सेलर्सबर्ग (पेनसिल्वानिया):
एक बेहद प्रभावशाली मुस्लिम धर्मगुरु अमेरिका के पोकोनो पर्वत इलाके में 26 एकड़ में बने एक चारदीवारी-युक्त कम्पाउंड में रह रहे हैं, जहां वह रोज़ प्रार्थना भी करते हैं, काम भी, और प्रशंसकों से मुलाकातें भी। और हां, जिस तरह थोड़ा-थोड़ा करके तुर्की में उनकी 'मोस्ट-वॉन्टेड' लिस्ट को अदालत में उजागर किया जा रहा है, और धर्मगुरु पर भी आतंकवाद से जुड़े आरोप लग रहे हैं, वह दूर बैठे सिर्फ देख रहे हैं।
तुर्की के सबसे महत्वपूर्ण विद्वानों में शुमार किए जाने वाले फेतुल्ला गुलेन कभी-कभी ही जनता के बीच जाते हैं, लेकिन उनके अनुयायी उनके देश में ही नहीं दुनियाभर में फैले हैं। हाल ही में तुर्की के राष्ट्रपति रेसिप एरडोगन ने गुलेन पर पेनसिल्वानिया में बैठे-बैठे ही धर्मनिरपेक्ष सरकार को गिराने की साज़िश रचने का आरोप लगाया था।
गुलेन के समर्थकों ने इस आरोप को आधारहीन बताया, और फिलहाल अमेरिका ने भी उन्हें वापस तुर्की भेजने में कोई रुचि नहीं दिखाई है। वैसे, तुर्की में मामले की सुनवाई 6 जनवरी को गुलेन की गैरमौजूदगी में ही शुरू हो चुकी है, और उसके कई महीने चलने के आसार हैं। दूसरा ट्रायल, जिसमें गुलेन के आंदोलन पर जासूसी करने का भी आरोप है, सोमवार को शुरू हुआ।
गुलेन समर्थकों के अनुसार, अगर गुलेन को अमेरिका से डिपोर्ट किए जाने की चिंता है भी, तो उसके बारे में उन्होंने अपने भरोसेमंद लोगों से भी बात नहीं की है। न्यूयार्क में गुलेन के विचारों का प्रसार करने वाले समूह एलायन्स फॉर शेयर्ड वैल्यूज़ के अध्यक्ष वाई. एल्प असलानडोगन ने कहा, "उनका (गुलेन का) कहना है कि अमेरिका में कानून के शासन और लोकतंत्र की बेहद लंबी परंपरा रही है... वे समझ जाएंगे कि ये आरोप राजनीति से प्रेरित हैं, और वे एरडोगन को अपनी महत्वाकांक्षाएं अमेरिका तक फैलाने नहीं देंगे..."
न्याय विभाग के प्रवक्ता पीटर कार ने गुलेन के मामले में किसी बी तरह की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। गुलेन के अनुयायी चैरिटेबल फाउंडेशनों, प्रोफेशनल एसोसिएशनों तथा अन्य प्रोजेक्टों का एक विश्वव्यापी नेटवर्क चलाते हैं, जिनमें पूरे अमेरिका में 150 चार्टर स्कूल भी शामिल हैं। लेकिन गुलेन के निजी जीवन के बारे में मिली जानकारियां और इन प्रोजेक्टों से उनके ताल्लुक लंबे अरसे से काफी धुंधले रहे हैं, जिनसे उनके इरादों को लेकर संशय पैदा होता है।
एफबीआई ने वित्तीय अनियमितताओं तथा वीसा फ्रॉड के आरोप में कुछ अमेरिकी स्कूलों की जांच भी की। गुलेन पर सबसे बड़ा आरोप गुलेन के खिलाफ जारी अमेरिकी मुकदमे के दौरान तुर्की सरकार के वकील ने लगाया, और कहा कि ये स्कूल तुर्की शिक्षकों को ला रहे हैं, जो ऐसे विद्यार्थियों की पहचान करेंगे, जिन्हें गुलेन के 'हिज़मत' आंदोलन के लिए तैयार किया जा सके। तुर्की भाषा में 'हिज़मत' का अर्थ 'सेवा' होता है।
उधर, गुलेन के समर्थकों का कहना है कि इन अमेरिकी स्कूलों से जुड़े किसी भी व्यक्ति के विरुद्ध कोई आरोप नहीं लगाया गया है, और शिक्षकों द्वारा इस्लाम का प्रचार करने को लेकर भी छात्रों या अभिभावकों की तरफ से कोई शिकायत नहीं मिली है। अमेरिका में सभी स्कूल सार्वजनिक होते हैं, और किसी भी धर्म या समुदाय के छात्र वहां दाखिला ले सकते हैं।
असलानडोगन ने कहा, "आप टेक्सास इलाके में रहने वाले ईसाइयों का धर्मपरिवर्तन करने की कोशिश करिए... फिर देखिए, क्या होता है... जो भी अमेरिकी समाज और आज के माहौल को जानता है, वह तुरंत समझ जाएगा कि यह दावा कितना हास्यास्पद है..." उन्होंने यह भी कहा कि वैसे भी गुलेन का स्कूलों के वित्तीय मामलों या संचालन से कोई लेना-देना नहीं है।
इमाम के रूप में प्रशिक्षित गुलेन तुर्की में लगभग 50 साल पहले लोगों की नज़रों में आए थे, जब उन्होंने एक ऐसे दर्शन का प्रचार करना शुरू किया, जिससे इस्लाम का नया ही रूप सामने आया, जो लोकतंत्र, शिक्षा-दीक्षा, विज्ञान तथा सभी धर्मों के बीच वार्ता की जोरदार वकालत करता था। उनके समर्थकों ने 100 से भी ज़्यादा देशों में 1,000 स्कूल शुरू कर दिए। तुर्की में ये समर्थक यूनिवर्सिटी, अस्पताल, चैरिटी संस्थाएं, एक बैंक और बहुत बड़ा मीडिया एम्पायर चलाते हैं, जिसके तहत अख़बार, रेडियो और टीवी स्टेशन संचालित किए जाते हैं।
तुर्की के सबसे महत्वपूर्ण विद्वानों में शुमार किए जाने वाले फेतुल्ला गुलेन कभी-कभी ही जनता के बीच जाते हैं, लेकिन उनके अनुयायी उनके देश में ही नहीं दुनियाभर में फैले हैं। हाल ही में तुर्की के राष्ट्रपति रेसिप एरडोगन ने गुलेन पर पेनसिल्वानिया में बैठे-बैठे ही धर्मनिरपेक्ष सरकार को गिराने की साज़िश रचने का आरोप लगाया था।
गुलेन के समर्थकों ने इस आरोप को आधारहीन बताया, और फिलहाल अमेरिका ने भी उन्हें वापस तुर्की भेजने में कोई रुचि नहीं दिखाई है। वैसे, तुर्की में मामले की सुनवाई 6 जनवरी को गुलेन की गैरमौजूदगी में ही शुरू हो चुकी है, और उसके कई महीने चलने के आसार हैं। दूसरा ट्रायल, जिसमें गुलेन के आंदोलन पर जासूसी करने का भी आरोप है, सोमवार को शुरू हुआ।
गुलेन समर्थकों के अनुसार, अगर गुलेन को अमेरिका से डिपोर्ट किए जाने की चिंता है भी, तो उसके बारे में उन्होंने अपने भरोसेमंद लोगों से भी बात नहीं की है। न्यूयार्क में गुलेन के विचारों का प्रसार करने वाले समूह एलायन्स फॉर शेयर्ड वैल्यूज़ के अध्यक्ष वाई. एल्प असलानडोगन ने कहा, "उनका (गुलेन का) कहना है कि अमेरिका में कानून के शासन और लोकतंत्र की बेहद लंबी परंपरा रही है... वे समझ जाएंगे कि ये आरोप राजनीति से प्रेरित हैं, और वे एरडोगन को अपनी महत्वाकांक्षाएं अमेरिका तक फैलाने नहीं देंगे..."
न्याय विभाग के प्रवक्ता पीटर कार ने गुलेन के मामले में किसी बी तरह की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। गुलेन के अनुयायी चैरिटेबल फाउंडेशनों, प्रोफेशनल एसोसिएशनों तथा अन्य प्रोजेक्टों का एक विश्वव्यापी नेटवर्क चलाते हैं, जिनमें पूरे अमेरिका में 150 चार्टर स्कूल भी शामिल हैं। लेकिन गुलेन के निजी जीवन के बारे में मिली जानकारियां और इन प्रोजेक्टों से उनके ताल्लुक लंबे अरसे से काफी धुंधले रहे हैं, जिनसे उनके इरादों को लेकर संशय पैदा होता है।
एफबीआई ने वित्तीय अनियमितताओं तथा वीसा फ्रॉड के आरोप में कुछ अमेरिकी स्कूलों की जांच भी की। गुलेन पर सबसे बड़ा आरोप गुलेन के खिलाफ जारी अमेरिकी मुकदमे के दौरान तुर्की सरकार के वकील ने लगाया, और कहा कि ये स्कूल तुर्की शिक्षकों को ला रहे हैं, जो ऐसे विद्यार्थियों की पहचान करेंगे, जिन्हें गुलेन के 'हिज़मत' आंदोलन के लिए तैयार किया जा सके। तुर्की भाषा में 'हिज़मत' का अर्थ 'सेवा' होता है।
उधर, गुलेन के समर्थकों का कहना है कि इन अमेरिकी स्कूलों से जुड़े किसी भी व्यक्ति के विरुद्ध कोई आरोप नहीं लगाया गया है, और शिक्षकों द्वारा इस्लाम का प्रचार करने को लेकर भी छात्रों या अभिभावकों की तरफ से कोई शिकायत नहीं मिली है। अमेरिका में सभी स्कूल सार्वजनिक होते हैं, और किसी भी धर्म या समुदाय के छात्र वहां दाखिला ले सकते हैं।
असलानडोगन ने कहा, "आप टेक्सास इलाके में रहने वाले ईसाइयों का धर्मपरिवर्तन करने की कोशिश करिए... फिर देखिए, क्या होता है... जो भी अमेरिकी समाज और आज के माहौल को जानता है, वह तुरंत समझ जाएगा कि यह दावा कितना हास्यास्पद है..." उन्होंने यह भी कहा कि वैसे भी गुलेन का स्कूलों के वित्तीय मामलों या संचालन से कोई लेना-देना नहीं है।
इमाम के रूप में प्रशिक्षित गुलेन तुर्की में लगभग 50 साल पहले लोगों की नज़रों में आए थे, जब उन्होंने एक ऐसे दर्शन का प्रचार करना शुरू किया, जिससे इस्लाम का नया ही रूप सामने आया, जो लोकतंत्र, शिक्षा-दीक्षा, विज्ञान तथा सभी धर्मों के बीच वार्ता की जोरदार वकालत करता था। उनके समर्थकों ने 100 से भी ज़्यादा देशों में 1,000 स्कूल शुरू कर दिए। तुर्की में ये समर्थक यूनिवर्सिटी, अस्पताल, चैरिटी संस्थाएं, एक बैंक और बहुत बड़ा मीडिया एम्पायर चलाते हैं, जिसके तहत अख़बार, रेडियो और टीवी स्टेशन संचालित किए जाते हैं।
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