Iran Water Crisis: इंकलाब-ए-हवा...2025 का सिलसिला Tehran और पूरे Iran के लिए राहत की कोई बरसात नहीं, बस सूखे की जद्दोजहद...लगातार गहरी होती जा रही है. चारों तरफ नदियां सूख चुकी हैं, बांध खाली पड़े हैं और लोग कारखानों या सरकारी योजनाओं की नहीं, सिर्फ बरसात की दुआ कर रहे हैं. मस्जिदों और आंचलों में जुटी मानवता, हाथ उठाए खाकी आसमान की ओर, इस उम्मीद में कि अल्लाह खुद बरसात भेज दे. ऐसा ही एक दृश्य राजधानी में उस वक्त दिखा जब सैकड़ों लोग इकट्ठा हुए...आंखों में शायद आंसू, दिलों में टूटती प्यास, लेकिन सिर्फ दुआ ही शायद काफी नहीं हो. सरकार के पास एक उम्मीद है 'Cloud Seeding' यानी बादलों में रसायन डालकर बारिश लाने की कोशिश. यह कैसी कोशिश है, अपनी सीमाओं का पता नहीं, लेकिन हालत इतने बेकाबू कि इससे उम्मीद पनप रही है.

सूखा, प्यास और तन्हाई...मज्मून बदले, जमीं नहीं (Iran Rain Crisis)
लम्बा सूखा, टूटते बांध...Iran पिछले कई सालों से ज्यादा बारिश नहीं देख रहा था, लेकिन 2025 में हालात चरम पर पहुंच गए. बांधों की ज्यादातर जलधाराएं सूख चुकी हैं और पानी का स्तर न्यूनतम हो चुका है.

तेहरान की पीड़ा, उजाड़ हो सकती है राजधानी (Iran water crisis news)
राजधानी के कई इलाके पहले ही पानी और बिजली कटौती की मार झेल चुके हैं. सरकार तक कह चुकी है कि अगर बारिश ने हाथ न बढ़ाया, तो शहर खाली करना पड़ सकता है.

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कृषि प्रणाली और भूजल दोहन, पुराने जख्म आज ताजे हुए (Iran climate crisis)
Iran की कृषि और पानी-नीति ने सालों तक भूजल और नदियों का दुरुपयोग किया. अब उनका बिल भुगत रही है आम जनता. विशेषज्ञ कहते हैं कि यह सिर्फ मौसम नहीं...decades of mismanagement का नतीजा है.

दुआ...वो आखिरी आस (Iran prays for rain)
2025 की शीत ऋतु में, जब आसमान ऊपर से हर तरफ खाली था, तब लोग नीचे जमीन पर...मस्जिदों और शरण स्थलों में इकठ्ठा हुए. उनकी दुआ थी कि 'हे खालिक, बूंद दे, वर्ना सब सूख जाएगा.' उनकी दुआ सिर्फ बरसात के लिए नहीं थी...पानी की आबरू, रोजमर्रा की जिंदगी, पीने का एक गिलास जल, खेतों की प्यासी जमीन और जिंदगियां बचाने के लिए थी.
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क्लाउड सीडिंग से उम्मीद, लेकिन आसमान अब तक रूठा है (Iran cloud seeding)
सरकार वैज्ञानिक तरीके से कोशिश कर रही है. बादलों में रसायन छोड़ रही है, क्लाउड सीडिंग कर रही है, ताकि तर्क और दुआ दोनों साथ हो जाएं

एक देश, एक चेतावनी..अगर पानी ने हाथ नहीं बढ़ाया, तो...(Iran drought emotional story)
Iran की यह कहानी सिर्फ Iran तक सीमित नहीं. यह चेतावनी है उन हर देश और समाज के लिए जहां पानी की कद्र न रही हो...पानी को सस्ता, अनंत समझ लिया गया हो.

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भूजल और नदियों को बचाना, बस जरूरत नहीं, जिम्मेदारी है (Iran capital water shortage)
खेती, उद्योग, शहर...सब कुछ जल पर टिका है. Climate-mismanagement ने सालों पहले ही दस्तक दे दी थी, लेकिन सचेत हम नहीं हुए.

उम्मीद और जिम्मेदारी दोनों साथ (drought in Iran latest news)
- जितना हो सके, पानी बचाएं.
- खेतों व उद्योगों में पानी-कुशल तकनीक अपनाएं.
- भूजल पुनरुद्धार करें, प्राकृतिक जल स्रोतों को बचाएं.
- जल राजनीति का भाग न बनें, पारदर्शी जल नीति अपनाएं.
- और अगर दिल से दुआ कर रहे हैं तो साथ में अपना हिस्सा निभाएं...पानी की कद्र करें.
Iran का हाल सीख देते हुए अपना दर्द बयां कर रहा है कि, जब-जब पानी की कद्र नहीं होगी...तब तक बरसात की दुआ बेअसर रहेगी.
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