
- अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और रूस के व्लादिमीर पुतिन की अलास्का में यूक्रेन युद्ध पर बैठक करीब तीन घंटे तक चली.
- ट्रंप वॉशिंगटन से और पुतिन मॉस्को से आकर एल्मेंडोर्फ पर मिले जहां से कभी सोवियत संघ पर नजर रखी जाती थी.
- इस बैठक में दोनों नेताओं के अलावा उनके प्रमुख सलाहकार भी शामिल थे जिनमें विदेश मंत्री और विशेष दूत शामिल थे.
यूक्रेन में जंग को खत्म करने को लेकर अलास्का में हो रही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन की मीटिंग दो घंटे 45 मिनट के बाद आखिरकार खत्म हो गई है. इस मीटिंग के लिए जहां ट्रंप वॉशिंगटन से अलास्का पहुंचे थे तो वहीं पुतिन मॉस्को से आए थे. इस मुलाकात पर दुनियाभर की नजरें लगी हुई थीं. बंद कमरे में हुई इस मीटिंग को लेकर यूक्रेन काफी उत्साहित था. इस मुलाकात में यूक्रेन युद्धविराम पर कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका है लेकिन पुतिन ने अब मॉस्को में बातचीत का प्रस्ताव दे दिया है. लेकिन यूक्रेन में शांति कैसे आएगी इस पर कोई भी नतीजा नहीं निकल सका है.
दोनों तरफ से थे 3-3 लोग
मीटिंग से पहले ट्रंप और पुतिन के बीच काफी गर्मजोशी नजर आई और वह अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ ही उनकी ही लिमोजिन में रवाना हुए. पुतिन और ट्रंप के साथ उनके खास सलाहकार भी इसमें शामिल थे. जहां ट्रंप के साथ उनके विदेश मंत्री मार्को रुबियो और विशेष दूत स्टीव विटकॉफ थे तो पुतिन के साथ सर्गेई लावरोव और क्रेमलिन के विदेश नीति सलाहकार यूरी उशाकोव मौजूद थे.
यह मुलाकात शुक्रवार को अलास्का के सबसे बड़े अमेरिकी मिलिट्री एयरबेस एल्मेंडोर्फ पर हुई है. यह जगह एतिहासिक तौर पर काफी महत्वपूर्ण है और कोल्ड वॉर के दौरान सोवियत संघ पर यहीं से नजर रखी जाती थी. इस मुलाकात पर पुतिन के दूत ने पहली प्रतिक्रिया दी. किरिल दिमित्रिएव ने रूस की सरकारी समाचार एजेंसी इंटरफैक्स को बताया है कि बैठक काफी अच्छी रही. बंद कमरे में हुई यह बातचीत लगभग तीन घंटे तक चली.
ट्रंप से मुलाकात के बाद व्लादिमीर पुतिन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत की और कहा कि बातचीत 'आपसी सम्मान के रचनात्मक माहौल में हुई'. उन्होंने आगे कहा, 'हमारे बीच बहुत गहन बातचीत हुई जो काफी उपयोगी रही.' उन्होंने अलास्का शिखर सम्मेलन का प्रस्ताव रखने के लिए डोनाल्ड ट्रम्प को धन्यवाद दिया.
खराब रिश्ते की बात स्वीकारी
ट्रंप से मुलाकात के बाद व्लादिमीर पुतिन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत की और कहा कि बातचीत 'आपसी सम्मान के रचनात्मक माहौल में हुई'. उन्होंने आगे कहा, "हमारे बीच बहुत गहन बातचीत हुई जो काफी उपयोगी रही.' उन्होंने अलास्का शिखर सम्मेलन का प्रस्ताव रखने के लिए डोनाल्ड ट्रंप को धन्यवाद दिया. पुतिन ने आगे कहा, 'यूक्रेन एक भाईचारे वाला राष्ट्र है, हालांकि इस समय यह अजीब लग सकता है. हमें सभी मूल जड़ों को खत्म करना होगा. राष्ट्रपति ट्रंप से सहमत हूं- स्वाभाविक तौर पर यूक्रेन की सुरक्षा पर भी विचार किया जाना चाहिए. आशा है कि कीव इसे सकारात्मक रूप से लेगा और इसे विफल करने के लिए कोई गुप्त प्रयास नहीं करेगा.'
पुतिन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात मानी कि कि हाल के वर्षों में अमेरिका-रूस संबंधों में गिरावट आई है. उन्होंने कहा, ' यह बात सबके सामने है कि रूस और अमेरिका के बीच चार साल से कोई शिखर सम्मेलन नहीं हुआ है, और यह एक लंबा समय है. यह समय द्विपक्षीय संबंधों के लिए बहुत कठिन था. और सच कहूं तो, शीत युद्ध के बाद से ये अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं. मुझे लगता है कि इससे हमारे देशों और पूरी दुनिया को कोई फायदा नहीं हो रहा है.' उन्होंने आगे कहा, 'राष्ट्राध्यक्षों के बीच एक व्यक्तिगत बैठक लंबे समय से लंबित थी.'
ट्रंप ने बोला थैंक्यू
दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मीटिंग के बाद रूसी समकक्ष को धन्यवाद दिया. उन्होंने इस मीटिंग को 'बेहद उपयोगी' बताया. उन्होंने कहा, 'हम कई बिंदुओं पर सहमत हुए.' ट्रंप के शब्दों में, 'मैं कहूंगा कि कुछ बड़े बिंदु जरूर थे, लेकिन अभी हम उस मुकाम तक नहीं पहुंचे हैं, हमने कुछ प्रगति की है. 'जब तक कोई समझौता नहीं होता, तब तक कोई समझौता नहीं होता.' ट्रंप ने कहा कि वह नाटो और वोलोदिमीर जेलेंस्की को आज की मीटिंग के बारे में बताने के लिए फोन करेंगे. उन्होंने आगे कहा, 'मैं कुछ फोन कॉल्स करूंगा और उन्हें बताऊंगा कि क्या हुआ.' ट्रंप ने आगे कहा, 'हमारी बैठक बेहद उपयोगी रही और कई बिंदुओं पर सहमति बनी, अब बहुत कम बिंदु बचे हैं. कुछ बिंदु उतने महत्वपूर्ण नहीं हैं, एक शायद सबसे महत्वपूर्ण है, लेकिन हमारे पास उस मुकाम तक पहुंचने की बहुत अच्छी संभावना है.'
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