
बिहार की राजधानी पटना में रविवार को राजद कार्यकर्ताओं ने सरकारी नौकरियों में 65 फीसदी आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन किया. इस धरने में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी शामिल हुए. धरना पार्टी कार्यालय के बाहर आयोजित किया गया.
तेजस्वी यादव ने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर यह धरना दिया गया है. दलित, आदिवासी, पिछड़ा, अति पिछड़ा को बढ़े हुए आरक्षण का फायदा दिया गया था. उन्होंने भाजपा को आरक्षण चोर बताते हुए कहा कि महागठबंधन सरकार में जातीय गणना हुई. उसके बाद आरक्षण का दायरा 16 प्रतिशत बढ़ाकर कुल 65 प्रतिशत किया गया. इस दौरान केंद्र सरकार से आग्रह किया गया कि बढ़े हुए आरक्षण को संविधान की नौंवी अनुसूची में शामिल कीजिए, लेकिन केंद्र सरकार ने ऐसा नहीं किया. मामला पटना हाईकोर्ट में गया तो रद्द हुआ और अब सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण का मामला चल रहा है.

महागठबंधन ने लाखों लोगों को नौकरी दी: तेजस्वी
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि 65 प्रतिशत आरक्षण लागू कर नौंवी अनुसूची में डलवाना है. बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में बेरोजगारी पर कोई नेता बात नहीं करता है. साल 2020 के विधानसभा चुनाव में हमने वादा किया था कि महागठबंधन सरकार आने पर 10 लाख लोगों को रोजगार देंगे. महागठबंधन की जब सरकार बनी, तब नौकरी देने का कार्य शुरू हुआ, लाखों लोगों को रोजगार दिया गया.
भाजपा के पास मुख्यमंत्री का कोई चेहरा नहीं: तेजस्वी
उन्होंने कहा कि एनडीए बिहार में चल नहीं रही है. भाजपा के पास मुख्यमंत्री का कोई चेहरा नहीं है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कब किसका पैर पकड़ लें, यह कहा नहीं जा सकता है. किसी राज्य का मुख्यमंत्री पैर पकड़े तो शोभा नहीं देता.
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अब "अचेत अवस्था में चले गए हैं". उनको जनता से मतलब नहीं, बस इस जुगाड़ में लगे रहते हैं कि उनकी कुर्सी बची रहे.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं