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पारू में इस बार आरजेडी की जली लालटेन, शंकर प्रसाद ने RLM उम्मीदवार को 28827 वोटों से हराया

पारू सीट एक ऐतिहासिक और चुनावी रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जिसकी पहचान भगवान महावीर जन्म स्थल बासोकुंड और अशोक स्तंभ जैसी धरोहरों से है. इस सीट पर यादव और भूमिहार वोटरों की संख्या लगभग बराबर होने के कारण मुकाबला हमेशा कड़ा रहता है.

पारू में इस बार आरजेडी की जली लालटेन, शंकर प्रसाद ने RLM उम्मीदवार को 28827 वोटों से हराया
  • पारू विधानसभा सीट इस बार आरजेडी ने राष्ट्रीय लोक मोर्चा प्रत्याशी को बड़े अंतर से हराया
  • पिछली बार निर्दलीय लड़ने वाले अशोक कुमार सिंह ने इस बार तीसरा स्थान प्राप्त किया और आरजेडी को फायदा हुआ
  • पारू में यादव और भूमिहार वोटरों की संख्या लगभग बराबर होने के कारण चुनावी मुकाबला हमेशा कड़ा रहता है
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मुजफ्फरपुर:

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की पारू विधानसभा सीट इस बार आरजेडी ने जीत ली. यहां एनडीए से राष्ट्रीय लोक मोर्चा प्रत्याशी और पिछली बार के विधायक निर्दलीय चुनाव लड़ने से आरजेडी को फायदा हो गया. आरजेडी प्रत्याशी शंकर प्रसाद ने उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा के मदन चौधरी को 28827 वोटों से हराया. वहीं निर्दलीय लड़ रहे अशोक कुमार सिंह 40661 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे.

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पिछले तीन चुनावों (2010, 2015, 2020) से इस सीट पर मुख्य मुकाबला बीजेपी के अशोक कुमार सिंह और महागठबंधन के उम्मीदवार शंकर प्रसाद यादव के बीच रहा है, जहां अशोक कुमार सिंह ने लगातार जीत दर्ज की थी. 2020 के चुनाव में अशोक कुमार सिंह (BJP) ने निर्दलीय उम्मीदवार शंकर प्रसाद यादव को 14,698 वोटों के अंतर से हराया था.

पारू सीट एक ऐतिहासिक और चुनावी रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जिसकी पहचान भगवान महावीर जन्म स्थल बासोकुंड और अशोक स्तंभ जैसी धरोहरों से है. इस सीट पर यादव और भूमिहार वोटरों की संख्या लगभग बराबर होने के कारण मुकाबला हमेशा कड़ा रहता है, जहां मुस्लिम और राजपूत वोटर भी परिणाम को प्रभावित करते हैं.

प्रमुख चुनावी मुद्दे और जनता की मांग

  • पर्यटन का अभाव: भगवान महावीर जन्म स्थल और अशोक स्तंभ जैसी धरोहरें होने के बावजूद, पर्यटन के दृष्टिकोण से क्षेत्र का अपेक्षित विकास नहीं हो सका है.
  • बुनियादी समस्याएं : गंभीर जलजमाव की समस्या, वर्षों से खराब पड़े सरकारी नलकूपों के कारण सिंचाई के निदान का अभाव.
  • स्वास्थ्य: रेफरल अस्पताल का भवन बनने के बाद भी उसे अब तक पूर्ण रेफरल अस्पताल का दर्जा नहीं मिल पाया है

क्षेत्र में पर्यटन विकास का अभाव है, गंभीर जलजमाव और खराब नलकूपों के कारण सिंचाई का संकट है और रेफरल अस्पताल का भवन बनने के बाद भी उसे पूर्ण दर्जा नहीं मिल पाया है. पिछली बार मुजफ्फरपुर में RJD का 4 सीटों (कांटी, गायघाट, मीनापुर, बोचहा) पर कब्जा था, जबकि BJP ने 5 सीटों (कुढ़नी, औराई, बरूराज, साहेबगंज, पारू) पर और JDU ने सकरा, तथा कांग्रेस ने मुजफ्फरपुर नगर विधानसभा सीट पर जीत हासिल की थी.

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