वाशिंगटन:
व्हाइट हाउस द्वारा युद्धग्रस्त देश सीरिया के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के लिए अपना पक्ष मजबूत किए जाने के प्रयासों के बीच अमेरिकी सीनेट की खुफिया समिति ने कथित रूप से सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद प्रशासन द्वारा किए गए रासायनिक हमलों के 13 वीडियो जारी किए हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को सीरिया के खिलाफ ‘सीमित’ सैन्य हमलों का अधिकार देने संबंधी प्रस्ताव पर सीनेट में बहस और मतदान से कुछ ही दिन पहले रासायनिक हमलों संबंधी ये वीडियो जारी किए गए हैं जिनमें ग्राफिक चित्र हैं।
इन वीडियो को पहले गुरुवार को सीनेट की खुफिया समिति के सदस्यों को दिखाया गया और उसके सीएनएन को लीक किया गया। कई मीडिया संगठनों का कहना है कि ऐसा सीरिया पर हमले के संबंध में जनमत बनाने के प्रयासों के तहत किया गया है।
ओबामा प्रशासन ने राष्ट्रपति असद के बलों पर 21 अगस्त को दमिश्क के उपनगरों में जहरीली गैस के हमले में 1429 लोगों की हत्या करने का आरोप लगाया है। हालांकि सीरियाई सरकार ने इस आरोप का खंडन किया है।
कुछ हालिया ताजा जनमत संग्रहों में यह सामने आया है कि किसी नए हमले को लेकर अमेरिकियों में उत्साह कम है।
खुफिया समिति ने एक बयान में कहा है कि यूएस ओपन सोर्स सेंटर ने हमले के दिन के ये 13 वीडियो संकलित किए हैं।
समिति ने कहा है कि ये सभी वीडियो सीरियाई विपक्ष के समर्थकों द्वारा यूट्यूब पर डाले गए हैं।
इस बीच, ओबामा प्रशासन सीरिया पर हमले के लिए अपनी योजनाओं पर समर्थन जुटाने के लिए कांग्रेस के भीतर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन जुटाने में लगा है। अमेरिकी सीनेट में इस संबंध में प्रस्ताव पर इस सप्ताह के शुरुआत में मतदान होने की संभावना है।
विदेश मंत्री जॉन कैरी प्रस्ताव पर अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल करने के प्रयासों के तहत यूरोप के दौरे पर हैं।
बताया जाता है कि ओबामा कल खुद कांग्रेस के सदस्यों को फोन कर करके अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर अपने ही लोगों के खिलाफ रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किए जाने को लेकर असद सरकार को जवाबदेह ठहराए जाने की जरूरत पर जोर देते रहे।
पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और पूर्व रक्षामंत्री राबर्ट एम गेट्स ने सीरिया पर ओबामा की योजनाओं का समर्थन किया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को सीरिया के खिलाफ ‘सीमित’ सैन्य हमलों का अधिकार देने संबंधी प्रस्ताव पर सीनेट में बहस और मतदान से कुछ ही दिन पहले रासायनिक हमलों संबंधी ये वीडियो जारी किए गए हैं जिनमें ग्राफिक चित्र हैं।
इन वीडियो को पहले गुरुवार को सीनेट की खुफिया समिति के सदस्यों को दिखाया गया और उसके सीएनएन को लीक किया गया। कई मीडिया संगठनों का कहना है कि ऐसा सीरिया पर हमले के संबंध में जनमत बनाने के प्रयासों के तहत किया गया है।
ओबामा प्रशासन ने राष्ट्रपति असद के बलों पर 21 अगस्त को दमिश्क के उपनगरों में जहरीली गैस के हमले में 1429 लोगों की हत्या करने का आरोप लगाया है। हालांकि सीरियाई सरकार ने इस आरोप का खंडन किया है।
कुछ हालिया ताजा जनमत संग्रहों में यह सामने आया है कि किसी नए हमले को लेकर अमेरिकियों में उत्साह कम है।
खुफिया समिति ने एक बयान में कहा है कि यूएस ओपन सोर्स सेंटर ने हमले के दिन के ये 13 वीडियो संकलित किए हैं।
समिति ने कहा है कि ये सभी वीडियो सीरियाई विपक्ष के समर्थकों द्वारा यूट्यूब पर डाले गए हैं।
इस बीच, ओबामा प्रशासन सीरिया पर हमले के लिए अपनी योजनाओं पर समर्थन जुटाने के लिए कांग्रेस के भीतर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन जुटाने में लगा है। अमेरिकी सीनेट में इस संबंध में प्रस्ताव पर इस सप्ताह के शुरुआत में मतदान होने की संभावना है।
विदेश मंत्री जॉन कैरी प्रस्ताव पर अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल करने के प्रयासों के तहत यूरोप के दौरे पर हैं।
बताया जाता है कि ओबामा कल खुद कांग्रेस के सदस्यों को फोन कर करके अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर अपने ही लोगों के खिलाफ रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किए जाने को लेकर असद सरकार को जवाबदेह ठहराए जाने की जरूरत पर जोर देते रहे।
पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और पूर्व रक्षामंत्री राबर्ट एम गेट्स ने सीरिया पर ओबामा की योजनाओं का समर्थन किया है।
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