका
- सभी अनाज को साबुत रूप में लें और अच्छी तरह धोकर धूप में सुखाएं.
- इन्हें अलग-अलग पीसें, एक साथ नहीं. क्योंकि हर अनाज का साइज और टेक्सचर अलग होता है, इसलिए एक साथ पीसने पर बारीकपन समान नहीं रहता.
- अलग-अलग आटे को एयरटाइट कंटेनर में स्टोर करें.
- जब रोटी बनानी हो, तब इन्हें बताए गए रेश्यो में मिलाकर ताज़ा आटा तैयार करें.
- अगर एक बार में मिलाकर रखना चाहें तो 5–6 दिन की मात्रा से ज़्यादा स्टोर न करें, वरना कीड़े लगने या खराब होने की संभावना बढ़ जाती है.
सिर्फ गेहूं का आटा खाना शरीर को धीरे-धीरे नुकसान पहुँचा सकता है. लेकिन अगर आप इन चार चीज़ों — चना, जौ, रागी और बाजरा को सही अनुपात में अपने आटे में मिला लेते हैं, तो यह साधारण आटा एक पोषक और शक्तिशाली सुपरफूड बन जाएगा. छोटा सा बदलाव आपकी सेहत, एनर्जी और लंबी उम्र के लिए बड़ा फर्क ला सकता है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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