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फोन आया, कांपने लगे उसके हाथ... सवारी ले जा रहे टैक्सी ड्राइवर के साथ बीच रास्ते हुआ कुछ ऐसा, झकझोर उठेगा दिल

मुंबई के एक टैक्सी ड्राइवर की भावुक कहानी सोशल मीडिया पर वायरल, बुरी खबर सुनकर भी काम पर डटा रहा. पोस्ट ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया कि “हर किसी की ज़िंदगी अलग होती है.”

फोन आया, कांपने लगे उसके हाथ... सवारी ले जा रहे टैक्सी ड्राइवर के साथ बीच रास्ते हुआ कुछ ऐसा, झकझोर उठेगा दिल
टैक्सी ड्राइवर की दिल को झकझोर देने वाली कहानी

Taxi Driver Heartbreaking Experience: मुंबई में एक राइड के दौरान हुई दिल छू लेने वाली घटना ने सोशल मीडिया पर लाखों लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है. एक्स यूज़र मेहुल आर. ठक्कर (@MehulThakkar_) ने अपने हालिया पोस्ट में एक टैक्सी ड्राइवर के साथ हुई मुलाकात साझा की, जिसने दिखा दिया कि ज़िंदगी की मुश्किलें हर किसी के लिए कितनी अलग हो सकती हैं.

राइड के बीच में आई बुरी खबर

मेहुल ने बताया कि सोमवार को वे दादर, मुंबई में एक काली-पीली टैक्सी में सफर कर रहे थे. तभी ड्राइवर को अपने गांव से एक फोन आया. कॉल उठाते ही उसके चेहरे पर डर और बेचैनी साफ झलकने लगी. फोन पर उसे बताया गया कि उसकी बेटी का एक्सीडेंट हो गया है. मेहुल लिखते हैं- “मैंने तुरंत उसे टैक्सी रोकने को कहा, उसके हाथ कांप रहे थे, आवाज़ टूट रही थी. उसने घबराते हुए अपनी पत्नी को फोन किया और कहा कि वो तुरंत मौके पर पहुंच जाए.”

जब राहत की सांस मिली

कुछ देर बाद ड्राइवर ने फिर कॉल किया तो उसे पता चला कि उसकी बेटी को गंभीर चोट नहीं आई है, बस हाथ में फ्रैक्चर हो सकता है. यह सुनकर वह थोड़ा शांत हुआ. मेहुल ने उसे गहरी सांसें लेने और खुद को संभालने की सलाह दी.

दिल को छू गई ड्राइवर की बात

ड्राइवर ने कहा, “मुझे घर जाना चाहिए, क्योंकि परिवार को मेरी ज़रूरत है. लेकिन अगर मैं गया, तो अगले दस दिन तक कुछ कमा नहीं पाऊंगा… और घर पर भी पैसों की ज़रूरत होगी.” इस बात ने मेहुल को अंदर तक झकझोर दिया. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा- “हम अक्सर वर्क-लाइफ बैलेंस, छुट्टियां, रिमोट वर्क और मेंटल हेल्थ डे की बातें करते हैं, लेकिन ऐसे भी लोग हैं जिनकी ज़िंदगी में ये सुविधाएं होती ही नहीं.” अंत में उन्होंने लिखा- "हर किसी की ज़िंदगी वाकई अलग होती है."

सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रिया

मेहुल का यह पोस्ट तेजी से वायरल हो गया और कई यूज़र्स ने कमेंट कर अपनी भावनाएं साझा कीं. एक यूज़र ने लिखा, “क्या प्रवासी मजदूरों और ड्राइवर्स को अपने राज्य में रोजगार नहीं मिलना चाहिए?” दूसरे ने कहा, “हमें जब भी मौका मिले, ऐसे लोगों के प्रति उदार होना चाहिए.” एक और कमेंट में लिखा गया- “यही असुरक्षा और अनिश्चितता 90% लोगों को लगातार मेहनत करने पर मजबूर करती है, चाहे हालात कितने भी कठिन क्यों न हों.”

ज़िंदगी के असली संघर्ष की झलक

यह घटना एक साधारण टैक्सी यात्रा नहीं थी, बल्कि उस भारत की झलक थी, जहां लाखों लोग रोज़ अपनी परेशानियों के बावजूद दूसरों की सुविधा के लिए मेहनत करते हैं. यह कहानी याद दिलाती है कि हर मुस्कान के पीछे कोई न कोई संघर्ष छिपा होता है.

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