- बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर 64 प्रतिशत से अधिक लोगों ने मतदान किया.
- इस बार बिहार में वोटिंग का प्रतिशत पिछले सबसे अधिक 62 प्रतिशत के आंकड़े को पार कर गया है.
- स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के कारण मतदाता सूची से करीब 65 लाख फर्जी मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं.
Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में बंपर वोटिंग हुई. 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर 64 फीसदी से अधिक लोगों ने मतदान किया. यह बिहार में वोटिंग का अब तक सबसे अधिक आंकड़ा है. इससे पहले साल 2000 के विधानसभा चुनाव में सर्वाधिक 62 प्रतिशत के करीब वोटिंग हुई थी. इस बार बिहार में हुई बंपर वोटिंग के पीछे क्या SIR भी एक फैक्टर है? इस बात की चर्चा भी चल रही है. 6 नवंबर को बिहार में पहले चरण में हुई वोटिंग, इन जिलों में पिछले चुनाव में हुए मतदान और एसआईआर के जरिए इन जिलों में कितने वोटरों का नाम कटा था, इसका डाटा क्या है? आइए देखते हैं.
| जिला | SIR में नाम हटे | वोटर टर्नआउट 2025 | वोट टर्नआउट 2020 |
| गोपालगंज | 249380 | 66.6 | 56.6 |
| पटना | 231500 | 58.4 | 51.1 |
| सारण | 231425 | 63.6 | 54.8 |
| समस्तीपुर | 218795 | 71.2 | 58.9 |
| मुजफ्फरपुर | 194737 | 71.4 | 60.5 |
| सीवान | 164992 | 60.5 | 53.8 |
| वैशाली | 145596 | 67.7 | 57.5 |
| भोजपुर | 141381 | 58.9 | 52.3 |
| दरभंगा | 122368 | 63.4 | 56.4 |
| बेगूसराय | 115692 | 69.6 | 58.2 |
| सहरसा | 99068 | 69.2 | 58.2 |
| नालंदा | 82082 | 59.3 | 58.6 |
| मधेपुरा | 72674 | 69.0 | 61.5 |
| बक्सर | 68246 | 61.8 | 55.8 |
| मुंगेर | 54473 | 63.2 | 50.2 |
| खगड़िया | 53583 | 67.7 | 58.4 |
| लखीसराय | 36966 | 65.1 | 54.4 |
| शेखपुरा | 18275 | 61.7 | 54.8 |
बिहार पहला राज्य, जहां SIR के बाद हुआ चुनाव
बिहार में वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी को स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (Special Intensive Revision) से जोड़ कर भी देखा जा रहा हैं. SIR के कारण ऐसे मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं, जो हकीकत में है ही नहीं. SIR के बाद बिहार पहला ऐसा राज्य है जहां चुनाव हो रहा हैं.
फर्जी वोटर हटने से भी बढ़ा मतदान प्रतिशत
राज्य में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के तहत मतदाताओं की संख्या में कमी आई है. वोटर पिछले चुनाव के मुकाबले कम होने से भी मतदान प्रतिशत बढ़ा हुआ दिख सकता है. एसआईआर के तहत बिहार की अंतिम मतदाता सूची में से करीब 65 लाख वोटरों के नाम हटा दिए गए हैं.
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