विज्ञापन
This Article is From Mar 19, 2011

परमाणु दुर्घटना का खतरा और बढ़ा, छिड़काव जारी

टोक्यो: पिछले सप्ताह के विनाशकारी भूकम्प और प्रलयंकारी सुनामी के बाद तबाही का सामना कर रहे जापान की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। फुकुशिमा दायची परमाणु संयंत्र में परमाणु दुर्घटना की आशंका बढ़ती जा रही है। जापान सरकार ने शुक्रवार को संयंत्र में दुर्घटना के अलर्ट स्तर को चार से बढ़ाकर पांच कर दिया। संयंत्र को ठंडा करने के लिए दूसरे दिन भी उस पर हेलीकॉप्टरों और टैंकरों से पानी का छिड़काव किया गया। इस आपदा में अब तक मारे जाने वालों की संख्या 6,911 तक पहुंच गई है जबकि 10,316 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। विभीषिका से जूझ रहे देश के सामने पानी, बिजली और अन्य बुनियादी जरूरतों की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। उधर, भारत और चीन ने जापान को राहत साम्रगी की खेप भेजी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जापानी दूतावास पहुंचकर शोक पुस्तिका पर हस्ताक्षर किए। परमाणु दुर्घटना से होने वाले खतरे को मापने वाले सात अंक के अंतर्राष्ट्रीय पैमाने पर यह चेतावनी अब पांच पर पहुंच गई है। वेबसाइट 'बीबीसी डॉट को डॉट यूके' के अनुसार जापान द्वारा फुकुशिमा परमाणु संयंत्र का सतर्कता स्तर बढ़ा देने से अब यह 1986 में यूक्रेन की चेर्नोबिल परमाणु त्रासदी से दो स्तर नीचे रह गया है। जापान की परमाणु एजेंसी द्वारा यह स्तर 'व्यापक परिणामों वाली दुर्घटना' के रूप में बढ़ाया गया है। इस बीच रात भर बर्फबारी जारी रहने की वजह से अब भूकम्प के मलबे में तब्दील इमारतों में किसी के जीवित बचने की आशा भी समाप्त हो गई है। इसके अलावा इस आपदा में सुरक्षित बच निकले लाखों भाग्यशाली लोगों को अब पानी, बिजली, ईंधन या भोजना की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। लाखों लोग बेघर भी हो गए हैं। जापान के सरकारी रेडियो एनएचके के मुताबिक आपदा में अब तक 6911 लोगों के मारे जाने और 10,316 के लापता होने की पुष्टि हो चुकी है। सप्ताह भर पहले कुदरत द्वारा बरपाये गए इस कहर में मारे लोगों की याद में जापान के लोगों ने शुक्रवार को को मौन रखा। इस बीच जापान के प्रधानमंत्री नाओता कान ने टेलीविजन पर प्रसारित राष्ट्र के नाम संदेश में कहा, "हम जापान का पुनर्निर्माण करेंगे। यह प्रण हम सभी को लेना होगा। प्राकृतिक आपदा और परमाणु संकट जापान की जनता की परीक्षा की घड़ी है।" उधर, हालात का जायजा लेने और जापान सरकार और अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए छह विशेषज्ञों के साथ जापान पहुंच आईएईए के महानिदेशक यूकियो अमानो ने पत्रकारों से कहा कि संयंत्र को पिघलने से रोकने का काम 'वक्त से संघर्ष' करने जैसा है। अमानो ने स्पष्ट किया कि इस दौरे के तहत उनकी फुकुशिमा संयंत्र जाने की योजना नहीं है इससे पहले उनके संयंत्र पहुंचने के कयास लगाए जा रहे थे। उन्होंने कहा कि उनका चार सदस्यीय दल टोक्यो पर विकिरण के प्रभाव की निगरानी रखने का काम शुरू करेगा। इस बीच कान ने कहा है कि उनकी सरकार फुकुशिमा परमाणु संयंत्र बारे में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को पूरी जानकारी देगी। अमानो के साथ शुक्रवार को बैठक में कही। जापान समाचार एजेंसी 'एनएचके' के मुताबिक अमानो ने कहा कि आईएईए और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय संयंत्र की स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है और जापान के साथ इस मामले में सहयोग को तैयार है। उन्होंने जापान से इस बारे में और अधिक जानकारी मांगी। कान ने कहा कि सरकार, सेल्फ डिफेंस फोर्स, पुलिस और अग्निशमन विभाग स्थिति से निपटने के लिए हर सम्भव उपाय कर रहे हैं। सरकार के पास जो भी सूचना है, उसे जाहिर किया जा रहा है। लेकिन सूचना एकत्र करने के प्रयास सम्भवत: अपर्याप्त हैं। सरकार संयंत्र की नियमित फोटो लेकर और विकिरण पर