इज़राइल और हमास के बीच जारी संघर्ष (Israel Hamas War) में करीब 3,000 लोग मारे गए हैं और गाजा में लगभग 23 लाख लोग मानवीय संकट का सामना कर रहे हैं. यह युद्ध गुरुवार को छठे दिन में प्रवेश कर गया और इसका फिलहाल अंत होता दिखाई नहीं दे रहा है. शनिवार को हमास के बंदूकधारियों ने रॉकेटों की बौछार की आड़ में भारी किलेबंदी वाली सीमा पार कर ली. इजराइल का आयरन डोम एंटी-मिसाइल सिस्टम ध्वस्त हो गया. हमास ने वहां 1200 से अधिक इजराइलियों और विदेशी नागरिकों की हत्या कर दी और बच्चों सहित करीब 150 लोगों को बंधक बना लिया.
हमास के हमलों के जवाब में इजराइल ने पांच दिनों तक हवाई हमले किए. इनमें पूरे गाजा के उन भवनों, मस्जिदों और स्कूलों को निशाना बनाया गया, जिनके बारे में दावा किया गया कि उनका इस्तेमाल हमास के गुर्गों द्वारा किया जा रहा था. गाजा ने गुरुवार को दोपहर में कहा कि अब तक 1,300 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं.
अब सवाल उठ रहा है कि क्या हमास ने इज़राइल को हमलों की पूर्व चेतावनी दी थी, और तेल अवीव की जानामाना खुफिया नेटवर्क हमले को रोकने में कैसे और क्यों विफल रहा?
शायद सबसे बड़ा सवाल युद्ध अपराधों (War Crimes) को लेकर है, जिसके आरोप दशकों से इजराइलियों और फिलिस्तीनियों के बीच लगाए जाते रहे हैं. क्या वहां युद्ध अपराध किए जा रहे हैं? इसका सीधा जवाब हां है. युद्ध अपराध इज़राइल और हमास दोनों की ओर से किए जा रहे हैं.
क्या है युद्ध अपराध या मानवता के खिलाफ अपराध?
साल 1998 में इंटरनेशनल क्रिमनल कोर्ट ने "युद्ध अपराध" की एक व्यापक परिभाषा दी. इसके तहत अनिवार्य रूप से संघर्ष के पक्षों को नागरिक और सैन्य लक्ष्यों के बीच अंतर करने की जरूरत होती है. इसमें "जानबूझकर हत्या करना" और "बंधक बनाना" शामिल है, साथ ही "धर्म, शिक्षा, कला, विज्ञान या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए समर्पित इमारतों... ऐतिहासिक स्मारकों, अस्पतालों" पर हमला करना भी शामिल होता है.
युद्ध अपराधों में "शत्रुता में प्रत्यक्ष भाग न लेने वाली नागरिक आबादी के पर हमले करना, उनकी हत्या करना या चोट पहुंचाना भी शामिल है. इससे संबंधित कानून नागरिकों को उनके अस्तित्व के लिए अत्यधिक जरूरी वस्तुओं से वंचित करके युद्ध की एक विधि के रूप में भुखमरी का उपयोग करने" पर भी रोक लगाता है. इसमें कुल मिलाकर, यातना और बलात्कार सहित 50 से अधिक मामले हैं.
इसी के साथ "मानवता के खिलाफ अपराध" को किसी भी नागरिक आबादी के खिलाफ व्यापक या व्यवस्थित हमले" के रूप में परिभाषित किया गया है और इसमें "विनाश", "दासता" और "निर्वासन" शामिल है.
हमास के युद्ध अपराध
इज़राइल पर फ़िलिस्तीनी समूह का रॉकेट हमला एक युद्ध अपराध था. उसके बंदूकधारियों ने कथित तौर पर सीमावर्ती कस्बों में घर-घर जाकर नागरिकों को मारा और बंधक बनाया. यह युद्ध अपराध है.
अंतरराष्ट्रीय कानून के विशेषज्ञ मेलानी ओ'ब्रायन ने एएफपी को बताया कि हमास का रॉकेट हमला "नागरिक आबादी के बीच आतंक फैलाने के उद्देश्य से हिंसा" को रोकने वाले मानवीय कानूनों का उल्लंघन करता प्रतीत होता है.
इजराइली सीमावर्ती शहर में एक संगीत समारोह में हमास ने 270 लोगों की हत्या की. लोगों को बंधक बनाया. इस पर ओ'ब्रायन ने कहा, इस पर पूरी तरह से रोक है... यह एक युद्ध अपराध है."
एक ऑस्ट्रेलियाई यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रोफेसर बेन शाऊल ने एएफपी को बताया, "हमास की ओर से, मुझे लगता है कि यह बिल्कुल साफ है... नागरिकों की जानबूझकर हत्या एक युद्ध अपराध है."
ऐसे आरोप भी लगे हैं कि हमास के सदस्यों ने महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया, हालांकि यह दावा अभी तक साबित नहीं हुआ है. दावा किया गया कि हमास ने बच्चों का सिर काटा है. यह दावा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा भी किया गया था, लेकिन व्हाइट हाउस ने कुछ ही समय बाद इसे वापस ले लिया. न तो बाइडेन और न ही अमेरिकी सरकार के अधिकारियों के पास ऐसे कृत्यों का कोई पुख्ता सबूत था.
इज़राइल के युद्ध अपराध
कई लोगों का तर्क है कि इजराइल की ओर से गाजा पर दागे गए रॉकेट भी हमास के मिसाइल हमलों जैसा ही एक युद्ध अपराध है, क्योंकि इनमें यह निश्चित नहीं था कि नागरिक या गैर सैनिक नहीं मारे जाएंगे.
इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के साथ गठबंधन नहीं करने वालों से गाजा छोड़ने के लिए कहा. लेकिन यह देखते हुए कि गाजा की पूरी तरह से घेराबंदी कर दी गई है (और मिस्र ने अपनी सीमा बंद कर दी है), फिलिस्तीनी नागरिकों के पास रुकने और बम गिरने का खतरा मोल लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.
हालांकि यह निश्चित है कि इज़राइल की ओर से की गई पूरी घेराबंदी के नतीजे में गाजा ने अपनी शक्ति खो दी है. वहां भोजन, पानी और दवाएं तेजी से समाप्त हो रही हैं. एक युद्ध अपराध है.
बेन शाऊल ने कहा, "इजरायल की ओर से मैं कहूंगा कि सबसे साफ घोषणा पूर्ण घेराबंदी की है... भोजन, ईंधन, पानी, ऊर्जा को आने से रोकना. आपराधिक दायित्व के संदर्भ में भुखमरी एक युद्ध अपराध है."
अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत घेराबंदी पर रोक नहीं है, लेकिन युद्ध की एक विधि की तरह भुखमरी के हालात पैदा करने पर रोक है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने कहा है कि मानवीय कानूनों के तहत इस तरह की घेराबंदी अवैध है.
(इनपुट एजेंसियों से)
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