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This Article is From Aug 09, 2019

जम्मू-कश्मीर का भरोसा जीतने की मोदी की कोशिश

Ravish Kumar
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    अगस्त 09, 2019 00:22 am IST
    • Published On अगस्त 09, 2019 00:05 am IST
    • Last Updated On अगस्त 09, 2019 00:22 am IST

एक तरफ देश के कई हिस्से बाढ़ से प्रभावित हैं, लाखों लोग अपनी जान और मवेशी को लेकर परेशान हैं, वहीं, दूसरी तरफ अर्थव्यवस्था लड़खड़ाती नज़र आ रही है, ऑटोमोबिल सेक्टर में लाखों लोगों की नौकरियां चली गई हैं, जमशेदपुर में टाटा स्टील की 30 के करीब फैक्ट्रियां बंद होने के कगार पर हैं. 12 बंद हो गई हैं. महिंद्रा ने चेतवानी दी है कि ऑटो सेक्टर में लाखों नौकरियां जाने वाली हैं. स्थिति बहुत ख़तरनाक हो गई है. ऑर्डिनेस फैक्ट्री की यूनियनों ने नोटिस दिया है कि निगमीकरण के खिलाफ वे एक महीने की हड़ताल पर जाने वाले हैं. कश्मीर फोकस में है, लेकिन असम में भी नेशनल रिजस्टर ऑफ सिटिजन का मामला गंभीर होता जा रहा है. 31 अगस्त आखिरी तारीख है.

सुप्रीम कोर्ट अपनी डेडलाइन को लेकर अड़ा हुआ है कि 31 अगस्त तक एनआरसी का प्रकाशन होकर रहेगा. असम में बाढ़ है. लोगों से कहा जा रहा है कि 31 अगस्त की डेडलाइन है, इसलिए वे एनआरसी में अपडेट कराने के लिए पहुंचे. इस आपाधामी में 4 लोगों की मौत हो गई है. इंडियन एक्सप्रेस के अभिषेक साहा ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है लोअर असम के ज़िलों के हज़ारों लोगों को नोटिस मिला है कि वे नई सुनवाई के लिए हाज़िर हों. 300-400 किमी दूर से लोग भागे-भागे आ रहे हैं. घबराहट और बीमारी के कारण 4 लोगों की मौत हो गई है. ज़्यादातर ग़रीब लोग हैं. हमारे सहयोगी रतनदीप ने लिखा है कि असम में हज़ारों की संख्या में लोग अपने कागज़ात के साथ भाग रहे हैं. एनआरसी केंद्र पहुंचने के लिए. मुस्लिम बहुल ज़िलों के इन लोगों को असम के भूमिपुत्र बहुल इलाकों में बुलाया गया है. इतने कम समय का नोटिस दिया गया है. एनआरसी का नियम है कि सुनवाई के लिए 15 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए, लेकिन 36 घंटे का ही नोटिस दिया गया है. कायदे से देखें तो इस वक्त असम की स्टोरी भी कम बड़ी नहीं लेकिन कश्मीर के सामने हर स्टोरी छोटी पड़ गई है.

उधर, पाकिस्तान के किसी कदम पर भारत ने प्रतिक्रिया नहीं जताई है. एक तरह से भारत नोटिस में नहीं ले रहा है. पाकिस्तान ने युद्ध की आशंका से इंकार किया है. पाकिस्तान ने आज समझौता एक्सप्रेस बंद कर दिया है. बाल हठ करते हुए पाकिस्तान ने कहा कि हम समझौता एक्सप्रेस की बोगियों को भारत के हिस्से में भेजने के लिए अपना ईंजन नहीं देंगे. भारत ने अपना ईंजन भेजकर समझौता एक्सप्रेस को मंगा लिया. ट्रेन में 110 यात्री सवार थे. पाकिस्तान ने एयर स्पेस आंशिक रूप से बंद कर दिया है. पुलवामा आतंकी हमले के बाद भी पाकिस्तान ने एयरस्पेस बंद किया था, जिससे सिर्फ इंडियन एयरलाइंस को को 548 करोड़ से अधिक का घाटा हुआ था. एयरइंडिया को रोज़ 6 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा था. पाकिस्तान ने यह भी कहा है कि करतारपुर कॉरिडोर पर इस तनाव का असर नहीं पड़ेगा.

राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि घाटी में जगह जगह मंडिया लगाई जाएंगी ताकि लोग ईद का सामान ख़रीद सकें. राज्यपाल ने ईद और कानून व्यवस्था के संदर्भ में समीक्षा की. हर राज्य में कश्मीर का लियोज़ा अफसर होते हैं, उन्हें एक एक लाख रुपया दिया गया है, ताकि वह उन छात्रों को दिया जा सके जो ईद के दिन श्रीनगर नहीं लौट सकेंगे. राज्यपाल ने कहा है कि ईद को देखते हुए राशन, किराने और दवा की दुकाने खुली रहेंगी. यह भी आदेश हुआ है कि श्रीनगर के डिप्टी कमिश्नर के ऑफिस में टेलिफोन लाइन लगेगी, जिसके ज़रिए बाहर के लोग अपने घर वालों से बात कर सकेंगे. प्रशासन 350 से अधिक हेल्पलाइन सेटअप करेगा, जिसके ज़रिए लोग अपने घरों में बात कर सकेंगे. बाहर रहने वाले लोग ईद पर घर पहुंच सके, इसकी सूचना है कि जम्मू से 50 से अधिक बसें घाटी की तरफ गईं हैं. करगिल, दास और संकू में बड़ी जमघट पर पाबंदी लगा दी गई है. करगिल में विरोध प्रदर्शन हुआ है, क्योंकि वहां का एक बड़ा तबका कश्मीर के साथ बने रहना चाहता है, करगिल लद्दाख के केंद शासित प्रदेश में चला गया है. प्रदर्शनों को देखते हुए वहां जमघट पर पाबंदी लगाई गई है. यह सब सरकारी सूचना है.

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद को एयरपोर्ट से दिल्ली लौटा दिया गया है. वे श्रीनगर एयरपोर्ट से बाहर नहीं जा सके. 70 अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार कर श्रीनगर से आगरा लाया गया है. कश्मीर को लेकर कांग्रेस के कर्ण सिंह ने आज एक पत्र लिखा है. कर्ण सिंह ने कहा है कि वे व्यक्तिगत स्तर पर इस फैसले के विरोध में नहीं है, लेकिन उन्होंने संसद के अचानक फैसला करने पर हैरानी जताई है. उनका कहना है कि अलग-अलग स्तरों पर इसके दूरगामी प्रभाव होंगे, लेकिन कई फायदे भी होंगे. लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने का स्वागत किया है. उनका कहना है कि 1965 में स्टेट के पुनर्गठन की बात कही थी. उन्होंने नए परिसीमन की भी बात की ताकि राजनीतिक सत्ता का सही से बंटवारा हो सके. कर्ण सिंह ने जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने पर अलग से कोई टिप्पणी नहीं की. फैसले का स्वागत तो किया मगर इस बात का अलग से ज़िक्र नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि दो क्षेत्रीय दलों को राष्ट्रविरोधी बताना सही नहीं है. उनसे बातचीत होनी चाहिए. उनके कार्यकर्ताओं ने भी बलिदान दिया है.

कर्ण सिंह ने इन दलों के नेताओं को तुरंत रिहा करने की मांग की है. कहा है कि किसी भी कीमत पर इलाके में सांप्रदायिक सदभाव बरकरार होना चाहिए. कर्ण सिंह अपने पत्र में जम्मू कश्मीर को राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदलने पर भी विस्तार से लिखते तो उनका नज़रिया पता चलता. उनका पत्र यह साफ नहीं करता है कि उनकी नज़र में दूरगामी प्रभाव क्या होंगे और फायदे क्या होंगे. राज्य भर के 300 से अधिक नेताओं को नज़रबंद रखा गया है. इस बीच प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया है.

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में आतंकवाद से लड़ते हुए जान देने वाले जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के जवानों अफसरों और नागरिकों को भी याद किया. गुलामदीन, कर्नल सोनम वांग्चुक, रुखसाना कौसर, औरंगजेब. संविधान में भरोसा करने वाले नागरिकों सो भरोसा दिलाया कि उनके सपने पूरे होंगे. उन्होंने मुट्ठी भर लोगों से इस जनता को अलग किया. पंचायत चुनाव में चुने गए प्रतिनिधियों को भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे विधायकों और सांसदों की छवि से अलग किया. उनके योगदान को सराहा. यह भी कहा कि नए लोगों को चुनकर नेतृत्व संभालने का मौका मिलेगा. इसके अलावा विकास और रोज़गार की बात अमित शाह के भाषण की लाइन में ही थी मगर अधिक विस्तार से. उन्होंने कहा कि राज्य में केंद्र और केंद्र शासित प्रदेश की वैकेंसी जल्दी भरी जाएगी. काश ऐसा अन्य राज्यों में भी होने लगे. उन्होंने अपने भाषण में कहा कि हालात जल्दी सामान्य हो जाएंगे और जब विकास की रफ्तार पकड़ लेगी तो वापस राज्य का दर्जा मिल जाएगा.

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