किडनी (गुर्दा) की खराबी से जूझ रही बच्ची को दिल्ली के गंगा राम अस्पताल में भर्ती किया गया है. तस्वीर: प्रतीकात्मक
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मदद से असम की एक आठ दिन की बच्ची को ऑपरेशन के लिए एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया गया है. किडनी (गुर्दा) की खराबी से जूझ रही बच्ची को दिल्ली के गंगा राम अस्पताल में भर्ती किया गया है.
अंग्रेजी अखबार मेल टुडे के मुताबिक पीड़ित बच्ची के पिता ध्रुबज्योति कलिता ने बताया कि किडनी की गंभीर समस्या से जूझ रही उनकी आठ दिन की बेटी की जान बचाने के लिए डिब्रूगंज के डॉक्टरों ने बच्ची को एयर ऐंबुलेंस से दिल्ली भेजने का फैसला किया. बच्ची को लेकर एयर एबुलेंस को दिल्ली में शाम सात बजे लैंड करना था. ट्रैफिक के हिसाब से दिल्ली में यह समय काफी व्यस्त होता है. सड़कों पर गाड़ियां रेंगती हैं. ऐसे में कुछ घंटों में बच्ची को अस्पताल पहुंचाना मुश्किल था.
इस मुश्किल घड़ी में मदद के लिए ध्रुबज्योति ने दिल्ली पुलिस में तैनात उन आईपीएस अफसरों से भी बात की थी जो नॉर्थ ईस्ट से आते हैं. तभी ये बातें प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंची. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दखल के बाद बच्ची को अस्पताल पहुंचाने के लिए सड़कें ट्रैफिक फ्री करवाई गई.
गंगा राम के डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची अभी खतरे से बाहर नहीं है. धीरे-धीरे उसकी हालत में सुधार हो रहे हैं.
मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार निजी तौर से जरूरतमंद बच्चों की मदद करते रहे हैं. पिछले दिनों बुलंदशहर की कैंसर पीड़ित नन्ही बच्ची रिद्धि को प्रधानमंत्री ने 3 लाख रुपए की मदद दी थी. वाराणसी की एक महिला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी बेटी का इलाज कराने की गुहार लगाई. इस महिला की बेटी की दोनों किडनियां खराब थी. प्रधानमंत्री ने तुरंत ही प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अधिकारियों को फोन कर मदद देने के लिए कहा. बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के प्रखंड मुरौल के शांभा के छात्र दिव्यांशु को पढ़ने के लिए प्रधानमंत्री ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय (एमएचआरडी) ने उसके नामांकन की सिफारिश सीबीएसई बोर्ड से की थी.
अंग्रेजी अखबार मेल टुडे के मुताबिक पीड़ित बच्ची के पिता ध्रुबज्योति कलिता ने बताया कि किडनी की गंभीर समस्या से जूझ रही उनकी आठ दिन की बेटी की जान बचाने के लिए डिब्रूगंज के डॉक्टरों ने बच्ची को एयर ऐंबुलेंस से दिल्ली भेजने का फैसला किया. बच्ची को लेकर एयर एबुलेंस को दिल्ली में शाम सात बजे लैंड करना था. ट्रैफिक के हिसाब से दिल्ली में यह समय काफी व्यस्त होता है. सड़कों पर गाड़ियां रेंगती हैं. ऐसे में कुछ घंटों में बच्ची को अस्पताल पहुंचाना मुश्किल था.
इस मुश्किल घड़ी में मदद के लिए ध्रुबज्योति ने दिल्ली पुलिस में तैनात उन आईपीएस अफसरों से भी बात की थी जो नॉर्थ ईस्ट से आते हैं. तभी ये बातें प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंची. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दखल के बाद बच्ची को अस्पताल पहुंचाने के लिए सड़कें ट्रैफिक फ्री करवाई गई.
गंगा राम के डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची अभी खतरे से बाहर नहीं है. धीरे-धीरे उसकी हालत में सुधार हो रहे हैं.
मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार निजी तौर से जरूरतमंद बच्चों की मदद करते रहे हैं. पिछले दिनों बुलंदशहर की कैंसर पीड़ित नन्ही बच्ची रिद्धि को प्रधानमंत्री ने 3 लाख रुपए की मदद दी थी. वाराणसी की एक महिला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी बेटी का इलाज कराने की गुहार लगाई. इस महिला की बेटी की दोनों किडनियां खराब थी. प्रधानमंत्री ने तुरंत ही प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अधिकारियों को फोन कर मदद देने के लिए कहा. बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के प्रखंड मुरौल के शांभा के छात्र दिव्यांशु को पढ़ने के लिए प्रधानमंत्री ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय (एमएचआरडी) ने उसके नामांकन की सिफारिश सीबीएसई बोर्ड से की थी.
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