
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार 22 मई को एक बार फिर रेडियो पर 'मन की बात' के ज़रिए अलग अलग मुद्दों पर अपने विचार प्रस्तुत किए। यह इस कार्यक्रम का 20वां प्रसारण है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बार 'मन की बात' में भीषण गर्मी और सूखे पर अपनी चिंता जाहिर की है।
पीएम की कही अहम बातें -
मॉनसून एक हफ्ता देरी से आएगा जिसकी वजह से चिंता बढ़ गई है। जंगल कम होते गए, पेड़ कटते गए, मानवजाति ने ही प्रकृति का विनाश करके स्वयं के विनाश का मार्ग प्रशस्त कर दिया है।
11 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ सूखे की स्थिति पर विस्तार से बातचीत करने का अवसर मिला।
सूखे की स्थिति से निपटने के लिए कुछ राज्यों ने उत्तम प्रयास किए हैं।
सूखे जैसी समस्याओं के समाधान में जन-भागीदारी एक बहुत बड़ा सफलता का आधार होती है।
परफेक्ट प्लानिंग, टेक्नोलॉजी, समय-सीमा में व्यवस्थाओं को पूर्ण करने का प्रयास अच्छे परिणाम दे सकता है।
महाराष्ट्र, आन्ध्र और गुजरात ने drip-irrigation में बहुत बड़ा काम किया, यह अभियान और राज्यों में चल पड़ा तो खेतो को बहुत फायदा होगा।
जनधन योजना से बहुत फायदा हुआ और हर परिवार में खाते खुल गए।
पोस्ट ऑफिस को बैंकिंग से जोड़ा गया और फोन के ज़रिए मनी ट्रांज़ैक्शन संभव हुआ है।
खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करें। जब खिलाड़ी को लगता है कि सवा-सौ करोड़ देशवासी साथ खड़े हैं, तो उनका हौसला बुलंद हो जाता है।
खेल की भावना के साथ भारत दुनिया में अपनी पहचान बनाए।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)