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This Article is From Dec 10, 2021

Nanda Saptami 2021: आज है नंदा सप्तमी, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त व पूजा विधि

नंदा सप्तमी के दिन देवी नंदा (Nanda Devi) की पूजा की जाती है. इनके अलावा इस दिन सूर्य देव (Surya Dev) और प्रथम पूज्य गणेश जी (Lord Ganesha) की भी आराधना की जाती है. माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. आइए जानते हैं नंदा सप्तमी की पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि.

Nanda Saptami 2021: आज है नंदा सप्तमी, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त व पूजा विधि
Nanda Saptami 2021: नंदा सप्तमी पर ऐसे करें पूजा, जानें शुभ मुहूर्त
नई दिल्ली:

Nanda Saptami: हर साल मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को नंदा सप्तमी (Nanda Saptami) मनाई जाती है. इस बार शुक्रवार को अभिजित और विजय मुहूर्त में नंदा सप्तमी का पूजन करना अतिलाभदायी रहेगा, क्योंकि ये दोनों ही मुहूर्त कार्यों के लिए शुभ माने जाते हैं. नंदा सप्तमी के दिन देवी नंदा (Nanda Devi) की पूजा की जाती है. इनके अलावा इस दिन सूर्य देव (Surya Dev) और प्रथम पूज्य गणेश जी (Lord Ganesha) की भी आराधना की जाती है. इस वर्ष मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी 10 दिसंबर यानि आज (शुक्रवार) है. आइए जानते हैं नंदा सप्तमी की पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि.

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नंदा सप्तमी का शुभ मुहू​र्त | Shubh Muhurat Of Nanda Saptami

  • मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि का प्रारंभ- 9 दिसंबर शाम 07 बजकर 53 मिनट से हो रहा है.
  • तिथि का समापन- 10 दिसंबर दिन शुक्रवार को शाम 07 बजकर 09 मिनट पर होगा. (ऐसे में नंदा सप्तमी 10 दिसंबर को मनाई जाएगी).
  • नंदा सप्तमी के दिन अभिजित मुहूर्त दिन में 11 बजकर 53 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक है.
  • विजय मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 58 मिनट से दोपहर 02 बजकर 39 मिनट तक है. ( दोनों ही मुहूर्त कार्यों के लिए शुभ माने जाते हैं).
  • इस दिन राहुकाल दिन में 10 बजकर 56 मिनट से दोपहर 12 बजकर 14 मिनट तक है. (इस अवधि में पूजा न करें).

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नंदा देवी की पूजा | Puja Of Nanda Saptami

  • सप्तमी पर तांबे के लोटे में जल, चावल और लाल फूल डालकर उगते हुए सूरज को जल चढ़ाएं.
  • जल चढ़ाते वक्त ऊँ घृणि सूर्याय नम: मंत्र बोलते हुए शक्ति, बुद्धि और अच्छी सेहत की कामना करें.
  • जल चढ़ाने के बाद धूप और दीप से सूर्य देव की पूजा करें.
  • इस तिथि पर तांबे का बर्तन, पीले या लाल कपड़े, गेहूं, गुड़, माणिक्य, लाल चंदन का दान करें. इस दिन व्रत करें.
  • एक समय फलाहार कर सकते हैं, लेकिन दिनभर नमक न खाएं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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