शादी के बाद 40 फीसदी से ज्यादा भारतीय महिलाएं अपने उपनाम को नहीं बदलना चाहतीं। महिला दिवस से पहले जारी एक सर्वेक्षण में यह बात कही गई है। शादी डॉट कॉम की तरफ से किए गए सर्वेक्षण में अविवाहित महिलाओं से जब उनके विचार मांगे गए तो 40.4 फीसदी ने कहा कि शादी के बाद वे अपना उपनाम नहीं बदलना चाहतीं।
अन्य 27 फीसदी ने बताया कि शादी के बाद वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र रहना चाहेंगी जबकि 18 फीसदी महिलाओं ने कहा कि वह चाहती हैं कि पुरुष भी परिवार की जिम्मेदारी में बराबर की भागीदारी निभाएं। 14 फीसदी से ज्यादा ने कहा कि वे चाहेंगी कि उनके पति उनके अभिभावकों को भी अपने अभिभावकों की तरह मानें।
ऑनलाइन सर्वेक्षण में 11 हजार 200 अविवाहित महिलाओं ने हिस्सा लिया जिनकी उम्र 24 से 38 वर्ष के बीच थी। जब विवाहित भारतीय महिलाओं से पूछा गया कि शादी करने का उनका निर्णय किससे प्रभावित हुआ तो 30 फीसदी से ज्यादा ने इसे अभिभावकों का दबाव बताया।
शादी डॉट कॉम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीओओ) गौरव रक्षित ने कहा, 'हमारा हमेशा मानना रहा कि महिलाओं को मजबूत और स्वतंत्र रहना चाहिए और यह देखना काफी उत्साहवर्धक है कि भारतीय महिलाओं की सोच ऐसी है।'
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