भारत की पोर्ट इंडस्ट्री के लिए शुक्रवार का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ है. केरल के विड़िन्यम बंदरगाह पर आधिकारिक रूप से केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड (एपीएसईजेड) के प्रबंध निदेशक करण अदाणी ने पहली मदर शिप का आधिकारिक रूप से स्वागत किया. केरल के कोवलम बीच के पास स्थित विड़िन्यम बंदरगाह देश का पहला ट्रांस-शिपमेंट पोर्ट है.
शुक्रवार को पोर्ट के पहले चरण के विकास का कार्य भी पूरा कर लिया गया है. इसमें 3,000 मीटर की ब्रेकवाटर और 800 मीटर की कंटेनर बर्थ तैयार है.
विड़िन्यम ग्लोबल ट्रेड रूट में एक बड़े पोर्ट के रूप में स्थापित होगा: गौतम अदाणी
इससे पहले अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने विड़िन्यम बंदरगाह पर मदर शिप आने को ऐतिहासिक पल बताया था. उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि यह माइलस्टोन भारत की वैश्विक ट्रांस-शिपमेंट इंडस्ट्री में एंट्री को दिखाता है. इसके साथ ही भारत समुद्री लॉजिस्टिक्स के नए युग में प्रवेश कर गया है. विड़िन्यम ग्लोबल ट्रेड रूट में एक बड़े पोर्ट के रूप में स्थापित होगा.
बता दें, गुरुवार को दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी शिपिंग कंपनी मर्क्स का जहाज "सैन फर्नांडो" 2,000 से अधिक कंटेनरों के साथ विड़िन्यम बंदरगाह पर पहुंचा था.
देश के 27 प्रतिशत पोर्ट वॉल्यूम को संभालती है अदाणी पोर्ट
अदाणी पोर्ट और स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एपीएसईजेड) देश की बड़ी पोर्ट कंपनी है. एपीएसईजेड के पास पश्चिमी तट पर सात पोर्ट और टर्मिनल हैं. वहीं, पूर्वी तट पर आठ पोर्ट और टर्मिनल हैं. कंपनी देश के 27 प्रतिशत पोर्ट वॉल्यूम को संभालती है. पिछले महीने, अदाणी पोर्ट ने इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर एशिया पैसिफिक (जापान छोड़कर) एग्जीक्यूटिव टीम सर्वे में जगह बनाई. परिवहन क्षेत्र में इस लिस्ट में जगह बनाने वाली यह अकेली भारतीय कंपनी है.
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