जब प्रधानमंत्री नई संसद का उद्घाटन करते हुए ऐतिहासिक सेंगोल (राजदंड) ग्रहण करेंगे, तो यह न केवल इतिहास को फिर देखने का प्रयास होगा, बल्कि तमिलों के बीच पहुंच बनाने के लिए उनकी पार्टी और सरकार के प्रयास को भी बढ़ावा देगा. माना जा रहा है कि सत्ता के ऐतिहासिक प्रतीक सेंगोल को नए संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी के पास रखा जा सकता है.