
13 जुलाई, 2024: भारतीय टीम के पूर्व दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह के साथ सुमेधा ने खास बातचीत की है. आपको बता दें सुमेधा जनरल राज कृष्णा मल्होत्रा की बेटी हैं. राज कृष्णा मल्होत्रा ने देश के लिए 1971 में जंग लड़ी थी. 'Bluntly Streaming' पर हरभजन सिंह से बातचीत करते हुए सुमेधा ने कई दिलचस्प पहलुओं को जानने की कोशिश की है. इस दौरान दिग्गज खिलाड़ी ने अपने टैटू से लेकर क्रिकेट करियर तक हर बारे में विस्तार से चर्चा की.
भारतीय क्रिकेट में लोग हरभजन सिंह को 'भज्जी' उपनाम से भी जानते हैं. उन्होंने जब हरभजन से उनके प्रोफाइल के बारे में बात की तो दिग्गज खिलाड़ी ने मजेदार तरीके से उनका जवाब दिया. उन्होंने एक लंबी मुस्कान बिखेरते हुए कहा, ''मेरे पीछे की तस्वीर लगा दो. मेरी पीठ अच्छी लगती है. मेरा चेहरा लोगों को इतना पसंद नहीं आता है.''
बातचीत को आगे बढ़ाते हुए सुमेधा ने हरभजन सिंह से तमिल में एक डायलॉग कहने को कहा. इसपर उन्होंने हंसते हुए कहा, ''नान ऒरु तदवा सोन्न, नूरु तदवा सोन्न माडिरी." अगर इसका हिंदी में मतलब देखें तो होता है, ''अगर मैंने एक बार कह दिया, तो वह सौ बार कहे जाने के बराबर होता है.''
क्रिकेट की ओर बढ़ते हुए हरभजन ने कहा, "भारत में क्रिकेट एक धर्म है. यहां आपकी पूजा भी होती है और अपशब्द भी. अंतर बताना मुश्किल है, लेकिन यह बहुत लोकप्रिय है. हर बच्चा क्रिकेटर बनना चाहता है. हर परिवार का सपना होता है. चाहे बच्चा क्रिकेटर बनना चाहे या नहीं, वह क्रिकेट देखेगा. इस खेल की मोहब्बत पुरानी है."
अपनी बात को बढ़ाते हुए उन्होंने आगे कहा, ''लोगों की क्रिकेट के प्रति भावना अत्यधिक है. मेरा अस्तित्व क्रिकेट की वजह से ही है. क्रिकेट ने हमें प्यार और मान्यता दी है. आजकल किसके लिए कौन प्रार्थना करता है? लेकिन जब भारत खेलता है, लोग प्रार्थना करते हैं. उनकी प्रार्थनाएं हमें लगता है कि हमें उनके लिए खेलने और जीतने के लिए जिम्मेदार होना चाहिए."
सुमेधा ने जब उनके टैटू के बारे में सवाल किया तो उन्होंने कहा, "मेरे पास भोलेनाथ और 'इक ओंकार' की टैटू है, जो एक परमेश्वर को दर्शाते हैं. अगर मेरे पास रजनीकांत सर के अलावा कोई फिल्म स्टार का टैटू हो सकता था, तो वह 'सत्यम शिवम सुंदरम' से जीनत अमान की होती.''
बातचीत क्रिकेट की ओर मुड़ती है, और सुमेधा उनसे पूछती हैं - "आपको पहली बार 'भज्जी' के रूप में कौन पुकारा?" इसपर वह जवाब देते हुए कहते हैं, ''संभवतः नयन मोंगिया ने.'' एक बार जब यह लोकप्रिय हो गया तो सभी मुझे 'भज्जी' कहने लगे.
सुमेधा ने जब 'टर्बनेटर' उपनाम के बारे में पूछा तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा यह उपनाम उन्हें अस्ट्रेलिया में उनके शानदार प्रदर्शन के बाद मिला था. यहां उन्होंने तीन मैचों में 32 विकेट लिए थे.
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