
- राघोपुर विधानसभा सीट बिहार में एक हाई प्रोफाइल क्षेत्र है, जो लालू परिवार की राजनीतिक विरासत से जुड़ी है
- इस सीट से लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव जैसे प्रमुख नेता कई बार चुनाव जीत चुके हैं
- राघोपुर विधानसभा क्षेत्र वैशाली जिले में स्थित है और हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है
Raghopur Assembly Seat बिहार में राघोपुर, हाई प्रोफाइल विधानसभा सीट रही है. बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने राघोपुर विधानसभा सीट से एक बार फिर ताल ठोक दी है. इस सीट पर तेजस्वी यादव को जन सुराज पार्टी के चंचल सिंह चुनौती दे रहे हैं. राघोपुर विधानसभा क्षेत्र लंबे समय से लालू परिवार की राजनीतिक विरासत से जुड़ा रहा है. यही वह सीट है, जिसने बिहार की राजनीति को दो मुख्यमंत्री (लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी) और एक उपमुख्यमंत्री (तेजस्वी यादव) दिए हैं. राघोपुर, यादव बहुल इलाका रहा है और आज भी इस समुदाय का वोट यहां निर्णायक भूमिका निभाता है.
लालू के लड़ने से लाइमलाइट में आई थी राघोपुर
यह क्षेत्र वैशाली जिले में आता है और हाजीपुर (लोकसभा) सीट का हिस्सा है, जबकि लालू परिवार का मूल निवास सारण जिले में है. 1951 से अस्तित्व में रही राघोपुर विधानसभा सीट शुरू में अपेक्षाकृत गुमनाम रही, लेकिन 1995 में लालू प्रसाद यादव के इस क्षेत्र से चुनाव लड़ने के फैसले ने इसे राजनीतिक सुर्खियों में ला दिया. इससे पहले लालू यादव दो बार सोनपुर से विधायक रहे थे.
कब-कब कौन जीता... आरजेडी का रहा एकछत्र राज
1998 के बाद से राघोपुर सीट पर लगभग राजद का एकछत्र दबदबा रहा है, सिवाय 2010 के विधानसभा चुनाव के, जब पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था. 1995 और 2000 में लालू प्रसाद यादव ने यहां से जीत हासिल की. 2000 के उपचुनाव और 2005 में राबड़ी देवी ने यहां से दो बार चुनाव जीता. इसके बाद 2015 और 2020 में तेजस्वी यादव ने लगातार दो बार जीत दर्ज की. राघोपुर विधानसभा क्षेत्र को तीन केंद्रीय मंत्री देने का भी गौरव हासिल है, जिनमें रामविलास पासवान, चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस शामिल हैं, जो हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनकर संसद तक पहुंचे.

राघोपुर सीट पर कितने मतदाता का वोट गणित
राघोपुर, यादव बहुल इलाका रहा है, इसीलिए लालू यादव ने इस सीट को चुना. यहां लगभग 31 प्रतिशत यादव वोटर हैं, जो चुनाव में निर्णायक भूमिका में रहते हैं. इसके बाद राघोपुर में दलित वोटर करीब 18% हैं और करीब इतने ही राजपूत वोटर भी संख्या है. दलितों में 6 प्रतिशत चिराग पासवान वोटर हैं. राघोपुर में ब्राह्मण करीब 3 फीसदी और करीब इतनी ही मुस्लिम आबादी भी है. लालू परिवार की गढ़ मानी जाने वाली राघोपुर सीट में एक बार सतीश यादव सेंध भी लगा चुके हैं. क्या, इस बार राघोपुर में कोई उलटफेर देखने को मिलेगा.
विकास की राह देखता राघोपुर...
राघोपुर भौगोलिक रूप से वैशाली जिले के मुख्यालय हाजीपुर की तुलना में राज्य की राजधानी पटना के अधिक निकट है. इसके बावजूद, इस क्षेत्र को अब तक कोई ठोस विकास कार्य का लाभ नहीं मिल पाया है. फिलहाल, आगामी विधानसभा चुनाव में राघोपुर फिर से राजद के प्रभाव और तेजस्वी यादव के नेतृत्व की परीक्षा का केंद्र बनने जा रहा है.
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