
Kaleva ke labh : हिन्दू धर्म में जब भी कोई पूजा पाठ होती है तो उसमें पंडित जी को आपने जरूर देखा होगा कथा संपन्न होने के बाद हाथ में कलेवा बांधते हुए सभी सदस्यों को. इस दौरान पंडित जी मंत्र भी पढ़ रहे होते हैं एक विशेष प्रकार का. क्या आपको पता है आखिर हाथ में कलेवा क्यों बांधा जाता है ? इसका क्या महत्व होता है जीवन में. अगर आपको नहीं पता है तो आज इस लेख में पता चल जाएगा.
कलेवा बांधने का क्या है लाभ ? what is the importance of Kaleva
- सबसे पहले तो आपको बता दें कि कलेवा बांधते हुए ''येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:, तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:।'' मंत्र का जाप किया जाता है.
- शास्त्रों के अनुसार कलेवा बांधने से त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसके अलावा तीन देवियों सरस्वती, लक्ष्मी और पार्वती की अनुकूलता भी बनी रहती है.
- कलेवा बांधने का वैज्ञानिक महत्व भी होता है. कलाई पर बंधने वाला मौली नसों को नियंत्रित करती है. इससे वात, पित्त और कफ की परेशानी नहीं होती है.
- ब्लड प्रेशर और दिल से संबंधित परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है. इससे डायबिटीज और पैरालिसिस का भी खतरा नहीं होता है.
- एक और जरूरी बात मौली को शादी शुदा महिला को बाएं हाथ में और पुरुषों को एवं कन्याओं को दाएं हाथ में बंधवाना चाहिए. कलेवा बंधवाने से आर्थिक स्थिति में भी सुधार होता है.
- कलेवा से जुड़ी एक और बात आपको बता दें कि जब ये पुराना हो जाए तो इसे इधर-उधर नहीं फेंकना चाहिए. बल्कि किसी नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए. या फिर किसी पीपल के पेड़ के नीचे रख देना चाहिए.
- वहीं, कलेवा जब पुराना हो जाए और आप उसे बदलना चाहते हैं तो उसे मंगलवार या फिर शनिवार के दिन बदलना चाहिए. किसी भी दिन हटाने से प्रभाव अशुभ होता है. इसलिए इस बात का ध्यान रखें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं