मेजबान भारत न्यूजीलैंड के खिलाफ बुधवार से शुरू हुई तीन टी20 मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला जीतने में सफल रहा, लेकिन कप्तान रोहित शर्मा ने कहा कि यह जीत आसानी से नहीं आयी, लेकिन रोहित यह भी बोले कि खिलाड़ी इस अनुभव से सीखेंगे. यह आपने देखा ही कि भारत कैसे आसान जीत की ओर बढ़ रहा था, लेकिन स्लॉग ओवरों में विकेट गिरने से हालात मुश्किल हुए, लेकिन ऋषभ पंत ने चौका जड़कर करोड़ों भारतीयों को झूमने पर मजबूर कर दिया. भारत ने पहला मैच पांच विकेट से जीतकर सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है और अब दूसरा मुकाबला शुक्रवार को खेला जाएगा, जो भारत के नजरिए से निर्णायक मैच है. रोहित शर्मा ने जीत के लिए सूर्यकुमार से पहले "कंप्लीट बॉलिंग परफॉरमेंस" को श्रेय दिया.
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बहरहाल, रोहित पर लौटते हैं, जिन्होंने मैच के बाद कहा कि उम्मीद के हिसाब से यह जीत आसानी से नहीं आई. ऐसे में यह साथियों के लिए बहुत ही सीखने वाली बात है. और यह समझने की जरूरत है कि क्या किए जाने की जरूरत है. हर समय ही पावर हिटिंग नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि बतौर कप्तान और टीम मैं खुश हूं कि हमने मैच फिनिश किया. यह हमारे लिए अच्छा मैच रहा. कुछ खिलाड़ियों की कमी खली, लेकिन यह बाकी खिलाड़ियों के लिए अपनी काबिलियत दिखाने का मौका था.
रोबित बोले कि एक स्टेज पर लग रहा था कि न्यूजीलैं को 180 से ऊपर का स्कोर खड़ा करेगा, लेकिन हमारे गेंदबाजों के उम्दा प्रदर्शन ने ऐसा नहीं होने दिया. हमारे बॉलरों ने "कंप्लीट परफॉरमेंस" दी. बात एकदम दो सौ फीसद सही है क्योंकि अगर कीवी 180 के पार पहुंच जाते, तो फिर भारत के लिए जीत दर्ज करना बहुत ही मुश्किल जाता है. लेकिन बॉलरों खासकर अश्विन ने बहुत ही उम्दा बॉलिंग की. साथ ही, भारतीय कप्तान ने 40 गेंदों पर 62 रन बनाने वाले रोहित शर्मा की भी प्रशंसा की. रोहित बोले कि सूर्य पारी के बीच के ओवरों में हमारे लिए बहुत ही अहम प्लेयर हैं. वह स्पिन को अच्छा खेलता है. ट्रोंट के खिलाफ आउट होने के तरीके पर उन्होंने कहा कि बोल्ट मेरी खामी के बारे में जानता है. मैं उसकी ताकत से वाकिफ हूं. जब मैं कप्तानी कर रहा होता हूं, तो मैं उसे ट्रिक के बारे में बताता हूं, लेकिन उसने यही ट्रिक मेरे खिलाफ आजमायी. मैं जीत के साथ खुश हूं. पहली जीत हमेशा ही बढ़िया बात होती है.
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वहीं, सूर्यकुमार बोले कि वह बल्लेबाजी के दौरान कुछ अलग नहीं कर रहे थे. मैं नेट पर इसी अंदाज में बल्लेबाजी करता हूं और फिर यही बात मैच में दोहराता हूं. मैं नेट पर खुद पर बहुत ही ज्यादा दबाव में रखता हूं. अगर मैं आउट हो जाता हूं, तो ड्रेसिंग रूम में जाकक सोचता हूं कि मैं क्या सुधार कर सकता हूं.
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