रूस पर आतंकी संगठन आईएसआईएस (ISIS) ने हमला क्यों? मॉस्को में शुक्रवार को एक समारोह स्थल पर कई बंदूकधारियों ने भीड़ पर गोलीबारी की, जिसमें अब तक 70 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है और 150 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. पिछले कुछ समय में रूस पर आईएसआईएस द्वारा होने वाले हमलों की संख्या में नाटकीय रूप से बढ़ोतरी देखी गई है. रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एक अमेरिकी अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि अमेरिका के पास मॉस्को के कॉन्सर्ट में हुए हमले की जिम्मेदारी के इस्लामिक स्टेट के दावे की पुष्टि करने वाली खुफिया जानकारी है. यहां इस्लामिक स्टेट की अफगान शाखा है, जिसे आईएसआईएस-के के नाम से जाना जाता है. अमेरिका की रिपोर्ट में रूस पर हमला करने के उनके उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी गई है.
ISIS-K क्या है?
इस्लामिक स्टेट खुरासान (ISIS-K), जिसका नाम उस क्षेत्र के पुराने शब्द पर रखा गया है, जिसमें ईरान, तुर्कमेनिस्तान और अफगानिस्तान के कुछ हिस्से शामिल हैं. यह 2014 के अंत में पूर्वी अफगानिस्तान में उभरा, जिसने तेजी से अत्यधिक क्रूरता कर पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा.
इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह के सबसे सक्रिय क्षेत्रीय सहयोगियों में से एक, ISIS-K ने 2018 के आसपास चरम पर पहुंचने के बाद से इसकी सदस्यता में गिरावट देखी है. इसे तालिबान और अमेरिकी सेना ने भारी नुकसान पहुंचाया है. अमेरिका ने कहा है कि 2021 में देश से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से अफगानिस्तान में आईएसआईएस-के जैसे चरमपंथी समूहों के खिलाफ खुफिया जानकारी विकसित करने की उसकी क्षमता कम हो गई है.
ISIS-K ने किन-किन हमलों को दिया अंजाम
आईएसआईएस-के का अफगानिस्तान के अंदर और बाहर मस्जिदों सहित हमलों का इतिहास रहा है. इस साल की शुरुआत में अमेरिकी इंटरसेप्टेड कम्युनिकेशन से पुष्टि हुई थी कि समूह ने ईरान में दोहरे बम विस्फोट किए थे, जिसमें लगभग 100 लोग मारे गए थे. वहीं, सितंबर 2022 में ISIS-K आतंकवादियों ने काबुल में रूसी दूतावास पर एक घातक आत्मघाती बम विस्फोट की जिम्मेदारी ली थी.
यह समूह 2021 में काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हमले के लिए भी जिम्मेदार था, जिसमें देश से अमेरिकियों की निकासी के दौरान 13 अमेरिकी सैनिक और कई नागरिक मारे गए थे. इस महीने की शुरुआत में मध्य पूर्व में शीर्ष अमेरिकी जनरल ने कहा था कि आईएसआईएस-के अफगानिस्तान के बाहर अमेरिकी और पश्चिमी हितों पर "कम से कम छह महीने में और बिना किसी चेतावनी के हमला कर सकता है."
ये आतंकी रूस पर हमला क्यों कर रहे?
पिछले कुछ समय में रूस पर आईएसआईएस द्वारा होने वाले हमलों की संख्या में नाटकीय रूप से बढ़ोतरी देखी गई है. विशेषज्ञों ने कहा है कि आईएसआईएस समूह ने हाल के वर्षों में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का जमकर विरोध किया है. दरअसल, पुतिन ने 2015 में हस्तक्षेप करके विपक्ष और इस्लामिक स्टेट के खिलाफ राष्ट्रपति बशर अल-असद का समर्थन करके सीरियाई गृहयुद्ध की दिशा बदल दी थी.
वाशिंगटन स्थित रिसर्च ग्रुप सौफ़ान सेंटर के कॉलिन क्लार्क ने कहते हैं, "इस्लामिक स्टेट - खुरासान प्रांत (ISIS-K) का टारगेट पिछले दो वर्षों से रूस रहा है. वह अपने अभियान में अक्सर पुतिन की आलोचना करता रहता है.
वाशिंगटन स्थित विल्सन सेंटर के माइकल कुगेलमैन ने कहा कि आईएसआईएस-के रूस को उन गतिविधियों में भागीदार के रूप में देखता है, जो नियमित रूप से मुसलमानों पर अत्याचार करते हैं. उन्होंने कहा कि समूह में कई मध्य एशियाई उग्रवादी भी शामिल हैं, जिनकी मास्को के खिलाफ अपनी शिकायतें हैं.
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