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दिल्ली में नकली दवाओं का जखीरा बरामद, पुलिस ने 2.3 करोड़ की खेप के साथ किया रैकेट का पर्दाफाश

लोनी, गाजियाबाद स्थित एक अवैध मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने करीब 2.3 करोड़ रुपये कीमत की नकली दवाओं, कच्चे माल और मशीनरी बरामद की है.

दिल्ली में नकली दवाओं का जखीरा बरामद, पुलिस ने 2.3 करोड़ की खेप के साथ किया रैकेट का पर्दाफाश
नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नकली दवाओं के एक बड़े अंतरराज्यीय रैकेट का पर्दाफाश किया है. लोनी, गाजियाबाद स्थित एक अवैध मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने करीब 2.3 करोड़ रुपये कीमत की नकली दवाओं, कच्चे माल और मशीनरी बरामद की है. यह रैकेट नकली दवाओं को असली ब्रांडेड उत्पाद बताकर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स जैसे ई-कॉमर्स साइट्स और सोशल मीडिया के जरिए बेच रहा था, जिससे आम जनता की सेहत को गंभीर खतरा पैदा हो गया था.

पुलिस ने इस कार्रवाई में दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों में गौरव भगत (उम्र 38 वर्ष, गाजियाबाद निवासी) और श्रीराम उर्फ विशाल गुप्ता (उम्र 42 वर्ष, लोनी निवासी) शामिल हैं. दोनों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि वे पिछले एक वर्ष से इस अवैध कारोबार में लिप्त थे और दिल्ली-एनसीआर के अलावा उत्तर प्रदेश, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश तक सप्लाई चेन फैला रखी थी. पूछताछ जारी है, और पुलिस को शक है कि इस नेटवर्क में और भी सदस्य शामिल हो सकते हैं.

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छापेमारी की पूरी कहानी 
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई पुख्ता गुप्त सूचना और साइबर निगरानी के आधार पर शुरू हुई. सबसे पहले दिल्ली के सदर बाजार इलाके में एक छापा मारा गया, जहां से बड़ी मात्रा में नकली बेटनोवेट-सी (Betnovate-C) और क्लोप-जी (Clop-G) जैसी शेड्यूल-एच दवाओं की खेप बरामद हुई. ये दवाएं स्किन इंफेक्शन, एलर्जी और फंगल संक्रमण के इलाज में इस्तेमाल होती हैं, लेकिन नकली होने के कारण इनमें हानिकारक केमिकल्स जैसे स्टेरॉयड्स की अत्यधिक मात्रा या बिल्कुल निष्क्रिय तत्व पाए गए.

सदर बाजार से मिले सुरागों के आधार पर जांच को आगे बढ़ाते हुए पुलिस टीम ने गाजियाबाद के लोनी इंडस्ट्रियल एरिया में एक गुप्त फैक्ट्री का पता लगाया. यहां से हजारों नकली मलहम की ट्यूबें, रैपर, खाली ट्यूब्स, कच्चे केमिकल्स (जैसे क्लोबेटासोल और जेंटामाइसिन के नकली कंपाउंड्स), फिलिंग मशीन, मिक्सिंग मशीन, श्रिंक रैपिंग मशीन, डिजिटल वजन मशीन और अन्य पैकेजिंग उपकरण बरामद किए गए. फैक्ट्री बिना किसी ड्रग लाइसेंस या जीएमपी (गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस) सर्टिफिकेशन के चल रही थी, जो ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट का स्पष्ट उल्लंघन है.

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ड्रग इंस्पेक्टरों और ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन (GSK) व अन्य संबंधित दवा कंपनियों के प्रतिनिधियों ने मौके पर पहुंचकर सैंपल जांच की. उनकी प्रारंभिक रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि बरामद सभी दवाएं 100 प्रतिशत नकली हैं और इनका किसी भी मूल कंपनी से कोई लेना-देना नहीं है. इन नकली दवाओं की बिक्री के लिए फर्जी बैच नंबर्स, एक्सपायरी डेट्स और होलोग्राम स्टिकर्स का इस्तेमाल किया जा रहा था, जो उपभोक्ताओं को धोखा देने के लिए डिजाइन किए गए थे.

इस मामले में ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 की धारा 18(ए), 27(ए) और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं (जैसे 318, 420) के तहत सदर बाजार थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा, और रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी.

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