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67 हजार लोगों की मौत, बिना एनेस्थिसिया के ऑपरेशन... फिलिस्तीन के राजदूत ने NDTV को बताया गाजा का दर्द

दो साल पहले 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर बर्बर हमला किया था, जिससे यह संघर्ष शुरू हुआ था. हमास ने उस हमले में लगभग 1,250 इजरायली नागरिकों की हत्या कर दी थी और करीब 250 लोगों को बंधक बना लिया था. जिसके बाद इजरायल की जवाबी कार्रवाई में गाजा में भयंकर तबाही मची.

67 हजार लोगों की मौत, बिना एनेस्थिसिया के ऑपरेशन... फिलिस्तीन के राजदूत ने NDTV को बताया गाजा का दर्द
भारत में फिलिस्तीन के राजदूत अब्दुल्ला अबू शवेश ने NDTV के आदित्य राज कौल से बात की.
  • फिलिस्तीन के राजदूत ने कहा कि गाजा में दो साल तक चले युद्ध में लगभग 67 हजार नागरिक मारे गए.
  • फिलिस्तीन के राजदूत के अनुसार युद्ध में मारे गए अधिकांश लोग नागरिक थे, उनकी तस्वीरें भी यही दर्शाती हैं.
  • गाजा के स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई थी जिससे सैकड़ों बच्चे कुपोषण और भोजन की कमी के कारण दम तोड़ गए.
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नई दिल्ली:

Israel-Hamas War: दो साल तक मौत का तांडव, करीब 67 हजार लोगों की मौत, भूखमरी ऐसी कि बच्चों ने तड़प-तड़प कर जान गंवाई, व्यवस्था ऐसी चरमराई कि बिना एनेस्थिसिया के लोगों के ऑपरेशन किए गए... मानवता की मौत की यह कहानी है गाजा की. वहीं गाजा जो दो साल तक इजरायल की बर्बर बमबारी और हमलों से जूझता रहा. अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पहल पर इजरायल और हमास के बीच शांति समझौता हो गया है. जिसके बाद गाजा में जिंदगी के पटरी पर लौटने की जल्द शुरुआत होने की उम्मीद बंधी है.

गाजा शांति समझौते के बाद NDTV ने फिलिस्तीन के राजदूत से बात की है. इस बातचीत के दौरान फिलिस्तीन के राजदूत ने गाजा की तबाही और बर्बादी की जो कहानी बताई, वो सिहरन पैदा कर देने वाली है.

फिलिस्तीन के राजदूत ने बताया- मारे गए 67 हजार लोग फिलिस्तीनी नागरिक

दरअसल भारत में फिलिस्तीन के राजदूत अब्दुल्ला अबू शावेश ने NDTV से हुई खास बातचीत में बताया, "मारे गए 67,000 फिलिस्तीनी पूरी तरह से नागरिक थे, हमास से संबंधित नहीं थे." उन्होंने तर्क दिया कि पीड़ितों की सूची और प्रकाशित तस्वीरों से पता चलता है कि मारे गए लोग लड़ाके नहीं थे.

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'बिना एनेस्थीसिया दिए ही बच्चों के पैर-हाथ काट दिए'

उन्होंने आगे कहा, "सैकड़ों बच्चों की मौत कुपोषण और भोजन की कमी के कारण हुई. हेल्थ सिस्टम ऐसा फेल हुआ कि कई सर्जरी बिना एनेस्थीसिया दिए की गईं. बिना एनेस्थीसिया दिए ही बच्चों के पैर-हाथ काट दिए गए." अब आप समझ सकते हैं कि बिना एनेस्थिसिया दिए की गई सर्जरी का दर्द झेलने वालों पर क्या बीता होगा.

बिना एनेस्थिसिया दिए ऑपरेशन में कितना दर्दनाक

मालूम हो कि शरीर के किसी हिस्से की सर्जरी से पहले मरीज को एनेस्थीसिया देकर बेहोश किया जाता है. या फिर जिस हिस्से की सर्जरी की जानी होती है, उसे सुन्न कर दिया जाता है. लेकिन गाजा में जंग के दौरान घायल लोगों को जान बचाने के लिए कई सर्जरी बिना एनेस्थीसिया दिए की गई.

कल्पना कीजिए, अंगुली में एक सुई चुभने पर कितना तेज दर्द होता है. लेकिन यदि किसी के शरीर का कोई हिस्सा उसे बिना बेहोश किए काट दिया जाए तो उसे कितनी तेज दर्द हुई होगी. यह गाजा की कहानी वहां की पंगू हुई व्यवस्था की पूरी कहानी बता रही है.

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