
Giloy Ke Fayde aur Nuksan: गिलोय को गुडुची या अमृता भी कहा जाता है. इसे आयुर्वेद में एक बहुत ही चमत्कारी औषधि माना जाता है. इसका पौधा बेल की तरह बढ़ता है और यह नीम या पेड़-पौधों पर चढ़कर फैलता है. आयुर्वेद में इसे रोगों से लड़ने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला माना गया है. जब भी बात कमजोर इम्यूनिटी की आती है तो गिलोय की चर्चा जरूर होती है. लेकिन, हर चीज की तरह गिलोय के भी फायदे और कुछ नुकसान हो सकते हैं. क्या आप जानते हैं कि गिलोय के फायदे और नुकसान क्या है? गिलोय का सेवन करने का तरीका क्या है? आइए जानते हैं...
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गिलोय के फायदे (Benefits of Giloy in Hindi | Gilo Ke Faye)
इम्यूनिटी बढ़ाए: गिलोय को प्राकृतिक इम्यूनिटी बूस्टर कहा जाता है. नियमित सेवन से शरीर संक्रमण और मौसमी बीमारियों से बचा रह सकता है.
बुखार में राहत: डेंगू, मलेरिया और वायरल बुखार में गिलोय का काढ़ा पीना फायदेमंद माना जाता है. यह प्लेटलेट्स की संख्या को बनाए रखने में मदद करता है और बुखार की तीव्रता को कम करता है.
पाचन को मजबूत बनाए: कब्ज, गैस और अपच जैसी समस्याओं में गिलोय उपयोगी है. यह पाचन क्रिया को दुरुस्त कर पेट को हल्का और हेल्दी बनाए रखता है.
डायबिटीज कंट्रोल में सहायक: गिलोय ब्लड शुगर लेवल को संतुलित करने में मदद करता है. इसलिए इसे मधुनाशिनी भी कहा जाता है.
त्वचा और बालों के लिए फायेदमंद: इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को ग्लोइंग और बालों को हेल्दी बनाने में मदद करते हैं.
जोड़ों के दर्द में राहत: गठिया, जोड़ों का दर्द और सूजन जैसी समस्याओं में गिलोय का सेवन लाभकारी माना गया है.
स्ट्रेस और थकान दूर करे: गिलोय दिमाग को शांत करने और तनाव कम करने में मदद करता है. यह स्लीप क्वालिटी को भी बेहतर बनाता है.
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गिलोय के नुकसान (Disadvantages of Giloy in Hindi | Giloy Ke Nuksan)
बहुत ज्यादा सेवन से लिवर पर असर: ज्यादा मात्रा में गिलोय लेने से लिवर पर दबाव पड़ सकता है. कुछ मामलों में हेपेटोटॉक्सिसिटी (लिवर डैमेज) के केस सामने आए हैं.
ब्लड शुगर बहुत कम कर सकता है: डायबिटीज के मरीज अगर गिलोय का जरूरत से ज्यादा सेवन करें तो ब्लड शुगर बहुत नीचे गिर सकता है.
ऑटोइम्यून बीमारियों में नुकसान: जिन्हें रूमेटाइड आर्थराइटिस या लुपस जैसी बीमारियां हैं, उनके लिए गिलोय का सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए.
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सावधानी: गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान इसका सेवन बिना डॉक्टर की राय के नहीं करना चाहिए.
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गिलोय सेवन करने का तरीका (How To Consume Giloy)
- गिलोय का काढ़ा: इसकी ताजा डंठल या सूखे पाउडर से काढ़ा बनाकर पी सकते हैं.
- गिलोय का जूस: बाजार में गिलोय का जूस उपलब्ध है. सुबह खाली पेट आधा कप जूस लेना लाभकारी है.
- गिलोय पाउडर: इसे पानी या शहद के साथ लिया जा सकता है.
- गिलोय की गोली: आयुर्वेदिक दवाइयों में गिलोय की गोलियां भी आती हैं जिन्हें निर्देश अनुसार लिया जा सकता है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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