युवक-युवतियों के एक-दूसरे की गोद में बैठकर प्रदर्शन के बाद बस स्टैंड का हुआ कायाकल्प

छात्र-छात्राओँ द्वारा एक दूसरे की गोद में बैठकर किए गए प्रदर्शन से सुर्खियों में आए बस स्टैंड का प्रशासन ने कायाकल्प कर दिया है. साथ ही काटी गई बेंच भी हटा दी है. दरअसल स्थानीय लोग नहीं चाहते थे कि बस स्टैंड की एकमात्र बेंच पर लड़के-लड़कियां साथ बैठे इसलिए उन्होंने इसे काटकर अलग-अलग कर दिया था.

युवक-युवतियों के एक-दूसरे की गोद में बैठकर प्रदर्शन के बाद बस स्टैंड का हुआ कायाकल्प

यात्रियों की प्रतीक्षा के लिए बनी बेंच को स्थानीय लोगों द्वारा काटकर अलग-अलग किए जाने और इसके बाद छात्र-छात्राओँ द्वारा एक दूसरे की गोद में बैठकर किए गए प्रदर्शन से सुर्खियों में आए बस स्टैंड का प्रशासन ने कायाकल्प कर दिया है. साथ ही काटी गई बेंच भी हटा दी है. दरअसल स्थानीय लोग नहीं चाहते थे कि बस स्टैंड की एकमात्र बेंच पर लड़के-लड़कियां साथ बैठे इसलिए उन्होंने इसे काटकर अलग-अलग कर दिया था.

मेयर आर्या एस. राजेन्द्रन ने सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज, त्रिवेंद्रम के पास श्रीकार्यम में सामान्य बस स्टैंड बनाने का वादा किया, जिसके बाद निकाय अधिकारियों ने कटी बेंच को करीब दो महीने बाद हटाया है. एक-दूसरे की गोद में बैठ कर बेंच काटे जाने का विरोध कर रहे छात्र-छात्राओं की तस्वीरें सामने आने के बाद राजेन्द्र जुलाई में मौके पर गयी थीं.

मेयर ने बाद में एक पोस्ट में कहा था कि जिस तरह से बेंच को तीन हिस्सों में काटा गया था वह ना सिर्फ ‘अनुपयुक्त' था बल्कि केरल जैसे ‘प्रगतिशील समाज के लिए अनुचित भी था.'' उन्होंने कहा कि राज्य में लड़के-लड़कियों के साथ बैठने पर कोई रोक नहीं है और जो अभी भी नैतिक पुलिसिंग में यकीन रखते हें वे प्राचीन काल में जी रहे हैं. सत्तारूढ़ माकपा के युवा मोर्चा डीवाईएफआई ने भी कहा कि बस स्टैंड पर बेंच काटा जाना अस्वीकार्य है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)