राजधानी दिल्ली में एयर क्वॉलिटी की स्थिति काफी गंभीर, सरकार ने दिए निर्देश

राजधानी दिल्ली में एयर क्वॉलिटी की स्थिति काफी गंभीर, सरकार ने दिए निर्देश

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के कारण वायु की गुणवत्ता बेहद गंभीर श्रेणी की रही है। बुधवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 410 तक पहुंच गया, जिसे गंभीर माना जाता है। जबकि मंगलवार को यह 368 या बेहद खराब रही, वहीं सोमवार को 229 यानी खराब थी।

'बेहद खराब' वायु गुणवत्ता (एयर क्वॉलिटी) व्यक्ति को बीमार बना सकती है, और गंभीर खतरे की ओर ईशारा करती है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, धुंध के कारण दृश्यता में लगातार गिरावट जारी रहेगी।

वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली में कल कण और ज्यादा धुंध देखी गई। आईएमडी के एक अधिकारी के मुताबिक, "दृश्यता में अभी और गिरावट आएगी और गुरुवार को इसके 150 मीटर से नीचे चले जाने की संभावना है।"

इस बीच दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को एक बैठक की और दिल्ली में पांच प्रमुख चौराहों पर इंड्यूस्ड-ड्राफ्ट एयर ट्रीटमेंट सिस्टम्स लगाने का फैसला किया।

दिल्ली सरकार ने एक बयान में कहा, "इन उपकरणों में कार्बन मोनोक्साइड तथा कण उत्सर्जन को व्यस्त समय के दौरान 20-30 मीटर के दायरे में 40-60 फीसदी तक कम करने की क्षमता है।"

सरकार ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए उपाय करने का निर्देश दिया।

नेशनल एन्वायरन्मेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनईईआरआई) ने इन सोल्यूशंस को डिजाइन करने व क्रियान्वयन करने को कहा है।

सिसोदिया ने यह भी आदेश दिया कि एनईईआरआई के साथ मिलकर डीपीसीसी वायु प्रदूषण के संबंध में पांच अध्ययन करे।

सरकार द्वारा प्रस्तावित उपायों में गाय के गोबर के उपयोग की व्यवहार्यता, गटर के कीचड़, संभावित ईंधन के रूप में फिटकरी के गाद का इस्तेमाल, टाइल्स व ईंट को लेकर अध्ययन शामिल है।

सरकार वायु प्रदूषण नियंत्रण प्रणाली के लिए हरित श्मशान गृह, ईंट भट्ठों पर वायु प्रदूषण नियंत्रण तथा क्लीन तंदूर कम्युनिटी किचेन सिस्टम पर भी ध्यान केंद्रित करेगी।


 
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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