निगरानी बढ़ाकर इस बारे में और अधिक जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है। संयंत्र पर पानी डालने के लिए टोक्यो से और सेना के अग्निशमन वाहनों को लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को भी भेजा गया। बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए नई लाइन बिछायी जा रही है लेकिन इन्हें जोड़ने के काम में विकिरण की वजह से रुकावट आ रही है। जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव यूकियो इनादो ने कहा कि रेडियोधर्मी विकिरण का स्तर अब मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक स्तर पर नहीं है लेकिन इससे पहले कुछ अवसरों पर इसमें वृद्धि हुई थी। संयंत्र तीसरा रिएक्टर चिंता का विषय बना हुआ है। इसमें पानी खतरनाक ढंग से कम हो गया है और यहां एकत्रित करके रखी गईं ईंधन रॉड्स दिखने लगी हैं। अगर इसमें जमा पानी खत्म हो गया तो परमाणु चेन रिएक्शन की वजह से और ज्यादा विकिरण फैलेगा। परमाणु संयंत्र के 20 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को हटाया जा चुका है और इसके बाद 30 किलोमीटर तक के दायरे में रहने वाले लोगों को घरों के खिड़की दरवाजे बंद रखने को कहा गया है। कई देशों ने जापान में मौजूद अपने नागरिकों को संयंत्र से 50 किलोमीटर दूर रहने को कहा है। इस बीच भारत ने एयर इंडिया के दो विशेष विमानों से करीब 25 टन राहत सामग्री भूकम्प प्रभावित जापान के लिए भेजी है। एयर इंडिया के एक अधिकारी ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी।जापान को भेजी गई इस राहत सामग्री में उच्च गुणवत्ता वाले 10-10 हजार कम्बलों की खेप भी है। यह सामग्री मंगलवार और बुधवार को रवाना की गई थी। राहत सामग्री के अलावा एयर इंडिया ने सोमवार तक 423 यात्रियों की क्षमता वाले विमानों का भी रोजाना परिचालन शुरू किया है, ताकि इच्छुक भारतीयों की स्वदेश वापसी सुनिश्चित की जा सके। चीन ने भूकम्प और उसके बाद उठी भयावह सुनामी से जूझ रहे जापान में राहत सामग्री के तौर पर 10 टन पानी की बोतलें भेजी हैं। चीन के उत्तर पूर्वी शहर चांगचुन से विमान के जरिए पानी की बोतलों के 800 बक्से रवाना किए गए। वाशिंगटन में उधर, बराक ओबामा ने अचानक जापानी दूतावास पहुंचकर वहां रखी शोक पुस्तिका पर हस्ताक्षर किए। शोक पुस्तिका पर लिखे अपने संक्षिप्त संदेश में उन्होंने इसे 'दिल दहला देने वाली त्रासदी' करार दिया और कहा कि अमेरिका जापान को इस त्रासदी से बाहर निकलने में हर तरह की मदद मुहैया कराने को तैयार है। अभिनेत्री सांड्रा बुलॉक ने जापान के भूकम्प व सुनामी पीड़ितों की मदद के लिए अमेरिकी रेडक्रॉस को 10 लाख डॉलर दान किए हैं। जिन लोगों ने रेडक्रॉस को दान दिया है, उनमें से बुलॉक ने सबसे ज्यादा राशि दान की है। बहरहाल, जापान की त्रासदी को न केवल वहां रह रहे लोग भुगत रहे हैं, बल्कि इससे दूर देश के लोग भी प्रभावित हो रहे हैं। समाचार पत्र, रेडियो, टेलीविजन, इंटरनेट पर इससे सम्बंधित खबरें लोगों को सदमे की स्थिति में पहुंचा सकती हैं। न्यूजीलैंड में मैसी यूनीवर्सिटी के मनोविज्ञान विभाग से जुड़े इयान दे तेर्ते के अनुसार लोगों को सदमा कई कारणों से होता है। कई बार लोग सीधे तौर किसी गहरी विपदा में फंसने या आघात के कारण सदमे में आते हैं तो ऐसे लोग भी सदमे में पड़ सकते हैं, जिनका पीड़ितों के साथ व्यक्तिगत जुड़ाव हो या वे लगातार विनाशकारी और त्रासदीपूर्ण घटनों से सम्बंधित समाचार देखते रहे हों। यह उन कर्मचारियों के साथ खास तौर पर लागू होता है जो मृतकों, घायलों, शोक संतप्त लोगों या दूसरे पीड़ितों के सीधे सम्पर्क में रहते हैं। लेकिन किसी विनाशकारी आपदा के बारे में टेलीविजन पर लगातार देखने, पढ़ने और सुनने के कारण भी सदमे का खतरा पैदा हो सकता है।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
जापान, परमाणु, रेडिएशन, विकिरण, Japan, Nuclear Plant, Radiation
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com