यह ख़बर 08 अक्टूबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

सुप्रीम कोर्ट से मिली श्रीनिवासन को राहत, ग्रहण कर सकेंगे अध्यक्ष पद

खास बातें

  • उच्चतम न्यायालय ने एन श्रीनिवासन को क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने की अनुमति दे दी है। इसी के साथ कोर्ट ने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग की जांच के लिए पैनल गठित कर दिया है।
नई दिल्ली:

सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के छठे संस्करण में स्पॉट फिक्सिंग एवं सट्टेबाजी के आरोपों की जांच के लिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मुकुल मुद्गल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय नई जांच समिति गठित की।

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एके पटनायक और न्यायमूर्ति जेएस खेहर की पीठ ने कहा कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष एन श्रीनिवासन इस जांच समिति से पूरी तरह दूर रहेंगे, लेकिन जांचकर्ताओं को जरूरी सारी सुविधाएं मुहैया कराएंगे।

आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले की जांच के लिए नई जांच समिति गठित करने के साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने श्रीनिवासन पर बीसीसीआई के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा लिया।

नई जांच समिति में न्यायमर्ति मुद्गल के अलावा वरिष्ठ वकील एवं अतिरिक्त महाधिवक्ता एल नागेश्वर राव और वरिष्ठ अधिवक्ता निलय दत्ता शामिल हैं।

सर्वोच्च न्यायालय ने जांच समिति से चार महीने के अंदर जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।

जांच समिति गठित करने संबंधित आदेश न्यायालय ने तब दिया, जब बीसीसीआई और बिहार क्रिकेट संघ (सीएबी) ने न्यायालय द्वारा पूर्व में दिए गए उस सुझाव पर अपनी सम्मति जताई, जिसमें स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी के आरोपों की जांच के लिए एक स्वतंत्र जांच समिति नियुक्त करने की बात कही गई थी।

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(इनपुट आईएएनएस से भी)