लंदन:
एक आधिकारिक सर्वेक्षण में सामने आया है कि ब्रिटेन में सात साल के छोटे बच्चे भी भांग और अन्य मादक पदार्थों का सेवन कर रहे हैं। सरकार के वार्षिक अपराध सर्वेक्षण में पाया गया है कि नौ साल के बच्चे कोकेन पर भी अपना हाथ आजमा रहे हैं। ऐसा वे इसलिए कर पा रहे हैं, क्योंकि उनके मां-बाप का उन पर नियंत्रण नहीं है।
'डेली मेल' की रिपोर्ट के अनुसार, सर्वेक्षण में पहली बार ब्रिटेन के इतनी छोटी उम्र के लोगों में भांग, कोकेन जैसे प्रचलित ड्रग्स का सेवन देखने को मिला है। सर्वेक्षण में पाया गया कि लगभग हर तीन में से एक बच्चे ने 16 वर्ष से भी कम उम्र में कम से कम एक बार भांग का सेवन कर लिया था। इनमें से लगभग छह प्रतिशत बच्चों ने स्कूल में ही श्रेणी 'ए' का कोकेन ले लिया था।
'फैमिली लाइव्स' नामक धर्मार्थ संस्था के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेरेमी टॉड ने कहा, हम हर साल हजारों परिवारों से बात करते हैं। सबूत दर्शाते हैं कि ड्रग्स और अल्कोहल अपनाने वाले बच्चों पर मुख्य प्रभाव उनके मां-बाप का होता है। अगर माता-पिता अपने बच्चों से सही ढंग से इस मसले पर बात करें, तो उन्हें इतनी छोटी उम्र में ड्रग्स अपनाने से रोक सकते हैं। ताकि आगे चलकर उन्हें समस्याओं का सामना न करना पड़े।
हालांकि इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हाईस्कूल में ड्रग्स लेने वाले बच्चों की संख्या में 12 प्रतिशत की कमी आई है और 16 की उम्र से पहले सिगरेट अपनाने वालों की संख्या पिछले 30 सालों में न्यूनतम है।
'डेली मेल' की रिपोर्ट के अनुसार, सर्वेक्षण में पहली बार ब्रिटेन के इतनी छोटी उम्र के लोगों में भांग, कोकेन जैसे प्रचलित ड्रग्स का सेवन देखने को मिला है। सर्वेक्षण में पाया गया कि लगभग हर तीन में से एक बच्चे ने 16 वर्ष से भी कम उम्र में कम से कम एक बार भांग का सेवन कर लिया था। इनमें से लगभग छह प्रतिशत बच्चों ने स्कूल में ही श्रेणी 'ए' का कोकेन ले लिया था।
'फैमिली लाइव्स' नामक धर्मार्थ संस्था के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेरेमी टॉड ने कहा, हम हर साल हजारों परिवारों से बात करते हैं। सबूत दर्शाते हैं कि ड्रग्स और अल्कोहल अपनाने वाले बच्चों पर मुख्य प्रभाव उनके मां-बाप का होता है। अगर माता-पिता अपने बच्चों से सही ढंग से इस मसले पर बात करें, तो उन्हें इतनी छोटी उम्र में ड्रग्स अपनाने से रोक सकते हैं। ताकि आगे चलकर उन्हें समस्याओं का सामना न करना पड़े।
हालांकि इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हाईस्कूल में ड्रग्स लेने वाले बच्चों की संख्या में 12 प्रतिशत की कमी आई है और 16 की उम्र से पहले सिगरेट अपनाने वालों की संख्या पिछले 30 सालों में न्यूनतम है।
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