पटना:
बिहार के सीवान जिले में हसनपुरा थाना अंतर्गत सिसवां कला पंचायत में पंचों ने सर्वसम्मति से निर्णय लेकर छोटी और स्कूल कालेज जाने वाली लड़कियों द्वारा मोबाइल फोन के उपयोग और छोटे कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
सिसवा कलां पंचायत के सरपंच विजयकांत कुंवर ने गुरुवार को बताया कि बच्चियों के अभिभावकों और छह महिला पंचों की मांग पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर स्कूल और कालेज जाने वाली लड़कियों के अनावश्यक मोबाइल फोन के प्रयोग और छोटे कपड़े पहनने पर रोक लगा दी गई है।
हालांकि, उन्होंने बताया कि यह ग्राम पंचायत के अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला है, लेकिन महिला पंचों तथा अभिभावकों की मांग को देखते हुए प्रतिबंध लगाने का लिखित प्रस्ताव सर्वसम्मति से कल पारित किया गया।
अभिभावकों और महिला पंचों का मानना था कि मोबाइल फोन पर गाने सुनने, अनावश्यक रूप से दूसरों से फोन पर बात करने और छोटे कपड़े पहनने के कारण लड़कियों के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं। इसलिए दोनों चीजों को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।
कुंवर ने बताया कि मोबाइल फोन के उपयोग और छोटे कपड़े पहनने पर प्रतिबंध का अमल कराने की जिम्मेदारी अभिभावकों की ही होगी। इसका उल्लंघन करने पर किसी प्रकार के दंड का प्रावधान नहीं है। बैठक में न्याय सचिव सहित कुल नौ पंच उपस्थित थे।
सरपंच ने कहा कि किसे क्या पहनना और ओढ़ना है, वह लोगों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता है। लेकिन अभिभावकों और महिला पंचों की मांग को लेकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया।
जिलाधिकारी गोपाल मीणा ने घटना के संबंध में पूछे जाने कहा कि मीडिया से इस संबंध में जानकारी मिली है। किसी को भी इस प्रकार का फैसला देने का अधिकार नहीं है। मामले की जांच करायी जा रही है।
बहरहाल, पुलिस अधीक्षक सत्यवीर सिंह ने बताया कि घटना की जानकारी के बाद स्थानीय पुलिस को सिसवा कलां भेजा गया था। पंचायत ने इस प्रकार का कोई भी फरमान दिए जाने से इनकार किया है।
उन्होंने कहा कि सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) को सारे मामले की जानकारी लेने को कहा गया है। यह देखने को कहा गया है कि किसी प्रकार की कानून व्यवस्था की समस्या तो नहीं है।
सिसवा कलां पंचायत के सरपंच विजयकांत कुंवर ने गुरुवार को बताया कि बच्चियों के अभिभावकों और छह महिला पंचों की मांग पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर स्कूल और कालेज जाने वाली लड़कियों के अनावश्यक मोबाइल फोन के प्रयोग और छोटे कपड़े पहनने पर रोक लगा दी गई है।
हालांकि, उन्होंने बताया कि यह ग्राम पंचायत के अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला है, लेकिन महिला पंचों तथा अभिभावकों की मांग को देखते हुए प्रतिबंध लगाने का लिखित प्रस्ताव सर्वसम्मति से कल पारित किया गया।
अभिभावकों और महिला पंचों का मानना था कि मोबाइल फोन पर गाने सुनने, अनावश्यक रूप से दूसरों से फोन पर बात करने और छोटे कपड़े पहनने के कारण लड़कियों के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं। इसलिए दोनों चीजों को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।
कुंवर ने बताया कि मोबाइल फोन के उपयोग और छोटे कपड़े पहनने पर प्रतिबंध का अमल कराने की जिम्मेदारी अभिभावकों की ही होगी। इसका उल्लंघन करने पर किसी प्रकार के दंड का प्रावधान नहीं है। बैठक में न्याय सचिव सहित कुल नौ पंच उपस्थित थे।
सरपंच ने कहा कि किसे क्या पहनना और ओढ़ना है, वह लोगों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता है। लेकिन अभिभावकों और महिला पंचों की मांग को लेकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया।
जिलाधिकारी गोपाल मीणा ने घटना के संबंध में पूछे जाने कहा कि मीडिया से इस संबंध में जानकारी मिली है। किसी को भी इस प्रकार का फैसला देने का अधिकार नहीं है। मामले की जांच करायी जा रही है।
बहरहाल, पुलिस अधीक्षक सत्यवीर सिंह ने बताया कि घटना की जानकारी के बाद स्थानीय पुलिस को सिसवा कलां भेजा गया था। पंचायत ने इस प्रकार का कोई भी फरमान दिए जाने से इनकार किया है।
उन्होंने कहा कि सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) को सारे मामले की जानकारी लेने को कहा गया है। यह देखने को कहा गया है कि किसी प्रकार की कानून व्यवस्था की समस्या तो नहीं है।
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