
Maa Kalratri Ki Aarti Hindi Day 4 Navaratri 2025: शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन मां भगवती के कालरात्रि की पूजा के लिए समर्पित है. हिंदू मान्यता के अनुसार मां कालरात्रि काल के समान भयानक और घने अंधकार के समान रंग लिए हुए हैं. मां कालरात्रि का स्वरूप काफी डरावना है. हिंदू मान्यता के अनुसार के तीन नेत्र हैं और उनके बाल बिखरे हुए हैं. गधे की सवारी करने वाली मां कालरात्रि की चार भुजाएं हैं. जिनमें से एक हाथ में उन्होंने लोहे का अस्त्र और दूसरे में तलवार धारण की हुई है. माता कालरात्रि का तीसरा हाथ अभय मुद्रा में और चौथा वरमुद्रा में है, जिससे वह अपने भक्तों को मनचाहा वरदान देती हैं.
Navratri 2025 Day 7 Maa Kalratri: नवरात्रि की सप्तमी पर कैसे करें मां कालरात्रि की पूजा? जानें पूरी विधि, मंत्र और कथा
सनातन परंपरा में देवी कालरात्रि को काली, महाकाली, भद्रकाली, भैरवी, चंडी आदि नामों से पूजा जाता है. मान्यता है कि नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा करने से सारी नकारात्मक शक्तियों का नाश और सकारात्मक शक्तियों का उदय होता है. हिंदू मान्यता के अनुसार शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन यदि देवी का साधक मां कालरात्रि की विधि-विधान से पूजा करने के बाद उनकी श्रद्धापूर्वक धूप-दीप आदि से आरती करता है तो देवी शीघ्र ही प्रसन्न होकर उसे मनचाहा आशीर्वाद देती हैं. आइए मां कालरात्रि का गुणगान उनकी आरती के माध्यम से करते हैं.
मां कालरात्रि की आरती | Maa Kalratri Ki Aarti

कालरात्रि जय जय महाकाली
काल के मुंह से बचाने वाली
दुष्ट संहारिणी नाम तुम्हारा
महा चंडी तेरा अवतारा
पृथ्वी और आकाश पर सारा
महाकाली है तेरा पसारा
खंडा खप्पर रखने वाली
दुष्टों का लहू चखने वाली
कलकत्ता स्थान तुम्हारा
सब जगह देखूं तेरा नजारा
सभी देवता सब नर नारी
गावे स्तुति सभी तुम्हारी
रक्तदंता और अन्नपूर्णा
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना
ना कोई चिंता रहे ना बीमारी
ना कोई गम ना संकट भारी
उस पर कभी कष्ट ना आवे
महाकाली मां जिसे बचावे
तू भी 'भक्त' प्रेम से कह
कालरात्रि मां तेरी जय.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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