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This Article is From Feb 23, 2022

ऋद्धिमान साहा 'धमकी विवाद' के बाद अब पूर्व विकेटकीपर का छलका दर्द, बोले- मैं भी अन्याय का शिकार हुआ ..'

ऋद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) इन दिनों काफी चर्चा बटोर रहे हैं. दरअसल वो क्रिकेट की वजह से नहीं बल्कि क्रिकेट की बाहर के खबरों को लेकर खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं

साहा के बाद पूर्व विकेटकीपर का भी छलका दर्द

ऋद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) इन दिनों काफी चर्चा बटोर रहे हैं. दरअसल वो क्रिकेट की वजह से नहीं बल्कि क्रिकेट की बाहर के खबरों को लेकर खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं. हुआ ये कि है कि भारतीय टेस्ट टीम से हाल ही में बाहर किये गये साहा ने ट्विटर पर आरोप लगाया था कि एक ‘सम्मानित' पत्रकार ने उन्हें साक्षात्कार देने से इनकार करने के बाद आक्रामक रूख अपनाया था. इस ट्वीट के बाद, पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री, वीरेंद्र सहवाग और हरभजन सिंह जैसे पूर्व सितारों ने साहा का समर्थन करते हुए उनसे पत्रकार का नाम उजागर करने को कहा, वैसे साहा ने उस नामी पत्रकार के नाम का खुलासा करने से मना कर दिया है. अब साहा के साथ हुए ऐसे हालात पर पूर्व भारतीय विकेटकीपर सैयद किरमानी (Syed Kirmani) ने अपनी राय दी है. उन्होंने कहा है कि साहा के साथ जो कुछ भी हुआ उसका सीधा सा मतलब है कि वो अन्याय का शिकार हो गए हैं.

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स्पोर्ट्सकीड़ा के साथ इंटरव्यू करते हुए किरमानी ने कहा कि, 'साहा को आईपीएल और अन्य सीमित ओवरों के मैचों में सभी युवाओं के अच्छा प्रदर्शन के साथ उनके चारों ओर जबरदस्त प्रतिस्पर्धा मिली है, जाहिर तौर पर वह बहुत दुखी हैं, लेकिन हर क्रिकेटर को उतार-चढ़ाव से गुजरना पड़ता है, है ना? हमें नहीं पता कि चयन समिति और टीम प्रबंधन खिलाड़ी के बारे में क्या सोचते हैं, मैं भी अन्याय का शिकार हुआ हूं, लेकिन कोई इस बारे में बात नहीं करता.'

किरमानी ने अपने इंटरव्यू में वैसे खुलासा नहीं किया कि आखिर उन्हें क्यों टीम से बाहर किया गया था. किरमानी ने  खुलासा किया कि कैसे उन्हें टेस्ट और वनडे दोनों टीमों से "बिना किसी गलती के" से हटा दिया गया था.

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पूर्व विकेटकीपर ने कहा कि, मुझें नहीं पता, मैं उस समय अपने करियर के शिखर पर था. फिर भी, मुझे बिना किसी गलती के टेस्ट और वनडे दोनों टीमों से बाहर कर दिया गया. मेरे आसपास कोई प्रतिस्पर्धा नहीं थी, मैंने 88 टेस्ट खेले और कई मौकों पर वनडे में भारतीय टीम को जीत दिलाई.  क्या आप जानते हैं, अखबारों में गलत खबरें छपी थीं कि मैं खराब प्रदर्शन कर रहा हूं? जबकि कोई और स्लिप कॉर्डन में एक कैच छोड़ देगा, वे [मीडिया] मेरी तस्वीर प्रकाशित करेंगे और संकेत देंगे कि किरमानी ने एक कैच छोड़ दिया था या एक स्टंपिंग से चूक गए थे."

अपने इंटरव्यू में किरमानी ने अपनी राज्य टीम कर्नाटक का भी उदाहरण दिया, जिसने उन्हें वापसी करने का मौका नहीं दिया, जिससे कारण उन्हें रेलवे टीम की ओर से बाद में खेलना पड़ा था. 

पूर्व क्रिकेटर ने कहा, वो हमेशा से फाइटर रहे हैं, मेरे अपने राज्य [कर्नाटक] ने मुझे टीम से हटा दिया जब मैं वापसी करना चाहता था और अपने देश का गौरव बढ़ाना चाहता था.  इसलिए मजबूर होकर मुझे रेलवे टीम में जाना पड़ा. उस दौरान कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ [KCA] के तत्कालीन सचिव ने कहा, 'ओह, तो आप रेलवे जा रहे हैं? देखते हैं आप वहां कैसा प्रदर्शन करते हैं,' क्या आप विश्व कप विजेता और किसी ऐसे व्यक्ति से बात करते हैं जो हमेशा टीम मैन रहा हो?"

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अपने बातचीत में  किरमानी ने सुझाव दिया कि साहा को खेल का आनंद लेने तक क्रिकेट खेलना जारी रखना चाहिए, किरमानी ने कहा, "साहा एक बहादुर क्रिकेटर हैं, उन्हें तब तक खेलना चाहिए, जब तक वह खेल का लुत्फ उठाते हैं. संन्यास उनके अपने हाथ में है. कोई भी उन्हें [रिटायर होने के लिए] के लिए मजबूर नहीं कर सकता."

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