दिल्ली हाईकोर्ट दिल्ली सरकार द्वारा रामकिशन ग्रेवाल को शहीद का दर्जा देने के खिलाफ दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी (आप) सरकार से कहा कि खुदकुशी करने वाले व्यक्ति को शहीद नहीं कहा जा सकता.
दरअसल, दिल्ली सरकार ने 'वन रैंक-वन पेंशन' के मुद्दे पर कथित रूप से खुदकुशी करने वाले पूर्व सैनिक को शहीद का दर्जा दिया था.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा की पीठ ने सवाल किया कि जंतर-मंतर पर जो व्यक्ति था, वह कौन सी ड्यूटी निभा रहा था.
पीठ ने सवाल किया, 'उसने खुदकुशी की. क्या उसे शहीद कहा जा सकता है?' अदालत दिल्ली सरकार द्वारा रामकिशन ग्रेवाल को शहीद का दर्जा देने के खिलाफ दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. ग्रेवाल ने पिछले साल एक नवंबर को एक रैंक-एक पेंशन के मुद्दे पर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के दौरान कथित रूप से खुदकुशी की थी.
(इनपुट भाषा से)
दरअसल, दिल्ली सरकार ने 'वन रैंक-वन पेंशन' के मुद्दे पर कथित रूप से खुदकुशी करने वाले पूर्व सैनिक को शहीद का दर्जा दिया था.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा की पीठ ने सवाल किया कि जंतर-मंतर पर जो व्यक्ति था, वह कौन सी ड्यूटी निभा रहा था.
पीठ ने सवाल किया, 'उसने खुदकुशी की. क्या उसे शहीद कहा जा सकता है?' अदालत दिल्ली सरकार द्वारा रामकिशन ग्रेवाल को शहीद का दर्जा देने के खिलाफ दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. ग्रेवाल ने पिछले साल एक नवंबर को एक रैंक-एक पेंशन के मुद्दे पर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के दौरान कथित रूप से खुदकुशी की थी.
(इनपुट भाषा से)
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