वजन कम करने की सर्जरी मोटे लोगों में टाइप 2 मधुमेह का खतरा कम करती है। एक अध्ययन के मुताबिक, टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित 80 फीसदी वयस्क मोटापे या अधिक वजन से ग्रस्त हैं।
ब्रिटेन के किंग्स कॉलेज के प्रोफेसर मार्टिन गुलीफोर्ड ने बताया, हमारे परिणाम दर्शाते हैं कि बेरिएट्रिक (वजन कम करने की) सर्जरी मोटापाग्रस्त महिलाओं और पुरुषों को मधुमेह से बचाने में काफी कारगर उपाय साबित हो सकती है।
उन्होंने बताया, हमें यह समझने की जरूरत है कि शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाने और स्वस्थ भोजन को बढ़ावा देने के साथ वजन कम करने की सर्जरी को मधुमेह से बचाव की रणनीति में कैसे प्रयोग किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि 'यूके क्लीनिकल प्रैक्टिस रिसर्च डेटालिंक' के इलेक्ट्रिॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड का प्रयोग करते हुए शोधकर्ताओं ने वजन कम करने की सर्जरी की प्रक्रिया का मधुमेह पर पड़ने वाले प्रभाव का आंकलन किया।
उन्होंने, ऐसे 2,167 मोटापाग्रस्त वयस्कों की पहचान की जिन्हें मधुमेह नहीं था। ये वर्ष 2000 से मोटापा कम करने वाली तीन सर्जरी प्रक्रियाओं में से एक प्रक्रिया से गुजर चुके थे। इनकी तुलना 2,167 नियंत्रित रोगियों से की गई और अधिकतम सात साल तक इनकी निगरानी की गई।
इस अवधि के दौरान वजन कम करने की सर्जरी कराने वाले रोगियों में मधुमेह के 38 नए रोगी मिले, जबकि सर्जरी नहीं कराने वाले नियंत्रित रोगियों में 177 नए रोगी मिले। सर्जरी करा चुके रोगियों में मधुमेह लगभग 80 फीसदी तक कम हुआ।
यह अध्ययन 'द लेनसेट डायबिटीज एंड इंडोक्रिनोलॉजी' जर्नल में प्रकाशित हुआ।
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