पाकिस्तान की एक अदालत ने नेशनल असेम्बली में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ को 17 जून तक गिरफ्तारी से राहत देते हुए उनकी अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार कर ली. इससे एक दिन पहले भ्रष्टाचार रोधी दल ने धनशोधन एवं आय के ज्ञात स्रोत से अधिक धन रखने के मामलों में शहबाज को गिरफ्तार करने के लिए उनके आवास पर छापा मारा था. ‘डॉन' समाचार पत्र ने बताया कि लाहौर हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष और देश के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई शहबाज की अग्रिम जमानत याचिका मंजूर करते हुए उन्हें 17 जून तक गिरफ्तारी से राहत दे दी.
अदालत ने शहबाज को पांच लाख रुपए का मुचलका जमा करने का आदेश दिया है. समाचार पत्र ने बताया कि सुनवाई के दौरान शहबाज के वकील ने दलील दी कि राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो ने उन्हें दो जून को तलब किया था, लेकिन उनके खिलाफ वारंट 28 मई का है, यानी ब्यूरो ने उनकी गिरफ्तारी का फैसला पहले ही कर लिया था. शहबाज की कानूनी टीम ने एक जून को ही अग्रिम जमानत याचिका दायर कर दी थी लेकिन इस पर मंगलवार को सुनवाई नहीं हो सकी.
इस बीच, मंगलवार को शहबाज ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए ब्यूरो के समक्ष पेश होने से इनकार कर दिया. उन्होंने ब्यूरो के समक्ष पेश बयान में कहा, ‘मीडिया में ऐसा बताया गया है कि ब्यूरो के कुछ अधिकारी कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं. कृपया यह बात समझिए कि मैं कैंसर का मरीज रह चुका हूं और मेरी आयु 69 वर्ष है. मेरी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण मुझे कम से कम बाहर निकलने की सलाह दी गई हैं.'
उन्होंने कहा कि वह स्काइप के जरिए जांच दल के प्रश्नों का उत्तर देने के लिए तैयार हैं. एनएबी के समक्ष सुनवाई के लिए उनके नहीं उपस्थित होने के बाद ब्यूरो एवं पुलिस के अधिकारियों ने उन्हें गिरफ्तार करने के लिए लाहौर के मॉडल टाउन स्थित उनके आवास पर छापा मारा, लेकिन शहबाज वहां मौजूद नहीं थे.
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