अपने साथियों की जान बचाने वाले नेपाली छात्र को हमास ने बंधक बनाया : नेपाल के विदेश मंत्री

विदेश मंत्री एनपी सउद ने बताया कि छात्र बिपिन जोशी को आतंकवादी समूह द्वारा अगवा कर लिया गया है

अपने साथियों की जान बचाने वाले नेपाली छात्र को हमास ने बंधक बनाया : नेपाल के विदेश मंत्री

प्रतीकात्मक तस्वीर

काठमांडू:

इजराइल के एक फार्म पर हमास के हमले के बाद लापता हुए एक नेपाली छात्र को इस फिलिस्तीनी चरमपंथी समूह द्वारा बंधक बना लिया गया है और अंतरराष्ट्रीय संगठनों की मदद से उसे ढ‍ूंढने के प्रयास जारी हैं. नेपाल सरकार ने रविवार को यह जानकारी दी.

हमास ने पिछले शनिवार को दक्षिणी इजराइल में ताबड़तोड़ हवाई हमले किए थे, जिसमें 10 नेपाली छात्रों की मौत हो गई थी. छह छात्रों को सुरक्षित निकाल लिया गया था, जबकि एक छात्र लापता है. यह 17 नेपाली छात्र 'लर्न एंड अर्न' योजना के अंतर्गत फार्म में प्रशिक्षु के रूप में कार्य कर रहे थे.

विदेश मंत्री एनपी सउद ने यहां अपने आवास पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया प्रतिनिधियों के एक समूह को बताया कि बिपिन जोशी को आतंकवादी समूह द्वारा अगवा कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि बिपिन ने नेपाली छात्रों पर हमास द्वारा किए गए हथगोले से हमले में अन्य नेपाली छात्रों की जान बचाई थी.

उन्होंने कहा, ''जोशी को हमास ने बंधक बनाया हुआ है. उनके (जोशी के) सहयोगियों से प्राप्त जानकारी के आधार पर हमास ने जोशी और थाइलैंड के नागरिकों के एक समूह को बंधक बनाया हुआ है. नेपाल सरकार ने जोशी का पता लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राजनयिक मिशनों से अनुरोध किया है.''

सउद ने कहा कि जोशी ने छात्रों पर हमास द्वारा फेंके गए दो हथगोलों में से एक को वापस फेंक दिया था. उन्होंने कहा, ‘‘इजराइली सरकार ने आतंकी हमले में मारे गए 10 नेपाली छात्रों के शव अपने नियंत्रण में ले लिया है.''

सउद ने कहा, ‘‘मैंने इस मसले पर इजराइल के विदेश मंत्री (एली कोहेन) से बात की है और हम शवों को जल्द से जल्द वापस लाने की दिशा में काम कर रहे हैं. इजराइल में नेपाली राजदूत ने भी जल्द से जल्द शवों को नेपाल वापस भेजने की प्रतिबद्धता जताई है.''

नेपाल सरकार ने अपने नागरिकों के लिए एक यात्रा परामर्श भी जारी किया है, जिसमें उनसे बहुत जरूरी न होने पर इजराइल की यात्रा से बचने का आग्रह किया गया है. परामर्श में बताया गया है कि अगर यात्रा बहुत ही जरूरी है तो विशेष सावधानी बरतें और जरूरी सुरक्षा नियमों का पालन करें.

सउद ने एक सवाल के जवाब में कहा कि नेपाल पश्चिम एशिया के मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है.उन्होंने कहा, ''बीस साल से कम उम्र के हमारे छात्रों पर हमास का हमला निंदनीय है. इनमें से कुछ छात्र बहुत छोटे थे.''

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